आयुक्त एवं कलेक्टर: पानी, बिजली, स्वास्थय सहित सभी व्यवस्थाओं का संपूर्ण प्रबन्धन संभाले सघन मॉनिटरिंग

पानी, बिजली, स्वास्थय सहित सभी व्यवस्थाओं का संपूर्ण प्रबन्धन संभाले सघन मॉनिटरिंग
आयुक्त एवं कलेक्टर
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Highlights

  • मुख्य सचिव द्वारा राजकाज की ई-फाइल प्रणाली पर संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर कार्यालयों की पत्रावलीयों के औसत निस्तारण समय का रिव्यू किया गया।
  • राजस्व विभाग के कोर्ट में लम्बित मामलों को लेकर मुख्य सचिव ने कहा कि लंबित प्रकरणों को जल्द निपटाया जाये जिससे कार्यप्रणाली में अधिक कुशलता आये।

जयपुर | मुख्य सचिव सुधांश पंत ने कहा कि बिजली, पानी, चिकित्सा आमजन से जुड़ी महत्वपूर्ण सेवाएं हैं। जिला कलेक्टर यह सुनिश्चित करें कि बेहतर प्रबंधन एवम् गहन मॉनिटरिंग से गांव ढाणी तक ये सेवाएं प्रभावी रूप से पहुंचे। मुख्य सचिव शनिवार को शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बिजली, पानी सहित अन्य महत्वपूर्ण विभागों को लेकर जिला कलेक्टरों के साथ समीक्षा कर रहे थे।

मुख्य सचिव ने सभी सम्बंधित अधिकारियों को फील्ड में रहकर जन समस्याओं का प्रभावी निराकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला कलेक्टरों से कहा कि संसाधनों का बेहतरीन प्रबंधन करें और अत्यधिक गर्मी के इस सीजन में नागरीकों को बिजली और पानी की समुचित आपूर्ति और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के माकूल इंतजाम कर राहत पहुंचाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि व्यवस्थाएँ न केवल नागरिकों के लिए, बल्कि पशुओं और पक्षियों के लिए भी उचित प्रबंध करे, ताकि वे इस अत्यधिक गर्मी में जीवित रह सकें।

मुख्य सचिव द्वारा राजकाज की ई-फाइल प्रणाली पर संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर कार्यालयों की पत्रावलीयों के औसत निस्तारण समय का रिव्यू किया गया।

आमजन की जनसुनवाई के लिए चल रहे रात्रि चौपाल कार्यक्रमों को लेकर मुख्य सचिव ने कहा कि इसका का मकसद अधिक से अधिक आमजन की समस्या को हल करना है। रात्रि चौपाल कार्यक्रमों की अधिक से अधिक उत्पादकता और प्रभावशीलता की प्राथमिकता होनी चाहिए। समस्त अधिकारी रात्रि चौपाल के महत्व को समझें। रात्रि चौपाल पश्चात वही रात्रि विश्राम किया जावें ताकि अधिक से अधिक लोगों की समस्याओं को जान सकें।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने राजस्व विभाग के ऑटो म्युटेशन सिस्टम के लम्बित प्रकरणों के बारे में भी जाना। साथ ही म्युटेशन प्रंणाली से सम्बंधित समस्यायों और कमियों को लेकर अधिकारी आपसी समन्वय से सुधार लायें जिससे आमजन को सहूलियत मिले और विभाग के कार्य में पारदर्शिता और शीघ्रता आये।

राजस्व विभाग के कोर्ट में लम्बित मामलों को लेकर मुख्य सचिव ने कहा कि लंबित प्रकरणों को जल्द निपटाया जाये जिससे कार्यप्रणाली में अधिक कुशलता आये।

मुख्य सचिव द्वारा नामान्तरकरण, भूमि रूपान्तरण एवं राजस्व न्यायालयों में लम्बित प्रकरणों को शीघ्र निस्तारण हेतु निर्देश प्रदान किये।

रिको एवं अन्य विभागो को भूमि आवंटन करने के प्रस्ताव जो जिला स्तर पर लम्बित है उनका शीघ्र निस्तारण किया जावें।

प्रमुख शासन सचिव, राजस्व विभाग ने राजस्व न्यायालयों में पारदर्शिता लाने व आमजन की सुविधा हेतु ई-फाइल की तरह नयी परियोजना लागू करने के संबंध में अवगत करवाया जिससे न्याय त्वरित संभव हो पायेगा एवं आमजन को लाभ मिल पायेगा। मुख्य सचिव ने उक्त परियोजना को समयबद्व रूप से लागू करने के निर्देश दिये।

बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि गैर कानूनी माइनिंग करने वाले असामाजिक तत्व के खिलाफ कड़ी कार्यवाई करें।

मुख्य सचिव ने सभी अधिकारीयों को आगामी मानसून सीजन में प्रदेश में सघन पौधारोपण की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा की आगामी मानसून में वर्षा जल के अधिक से अधिक संचयन के लिए मनरेगा के माध्यम से जल संरचनाओं जैसे चेक डैम, पॉन्ड आदि के निर्माण को गति दे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, ऊर्जा विभाग आलोक ने बताया कि उपभोक्ताओं की बिजली संबंधित शिकायतों का कॉल सेंटर और फील्ड रेक्टीफिकेशन टीम के माध्यम से त्वरित निस्तारण किया जा रहा है। अत्यधिक गर्मी के कारण बिजली की माँग गत वर्ष की तुलना में अधिक है। अतिरिक्त संसाधन और एक्सचेंज से आवश्यकताओं के अनुरूप बिजली ख़रीद कर सतत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। अभियंताओं को फ़ील्ड में रहकर जन समस्याओं के प्रभावी निराकरण के निर्देश दिए है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि अस्पतालों में डेंगू और मलेरिया जैसी मौसमी बीमारियों के लिए अलग से वार्ड की व्यवस्था की जा रही है । 

आमजन में हीटवेव एवं मौसमी बिमारियों से बचाव के लिए जागरूकता गतिविधियों का व्यापक प्रचार प्रसार सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में पानी एवं बिजली तथा आवश्यक दवाओं की उपलब्धता  के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किये गए हैं।

जलदाय विभाग के सचिव श्री समित शर्मा ने बताया कि पेयजल सम्बन्धी कार्यों के लिए कॉन्टिनजेन्सी  के तहत प्रत्येक जिला कलेक्टर को 50 लाख रुपये के कार्याे के लिए स्वीकृति मार्च माह में दी जा चुकि है। इसके तहत 23.66  करोड़ के 364 आकस्मिक कार्य स्वीकृतित किये गए हैं जिनमे से 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण किये जा चुके है।  प्रदेश के 24 जिलों में शत प्रतिशत कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। 

 अतिरिक्त मुख्य सचिव वन श्रीमती अपर्णा अरोड़ा ने बताया कि पंचायती राज, वन, शिक्षा, मनरेगा, जल संसाधन, नगर निगम, हॉर्टिकल्चर, राजीविका आदि की सहभागिता से पौधारोपण की कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उन्होंने इसकी सफलता में जिला कलेक्टरों की नियमित मॉनिटरिंग को अपेक्षित बताया।

बैठक के दौरान प्रमुख शासन सचिव राजस्व विभाग दिनेश कुमार सहित चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उर्जा विभाग, उद्योग विभाग, राजस्व विभाग, जन सवास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के उच्च अधिकारीगण मौजूद थे।

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