जालोर: 80 वर्षीय मां का न्याय के लिए अनशन: बेटे के हत्यारों की गिरफ्तारी तक 80 वर्षीय मां का अनशन जारी, 25 नवम्बर को महापड़ाव का आह्वान

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Highlights

  • 80 वर्षीय मां हवा कंवर अपने मृत बेटे गणपतसिंह के लिए सात दिनों से भूख हड़ताल पर।
  • अब 25 नवम्बर को सर्व समाज की ओर से महापड़ाव का आह्वान किया गया है।
  • विधायक समरजीत सिंह और करणी सेना ने दिया समर्थन, लेकिन मां अपने फैसले पर अडिग।
  • पुलिस को दो दिन का अल्टीमेटम, अन्यथा उग्र आंदोलन की चेतावनी।

जालोर: जालोर (Jalore) में 80 वर्षीय हवा कंवर (Hawa Kanwar) अपने मृत बेटे गणपतसिंह (Ganpatsingh) को न्याय दिलाने के लिए सात दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। अब 25 नवम्बर को सर्व समाज की ओर से महापड़ाव का आह्वान किया गया है।

जालोर की सर्द ज़मीन पर न्याय की एक ऐसी लौ जल रही है, जिसे उम्र का कोई बंधन बुझा नहीं पा रहा। एक अस्सी वर्षीय मां, अपने मृत बेटे के लिए पिछले सात दिनों से अन्न-जल त्यागकर बैठी है। यह सिर्फ एक भूख हड़ताल नहीं, यह न्याय के लिए एक मां का अटल संग्राम है, जो हर गुजरते दिन के साथ और भी गहराता जा रहा है।

गणपतसिंह हत्याकांड: न्याय की मांग में परिवार का अनशन

यह हृदय विदारक मामला जालोर जिले के रामसीन थाना क्षेत्र के मांडोली गांव का है। इसी गांव में 28 अगस्त 2024 को किराना व्यापारी गणपतसिंह की निर्मम हत्या कर दी गई थी। इस जघन्य वारदात ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया और एक हंसता-खेलता परिवार एक पल में बिखर गया। इस दुख की घड़ी में भी, परिवार ने हार नहीं मानी और न्याय की आस में डटा रहा।

इस दर्दनाक हत्याकांड के खुलासे और हत्यारों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर, मृतक गणपतसिंह का पूरा परिवार पिछले सात दिनों से जालोर जिला कलेक्ट्रेट के सामने भूख हड़ताल पर बैठा है। इस परिवार में गणपतसिंह की अस्सी वर्षीय मां हवा कंवर के साथ, उनकी पत्नी भारती, भाभी प्रकाश कंवर, भाभी धीरज कंवर और हृदय रोगी भाई अभय सिंह भी शामिल हैं। हर दिन बीतता है, हर शाम ढलती है, पर न्याय की आस में बैठे इन चेहरों पर दृढ़ संकल्प की चमक और बढ़ती जाती है।

विधायक समरजीत सिंह की अपील और मां का अटल संकल्प

धरना स्थल पर सातवें दिन भीनमाल विधायक समरजीत सिंह पहुंचे। उन्होंने इस बुजुर्ग मां से मुलाकात की और उनकी बिगड़ती तबीयत पर गहरी चिंता जताई। विधायक ने हवा कंवर से भूख हड़ताल समाप्त करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आप बुजुर्ग हैं, इतने दिनों तक भूखे रहना आपके स्वास्थ्य के लिए ठीक नहीं है। परिवार बड़ा है और जिम्मेदारियां हैं। आप हड़ताल खत्म कर दें, बाकी की लड़ाई हम सब मिलकर लड़ेंगे और न्याय सुनिश्चित करेंगे।

