Highlights
मनोहर सिंह राठौड़ को 'अल्पज्ञ साहित्य सम्मान' से सम्मानित किया गया.
डॉ. मनु शर्मा और डॉ. अजीजुल्लाह शीरानी को 'अल्पज्ञ साहित्य भूषण सम्मान' मिला.
टोंक जिले की 9 प्रतिभाओं को 'अल्पज्ञ प्रतिभा सम्मान' दिया गया.
समारोह में स्वर्गीय शंभू सिंह राजावत की पुस्तकों की प्रदर्शनी भी लगी.
टोंक. अल्पज्ञ साहित्य स्मृति संस्थान (Alpagya Sahitya Smriti Sansthan) का पांचवां वार्षिक समारोह आज अरबी फारसी शोध संस्थान (Arabi Farsi Shodh Sansthan) में आयोजित हुआ. इसमें वरिष्ठ साहित्यकार मनोहर सिंह राठौड़ (Manohar Singh Rathore) को 'अल्पज्ञ साहित्य सम्मान' से नवाजा गया.
मनोहर सिंह राठौड़ को 'अल्पज्ञ साहित्य सम्मान'
इस वर्ष यह सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार मनोहर सिंह राठौड़, जोधपुर को मिला है. उन्हें उनकी राजस्थानी कहानी संग्रह 'धरती री सोरम' के लिए दिया गया.
राठौड़ का साहित्यिक योगदान
मनोहर सिंह राठौड़ की अब तक 60 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं. उनका साहित्यिक योगदान राजस्थान में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है.
'अल्पज्ञ साहित्य भूषण सम्मान'
संस्था ने जिले की दो साहित्यिक हस्तियों को भी सम्मानित किया. डॉ. मनु शर्मा और डॉ. अजीजुल्लाह शीरानी को यह सम्मान मिला.
'अल्पज्ञ प्रतिभा सम्मान' के विजेता
संस्था ने टोंक जिले की 9 समर्पित प्रतिभाओं को सम्मानित किया. उन्हें 'अल्पज्ञ प्रतिभा सम्मान' से नवाजा गया.
साहित्य और शिक्षा क्षेत्र में सम्मान
साहित्य के लिए आर एल दीपक, केदार शर्मा, ममता जाट मंजुला को सम्मान मिला. रेखा जैन और नंदू राजस्थानी को भी यह पुरस्कार प्राप्त हुआ.
फिल्म और कला क्षेत्र की प्रतिभाएं
फिल्म क्षेत्र के लिए जी नटराज को सम्मानित किया गया. कला क्षेत्र में डॉ. हनुमान सिंह खरेडा व रश्मि राजावत को पुरस्कार मिला.
पत्रकारिता क्षेत्र के सम्मान
आयोजन में पत्रकारिता क्षेत्र के लोगों को भी संस्थान द्वारा सम्मानित किया गया. विनोद कुमार शर्मा, राजकुमार करनाणी, एम असलम प्रमुख थे.
अन्य सम्मानित पत्रकार
मनोज तिवारी (आज तक) और जसवंत सिंह सोलंकी भी सम्मानित हुए. प्रवीण सिंह को भी उनके पत्रकारिता योगदान के लिए सराहा गया.
गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति
समारोह में भाजपा जिलाध्यक्ष चंद्रवीर सिंह चौहान उपस्थित थे. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सूरज सिंह नेगी ने भी अपने विचार रखे.
साहित्यिक हस्तियों के विचार
कवि कल्याण सिंह शेखावत और डॉ. दिनेश कुमार जांगिड़ 'सारंग' भी मौजूद थे. डॉ. घनश्याम नाथ कच्छावा ने भी अपने महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए.
धन्यवाद ज्ञापन
संस्था उपाध्यक्ष धनराज सिंह राजावत ने धन्यवाद ज्ञापित किया. उन्होंने सभी आगंतुक अतिथियों और साहित्य प्रेमियों का आभार व्यक्त किया.
अल्पज्ञ की विरासत
समारोह स्थल पर स्वर्गीय शंभू सिंह राजावत 'अल्पज्ञ' की पुस्तकों की प्रदर्शनी लगी थी. उनकी अप्रकाशित पांडुलिपियां भी प्रदर्शित की गईं.
वृत्तचित्र और संस्थान के कार्य
कार्यक्रम में 'अल्पज्ञ' के जीवन पर बने वृत्तचित्र को भी दिखाया गया. सचिव ब्रजराज राजावत ने संस्थान के पिछले पांच वर्षों के कार्यों का विवरण दिया.
भविष्य की योजनाएं और प्रोत्साहन
ब्रजराज राजावत ने अगले वर्ष की योजनाओं पर प्रकाश डाला. संस्थान युवा प्रतिभाओं को साहित्यिक प्रवृत्तियों के लिए प्रोत्साहित करेगा.