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छा गई जालोर की बेटी आकांक्षा, ’चांसलर्स स्वर्ण पदक’ से सम्मानित, ’गेहूं के धारीदार रोग का व्यापिकी अध्ययन एवं प्रबन्धन’ पर शोधकर पाया प्रथम स्थान.....
जयपुर | राजस्थान की बेटियां किसी भी कार्य में पीछे नहीं हैं। जहां कुछ बेटियां अपने शारीरिक परिश्रम के बल पर राज्य का नाम गौरान्वित कर रही हैं वहीं कुछ अपने दिमाग से राज्य को विभिन्न क्षेत्र में विकसित करने में महत्पूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
हर क्षेत्र में राजस्थान की बेटियों ने बाजी मारी है। इन्हीं बेटियों में से एक हैं राजस्थान के जालोर जिले की आकांक्षा देवड़ा।
जहां कृषि के क्षेत्र में महिलाओं की भूमिका नगण्य पाई जाती हैं वहीं, आकांक्षा ने इस क्षेत्र में काफी महत्वपूर्ण कार्य किया है।
जालोर की मूल निवासी आकांक्षा ने अपने जिले का नाम रोशन किया है। उन्हें उनके शोध कार्य के लिए ’चांसलर्स स्वर्ण पदक’ से सम्मानित किया गया है।
जयपुर के जोबनेर में स्थित श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय (Shri Karna Narendra Agricultural University) में 16 मार्च को हुए पंचम दीक्षान्त समारोह में आकांक्षा देवड़ा को विद्यावाचस्पति (पीएचडी) में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सम्मानित किया गया है।
आकांक्षा को ’गेहूं के धारीदार रोग (पक्सीनिया स्ट्राइफॉर्मिस फॉर्मा स्पेसियेलिस ट्रिटिसाई) का व्यापिकी अध्ययन एवं प्रबन्धन’ पर शोध के लिए चांसलर्स स्वर्ण पदक से नवाजा गया है।
आकांक्षा देवड़ा 89.10 प्रतिशत अंक प्राप्त कर प्रथम स्थान पर रहीं हैं। उनकी इस उपलब्धि पर उनके परिवार में खुशी का माहौल है।
आपको बता दें कि, जालोर की बेटी आकांक्षा ने इससे पूर्व साल 2017 में भी स्नातक (बीएससी) में प्रथम स्थान प्राप्त किया था। तब उन्हें स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर द्वारा स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया था।