कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुई थी शामिल: चुनावी गणित के बीच ज्योति मिर्धा और उनकी बहन समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज

चुनावी गणित के बीच ज्योति मिर्धा और उनकी बहन समेत तीन के खिलाफ केस दर्ज
Jyoti Mirdha
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नागौर से भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) और उनकी बहन समेत तीन पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। जोधपुर में पुलिस कमिश्नरेट के उदय मंदिर थाना पुलिस ने फरियादी अनिल चौधरी के इस्तगासे पर कोर्ट के आदेश के बाद मामला दर्ज किया है। 

जोधपुर  | राजस्थान में चुनाव के बाद सीटों का गणित बैठाने में जुटी भाजपा के लिए बड़ी परेशानी वाली खबर सामने आई है। 

नागौर से भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा (Jyoti Mirdha) और उनकी बहन समेत तीन पर धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज हुआ है। 

जोधपुर में पुलिस कमिश्नरेट के उदय मंदिर थाना पुलिस ने फरियादी अनिल चौधरी के इस्तगासे पर कोर्ट के आदेश के बाद मामला दर्ज किया है। 

ये मामला आदर्श प्रगतिशील गृह निर्माण सहकारी समिति के भूखंड विवाद का बताया जा रहा है। इसमें तीन आरोपियों पर फर्जीवाड़ा करने के आरोप लगे हैं।

जिनमें भाजपा प्रत्याशी ज्योति मिर्धा के अलावा राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा की पत्नी हेम श्वेता और प्रेम प्रकाश मिर्धा को भी आरोपी बनाया गया हैं। 

बता दें कि ज्योति मिर्धा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रिछपाल मिर्धा की भतीजी हैं और उन्होंने विधानसभा चुनावों से पहले ही कांग्रेस का हाथ छोड़कर भाजपा का दामन थामा था। 

क्या है मामला ? 

दरअसल, इन तीनों पर जमीन विक्रय को लेकर कूट रचित विलेख बनाने का आरोप लगाया गया है।

ज्योति मिर्धा के पिता राम प्रकाश मिर्धा की ओर से बेची गई जमीन के भाव बढ़ने के बाद उनके वारिस ज्योति मिर्धा, हेम श्वेता मिर्धा और प्रेम प्रकाश मिर्धा ने विक्रय विलेख बनाए जो 23 मई 1988 और 11 अक्टूबर 1989 का बताया गया। 

विक्रय विलेख में एक मोबाइल नंबर भी दिया गया, जबकि उस समय मोबाइल का प्रचलन ही नहीं था।

राम प्रकाश मिर्धा की 22 जुलाई 1993 को मौत हो गई थी। इसके बाद ज्योति मिर्धा की मां वीणा देवी संपत्ति की वारिस बनी।  उनकी मौत के बाद दोनों बेटियां ज्योति व हेमश्वेता वारिस बनी। 

ज्योति मिर्धा ने आरोप लगाया था कि उनकी पिता की मृत्यु से पहले चाचा भानू प्रकाश ने कृषि भूमि का आवासीय में परिवर्तित करवा लिया।  2018 के अंत में न्यायालय के समक्ष बंटवारे के दावे के दौरान इस फर्जीवाड़े की जानकारी उन्हें प्राप्त हुई थी। 

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में खारिज हुई ज्योति मिर्धा की एफआईआर

गौरतलब है कि ज्योति मिर्धा और उनकी बहन की ओर से अगस्त 2021 में अपने चाचा भानु प्रकाश मिर्धा, पूर्व मंत्री उषा पूनिया और उनकी दो बेटियों समेत 13 लोगों के खिलाफ उनके पिता की भूमि को फर्जी तरीके से नाम कराने के आरोप लगाए गए थे।

इस संबंध में चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थाने में उन्होंने एक एफआईआर भी दर्ज करवाई थी। जिसको आरोपियों ने हाईकोर्ट में खारिज करवाया।

इस मामले को लेकर ज्योति मिर्धा व अन्य सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी लेकिन वहां उनकी याचिका खारिज हो गई थी। 

इसके बाद उषा पूनिया, अनिल चौधरी व अन्य ने ज्योति मिर्धा सहित तीन लोगों के खिलाफ अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट संख्या 6 की अदालत में इस्तगासे पेश किए, जिस पर कोर्ट ने उदय मंदिर थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश जारी किए।

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