Rajasthan BJP: पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थन में संघ Election 2024

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थन में संघ Election 2024
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राजस्थान विधान सभा चुनाव में अब कुछ ही महीने शेष हैं। चुनावों के मद्देनजर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ही नहीं ,बीजेपी की ऊर्जा कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख पदाधिकारी भी किसी न किसी बहाने राजस्थान में सक्रिय हो गए हैं।  

बीजेपी जहाँ खोई हुई सत्ता वापस हासिल करने को बैचैन है ,वही सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस ने भी अपनी कोशिश तेज कर दी है।

Jaipur | राजस्थान विधान सभा चुनाव में अब कुछ ही महीने शेष हैं। चुनावों के मद्देनजर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ,केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ही नहीं ,बीजेपी की ऊर्जा कहे जाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख पदाधिकारी भी किसी न किसी बहाने राजस्थान में सक्रिय हो गए हैं।  

बीजेपी जहाँ खोई हुई सत्ता वापस हासिल करने को बैचैन है ,वही सीएम अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस ने भी अपनी कोशिश तेज कर दी है।

करीब सवा लाख करोड़ के बजट से इतर पौने चार लाख करोड़ खर्च कर लोक लुभावन योजनाओं को अमली जामा पहना रही कांग्रेस योजनाओं के बूते तो चुनाव जीतने की ख़्वाहिश पाले है ही,गहलोत और सचिन पायलट के बीच मचे सत्ता के संग्राम के थम जाने से भी उत्साहित हैं। 

बीजेपी के सर्वे पार्टी को जीत के लिए उत्साहित कर रहे हैं ,वहीं संगठन में इस बात को लेकर भी चिन्तन तेज हो गया है कि कर्नाटक की तरह कहीं राजस्थान भी कांग्रेस के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर के बावजूद पार्टी के हाथ से नहीं निकल जाए। 

पार्टी को लेकर चिंतन और चिंता करने वालों को लगता है कि येदुरप्पा की तरह पूर्व सीएम वसुंधरा राजे का अपना प्रभाव है और इस प्रभाव की अनदेखी हुई तो भाजपा हाथ आई बाजी भी गँवा सकती है। 

इसी सोच के साथ राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के कुछ बड़े पदाधिकारियों ने पूर्व सीएम राजे को पूरे सम्मान के साथ चुनाव में आगे करने की पैरवी की है। 

सूत्रों के अनुसार ऐसा राजे के प्रति राजस्थान में अंदर ही अंदर चल रही इस चर्चा के चलते हो रहा है कि बिना वसुंधरा बीजेपी की जीत आसान नहीं। 

कांग्रेस अशोक गहलोत और सचिन पायलट के खेमों में बंटी है ,वहीं पीएम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर चुनाव की तैयारी कर रही बीजेपी में एक साथ कई चहरे एक्टिव हो नए समीकरण गढ़ रहे हैं।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की लॉबी एक एडिशनल एसपी के नेतृत्व में खासतौर पर सक्रिय है। 

वहीं  मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ,अर्जुन मेघवाल,भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव सरीखे केंद्रीय मंत्रियों के पक्ष में भी माहौल खड़े करने वाले कम नहीं।

सीएम की इस दावेदारी में 1990 से लगातार जीत का रिकॉर्ड बना रहे नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ,बमुश्किल एक बार जीते उप नेता प्रतिपक्ष और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया समेत ऐसे कई नाम हैं ,जो बीजेपी में उम्मीदों का संचार भी कर रहे हैं तो दावेदारों की बढ़ती फ़ौज से चुनाव में उपजने वाली धड़ेबन्दी से चिंतित भी हैं।  

चिंता इस बात की है कि वसुंधरा राजे की चुप्पी पार्टी की संभावनाओं को ही पलीता नहीं लगा दे। 

इसी चिंता के चलते आरएसएस के कई पदाधिकारी राजे के समर्थन में सक्रिय हो गए हैं। दलील यह कि आसन्न चुनाव में माहौल को और ज्यादा पक्ष में करने के लिए ही नहीं ।

2024 के चुनाव के लिए भी श्रीमती राजे को आगे लाया जाना जरुरी है। इन्हीं कोशिशों के बीच नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और पार्टी प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी के लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के पक्ष में लामबंद होने की चर्चाएं भी बीजेपी दफ्तर में खूब सुनाई पड़ रही हैं। 

चर्चा यह भी कि ओम बिड़ला की दावेदारी को अगर कोई जोर का झटका धीरे से दे सकते हैं तो वह बीजेपी के कद्दावर नेता ओम प्रकाश माथुर हैं।

जो पार्टी को दुरुस्त भले ही छत्तीसगढ़ में कर रहे हों ,निगाह उनकी राजस्थान पर भी कम नहीं।

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