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सीएम गहलोत ने राजधानी जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को आड़े हाथों लेते हुए उनकी बयानबाजी पर सवाल उठाए।
जयपुर | विधानसभा चुनाव को लेकर राजस्थान चल रहे महासंग्राम के दौरान प्रचार थमने से कुछ घंटे पहले ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अचानक से प्रेस-कॉन्फ्रेंस बुलाई है।
इसी के साथ सीएम गहलोत ने भाजपा और पीएम मोदी के हर सवाल का कड़ा जवाब भी दिया।
गुरुवार सुबह सीएम गहलोत ने राजधानी जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को आड़े हाथों लेते हुए उनकी बयानबाजी पर सवाल उठाए।
इसी के साथ सीएम गहलोत ने भाजपा और पीएम मोदी के हर सवाल का कड़ा जवाब भी दिया।
सीएम गहलोत का कहना है कि, हमने अनुरोध किया था कि विधानसभा चुनाव को विधानसभा स्तर पर रखा जाए, लेकिन भाजपा ऐसा नहीं कर रही है।
भाजपा द्वारा समाचार पत्रों में दिए जा रहे विज्ञापन से राजस्थान की बदनामी हुई है। सोशल मीडिया पर भी उनके द्वारा गलत तरीके से प्रचार किया जा रहा है। ऐसे में राजस्थान की पूरे देश में चर्चा है।
इन्हें जनता को इस तरह से भड़काने का अधिकार नहीं है।
भाजपा के जितने भी नेता यहां आ रहे हैं हमारी 10 गारंटियों पर बहस करने के बजाए सुबह से शाम तक हिंसात्मक भाषा बोलते हैं।
PCC मुख्यालय से प्रेस वार्ता का सीधा प्रसारण #कांग्रेसफिरसे https://t.co/NZSSVJqpE7
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 23, 2023
भाजपा रच रही षड्यंत्र
सीएम गहलोत ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा हमारे (कांग्रेस) के खिलाफ षडयंत्र रच रही है।
उदयपुर घटना का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि कन्हैया हत्या के आरोपी इनके ही कार्यकर्ता थे। लाल डायरी से सिर्फ माहौल बनाया है। भाजपा सिर्फ भड़काने का काम करती है।
कांग्रेस की बचत, राहत, बढ़त की स्कीमों, गारंटियों व धरातल पर प्रदर्शन से अपनी स्पष्ट हार देख रही भाजपा चुनाव आयोग से शिकायत कर अपनी टीस और निराशा जाहिर कर रही है।
गौरतलब है कि अशोक गहलोत के राजस्थान में कांग्रेस सरकार रिपीट होने के दावे को झुठलाने के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झौंक रखी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर तमाम भाजपा शासित राज्य के मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता राजस्थान के रण में कूद पड़े हैं।
कोरोना के दौरान राजस्थान सरकार ने शानदार काम किया। जनता का कांग्रेस पर विश्वास है। राजस्थान में एंटी इनकम्बेंसी नहीं है। राजस्थान में सरकार रिपीट होगी।