अमेरिका में जयशंकर ने होस्ट की ब्रिक्स मीटिंग: अमेरिका की धरती पर जयशंकर ने होस्ट की ब्रिक्स मीटिंग, ट्रंप की नाराजगी के बावजूद भारत ने मजबूत की अपनी स्थिति

अमेरिका की धरती पर जयशंकर ने होस्ट की ब्रिक्स मीटिंग, ट्रंप की नाराजगी के बावजूद भारत ने मजबूत की अपनी स्थिति
S Jaishankar in Newyork meeting
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Highlights

  • विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने न्यूयॉर्क में ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की।
  • यह बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ब्रिक्स विरोधी नीतियों के बावजूद हुई।
  • ब्रिक्स ने बहुपक्षवाद, शांति निर्माण और संयुक्त राष्ट्र सुधारों पर ज़ोर दिया।
  • भारत की अध्यक्षता डिजिटल परिवर्तन और सतत विकास पर केंद्रित होगी।

भारत (India) के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S. Jaishankar) इस समय अमेरिका (United States of America) के न्यूयॉर्क (New York) शहर में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अनुपस्थिति के कारण यह जिम्मेदारी संभालते हुए, जयशंकर ने एक ऐसा कदम उठाया जिसने अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक हलकों में काफी चर्चा बटोरी।

अमेरिका की धरती पर ब्रिक्स (BRICS) देशों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। शुक्रवार को न्यूयॉर्क में, विदेश मंत्री जयशंकर ने ब्रिक्स के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों और अन्य प्रतिनिधिमंडलों के लिए एक मीटिंग होस्ट की। यह घटना इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ब्रिक्स जैसे बहुपक्षीय संगठनों के प्रति अपनी असहमति व्यक्त करते रहे हैं। ट्रंप प्रशासन के ब्रिक्स विरोधी रुख के बावजूद, भारत ने अमेरिकी धरती पर इस समूह की बैठक आयोजित कर अपनी स्वतंत्र विदेश नीति का प्रदर्शन किया।

अहम मुद्दों पर हुई बातचीत

न्यूयॉर्क में ब्रिक्स के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई इस बैठक में कई अहम वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। भारतीय विदेश मंत्री ने इस दौरान निम्नलिखित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला:

जयशंकर ने कहा कि बहुपक्षवाद दबाव में होने पर भी ब्रिक्स तर्क और रचनात्मक परिवर्तन की सशक्त आवाज़ बना रहा है। उन्होंने अशांत विश्व में शांति निर्माण, संवाद, कूटनीति और अंतर्राष्ट्रीय कानून के पालन को सुदृढ़ करने पर जोर दिया।

ब्रिक्स को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UN Security Council) सहित प्रमुख अंगों में व्यापक सुधार के लिए अपने सामूहिक आह्वान को मज़बूत करना चाहिए, ताकि वैश्विक शासन संरचनाएं अधिक समावेशी बन सकें।

बढ़ते संरक्षणवाद, टैरिफ की अस्थिरता और गैर-टैरिफ बाधाओं के कारण व्यापार प्रवाह पर पड़ रहे नकारात्मक प्रभावों को देखते हुए, जयशंकर ने ब्रिक्स को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करने का आह्वान किया। उन्होंने यह भी बताया कि टेक्नोलॉजी और इनोवेशन, ब्रिक्स के आपसी सहयोग के अगले चरण को परिभाषित करेंगे।

भारत की आगामी अध्यक्षता डिजिटल परिवर्तन, स्टार्टअप्स, इनोवेशन और मज़बूत विकास साझेदारियों के ज़रिए खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास पर केंद्रित होगी।

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