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रेप के बाद गर्भपात के मामले में सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायाल ने ये फैसला पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद सुनाया। मेडिकल रिपोर्ट में ये कहा गया था कि महिला को गर्भपात की इजाजत दी सकती है।
नई दिल्ली | रेप पीड़िता के गर्भपात को लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला दिया है।
उच्चतम न्यायालय ने रेप के बाद 28 हफ्तों की गर्भवती को गर्भपात कराने की इजाजत दी है।
रेप के बाद गर्भपात के मामले में सुनवाई करते हुए उच्चतम न्यायाल ने ये फैसला पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट देखने के बाद सुनाया।
मेडिकल रिपोर्ट में ये कहा गया था कि महिला को गर्भपात की इजाजत दी सकती है।
महिला के बिना मर्जी के गर्भवती होने से मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर
अपना फैसला सुनाते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि गर्भावस्था किसी परिवार के लिए ख़ुशी का स्त्रोत है, लेकिन कई बार यह बेहद ही दुखी करने वाला भी होता है।
शादी के बिना या महिला के बिना मर्जी के गर्भवती होने पर ये उसके मानसिक स्वास्थ्य पर बेहद बुरा असर ड़ालता है। इसलिए इस मामले में कोर्ट महिला के गर्भपात की अनुमति देता है।
अदालत ने इस मामले में पीड़िता की दोबारा जांच कराने का आदेश दिया था, उसके बाद ही आज इस मामले में फैसला सुनाया गया है।
Supreme Court allows a rape victim from Gujarat to terminate her pregnancy.
— ANI (@ANI) August 21, 2023
Supreme Court observes that in Indian society, within the institution of marriage, pregnancy is a source of joy for a couple and society. However, outside marriage, it has effects on the mental health of… https://t.co/G2hN27rcUA
गुजरात हाई कोर्ट की लेट लतीफी पर नाराजगी
इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर गुजरात हाई कोर्ट की लेट लतीफी पर नाराजगी जताते हुए चिंता जाहिर की है।
दरअसल, गुजरात हाई कोर्ट ने पीड़िता के गर्भपात को नामंजूर कर दिया था।
न्यायालय ने कड़े शब्दों में कहा कि ऐसे गंभीर मामलों में हमें त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। इन्हें सामान्य मानकर उदासीन रवैया नहीं रखना चाहिए।