पर, न्याय की इस देवी ने अपने संकल्प से एक इंच भी डिगने से इनकार कर दिया। विधायक समरजीत सिंह की समझाइश के बावजूद, मृतक गणपतसिंह की मां हवा कंवर अपने फैसले पर अडिग रहीं। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, "जब तक मेरे बेटे को न्याय नहीं मिलेगा, जब तक उसके हत्यारे सलाखों के पीछे नहीं होंगे, तब तक यह भूख हड़ताल जारी रहेगी। भले मेरे बेटे और बहुओं को भूख हड़ताल समाप्त करनी हो, वे कर सकती हैं, लेकिन मेरी तो न्याय मिलने तक भूख हड़ताल जारी रहेगी। भले मेरा गला कट जाए, लेकिन यह प्रदर्शन नहीं रुकेगा।" उनके ये शब्द सुनकर हर आंख नम हो गई और हर दिल में एक कसक उठ गई।

परिवार का बलिदान और स्वास्थ्य चिंताएं

यह सिर्फ एक मां का दर्द नहीं, यह पूरे परिवार का बलिदान है। परिवार में मृतक के भाई अभय सिंह, जो स्वयं एक हृदय रोगी हैं और जिनकी करीब दो साल पहले सर्जरी भी हुई थी, वे भी अपने भाई के लिए भूखे पेट कलेक्ट्रेट के सामने डटे हुए हैं। यह दिखाता है कि न्याय की यह पुकार कितनी गहरी और कितनी मार्मिक है। डॉक्टरों की एक टीम लगातार सभी अनशनकारियों की तबीयत पर नज़र रखे हुए है।

डॉक्टरों का कहना है कि मां हवा कंवर शुगर पेशेंट होने के कारण लगातार खाना न खाने से अपनी दवाएं भी नहीं ले पा रही हैं, जिससे आने वाले दिनों में उनकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं। उनकी स्वास्थ्य स्थिति लगातार बिगड़ रही है, लेकिन इस मां के लिए, बेटे के हत्यारों को सज़ा मिलने से बड़ा कोई दर्द नहीं। उनकी दृढ़ता और त्याग ने सभी को स्तब्ध कर दिया है।

करणी सेना और अन्य विधायकों का समर्थन: आंदोलन की चेतावनी

इस बीच, करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष महिपाल सिंह मकराना भी शनिवार देर शाम धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने पुलिस प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि यदि इन दो दिनों में हत्याकांड का खुलासा नहीं हुआ और आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई, तो राजपूत समाज एकजुट होकर एक उग्र आंदोलन करेगा। मकराना ने जोर देकर कहा कि 80 वर्ष की मां को इस सर्दी में सड़क पर नहीं रहने देंगे और न्याय के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

इसके साथ ही शनिवार को बाड़मेर शिव विधायक रविन्द्र सिंह और पोकरण विधायक प्रताप पुरी महाराज भी धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने भी अनशनकारियों से मुलाकात की और जालोर एसपी से बात कर हत्यारों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की। इन नेताओं के समर्थन से इस मामले ने अब राजनीतिक और सामाजिक गलियारों में भी जोर पकड़ लिया है।

न्याय की अग्नि और प्रशासन की चुनौती

न्याय की इस लड़ाई के और भी तेज होने की संभावना है। एक मां की आंखों में अपने बेटे के लिए न्याय की जो अग्नि प्रज्वलित हुई है, वह तब तक शांत नहीं होगी, जब तक गुनहगारों को उनकी सज़ा नहीं मिल जाती। यह सिर्फ जालोर की कहानी नहीं, यह उस हर मां की पुकार है, जो अपने बच्चों के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।

सवाल यह है कि क्या इस मां को न्याय मिलेगा? क्या प्रशासन इस बूढ़ी आंख में उम्मीद की रोशनी लौटा पाएगा? यह देखना होगा कि पुलिस और प्रशासन इस दबाव में कब तक हत्याकांड का खुलासा कर पाता है और हत्यारों को कब तक सलाखों के पीछे पहुंचाता है। पूरा प्रदेश इस मां के न्याय के संघर्ष को देख रहा है और उम्मीद कर रहा है कि जल्द ही उन्हें न्याय मिलेगा।

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