उदयपुर के पूर्व राजघराने में विवाद: उदयपुर के सिटी पैलेस में विश्वराज सिंह का प्रवेश विवाद

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Highlights

  • उदयपुर के सिटी पैलेस में विश्वराज सिंह का प्रवेश विवाद: पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके पुत्र विश्वराज सिंह का राजतिलक चित्तौड़गढ़ में हुआ, लेकिन उदयपुर सिटी पैलेस में प्रवेश पर रोक के कारण विवाद गहरा गया है।
  • समर्थकों की भीड़ और पुलिस के बीच टकराव: विश्वराज सिंह के समर्थकों ने सिटी पैलेस के बाहर पहुंचकर बैरिकेड हटाने की कोशिश की, जिससे पुलिस से उनकी नोकझोंक हुई।
  • राजतिलक परंपरा या संपत्ति विवाद?: अरविंद सिंह मेवाड़ का दावा है कि परिवार के विवाद के कारण उनके अधिकार के तहत सिटी पैलेस में विश्वराज सिंह का प्रवेश रोका गया है।
  • तनावपूर्ण स्थिति में प्रशासन का हस्तक्षेप: प्रशासनिक अधिकारियों ने दोनों पक्षों में सुलह की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली, जिससे सिटी पैलेस के बाहर तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

उदयपुर/चित्तौड़गढ़ – उदयपुर के पूर्व राजघराने में पारंपरिक राजतिलक की रस्में आजकल विवादों का विषय बन गई हैं। पूर्व सांसद महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद उनके बड़े बेटे, विश्वराज सिंह मेवाड़, का राजतिलक चित्तौड़गढ़ किले में पारंपरिक ढंग से संपन्न हुआ। लेकिन जब वे परंपरानुसार धूणी दर्शन के लिए उदयपुर के सिटी पैलेस पहुँचे, तो उनके चाचा, अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार द्वारा सिटी पैलेस के दरवाजे बंद कर दिए गए।

समर्थकों की भीड़ और पुलिस का संघर्ष

विश्वराज सिंह के साथ उनके समर्थकों का काफिला सिटी पैलेस के मुख्य द्वार पर पहुंचा। समर्थकों ने बैरिकेड्स हटाने की कोशिश की, और पुलिस के साथ उनकी नोकझोंक हुई। पुलिस ने पैलेस के बाहर सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारी बंदोबस्त किया। हालात को संभालने के लिए जिला कलेक्टर और एसपी ने विश्वराज सिंह से बातचीत की, लेकिन सुलह की कोशिश नाकाम रही।

परंपराओं का सम्मान या संपत्ति विवाद?

चित्तौड़गढ़ में विश्वराज सिंह का राजतिलक तो संपन्न हो गया, लेकिन पैलेस और एकलिंगजी मंदिर के भीतर उनकी एंट्री पर रोक का आदेश अरविंद सिंह मेवाड़ के परिवार ने दे रखा है। अरविंद सिंह का दावा है कि उनके भाई महेंद्र सिंह को 1984 में भगवत सिंह मेवाड़ ने पारिवारिक विवादों के चलते बेदखल कर दिया था और वे महेंद्र सिंह के परिवार को सिटी पैलेस में किसी भी रस्म की इजाजत नहीं देना चाहते। अरविंद सिंह का कहना है कि वे भगवत सिंह की वसीयत के एग्जीक्युटर हैं और संपत्ति पर उनके ही अधिकार हैं।

प्रशासन और अदालत का दखल

उदयपुर के सिटी पैलेस और एकलिंगजी मंदिर पर दोनों परिवारों के बीच संपत्ति विवाद अदालत में भी लंबित है। पहले अदालत ने सिटी पैलेस और अन्य संपत्ति को चार-चार साल के लिए दोनों परिवारों को सौंपने का आदेश दिया था, लेकिन बाद में उस पर स्टे आ गया। वर्तमान में अधिकांश संपत्ति अरविंद सिंह मेवाड़ के अधिकार क्षेत्र में है। प्रशासन ने दोनों पक्षों के बीच विवाद को हल करने की कोशिश की, लेकिन कोई सहमति नहीं बन सकी।

समर्थकों का सिटी पैलेस के बाहर डेरा

राजतिलक की रस्म पूरी करने के लिए अड़े विश्वराज सिंह अपने समर्थकों के साथ सिटी पैलेस के बाहर डेरा जमाए हुए हैं। वे अपने पैतृक अधिकारों के तहत धूणी दर्शन के लिए जाने पर अड़े हैं, जबकि अरविंद सिंह का परिवार पैलेस और मंदिर में उनके प्रवेश को रोक रहा है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सख्त कदम उठाए गए हैं।

उदयपुर राजघराने का यह पुराना विवाद एक बार फिर गहराता जा रहा है और अब यह देखना होगा कि दोनों पक्ष आपसी सहमति से समाधान निकालते हैं या फिर अदालत का दरवाजा खटखटाते हैं।

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