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धौलपुर की बसेड़ी विधानसभा एससी की सीट है। खिलाड़ी लाल बैरवा पायलट गुट के माने जाते हैं। मानेसर मामले में भी बैरवा पायलट के साथ थे। इसके अलावा कई बार वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने भी हो चुके हैं।
जयपुर | राजस्थान विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों में ही जमकर विरोध देखा जा रहा है।
जिन प्रत्याशियों के टिकट पार्टी ने काट दिए हैं वो अब दूसरे दलों में जाने की कवायद कर रहे हैं तो कुछ निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में ताल ठोक रहे हैं।
ऐसे में एक और बड़ा नाम शामिल हो गया है बसेड़ी से कांग्रेस के वर्तमान विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा का।
खिलाड़ी लाल बैरवा (Khiladi Lal Bairwa) धौलपुर जिले की बसेड़ी विधानसभा सीट से विधायक हैं। इसी के साथ बैरवा राज्य एससी आयोग के अध्यक्ष भी हैं।
मानेसर में सचिन पायलट के साथ थे बैरवा
धौलपुर की बसेड़ी विधानसभा एससी की सीट है। खिलाड़ी लाल बैरवा पायलट गुट के माने जाते हैं।
मानेसर मामले में भी बैरवा पायलट के साथ थे। इसके अलावा कई बार वे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सामने भी हो चुके हैं।
अब देर रात कांग्रेस की चौथी लिस्ट में भी बैरवा का नाम न होने और बसेडी से संजय जाटव को प्रत्याशी घोषित करने के बाद खिलाड़ी लाल बैरवा ने नाराजगी जाहिर करते हुए राज्य एससी आयोग अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है।
कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में नाम कटने को लेकर खिलाड़ी लाल बैरवा ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच टकराव को जिम्मेदार ठहराया है।
इसी के साथ बैरवा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को एससी आयोग अध्यक्ष पद से इस्तीफे का पत्र भेजा है जिसमें उन्होंने कई बातों का जिक्र किया है।
इसमें उन्होंने ये भी कहा है कि अनुसूचित जाति के लोगों को न्याय दिलाने में सफल नहीं होने की वजह से उन्होंने यह कदम उठाया है।
इस पत्र की कॉपी खिलाड़ी लाल बैरवा ने सोशल नेटवर्किंग साइट एक्स पर भी अपलोड की है।
खिलाड़ी लाल बैरवा के इस्तीफे के बाद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत व केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कांग्रेस की गहलोत सरकार पर हमला बोला।
इस कॉपी पर रिट्वीट करते हुए बीजेपी के केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है।
जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर लिखा कि- राजस्थान अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष ने अपने इस्तीफ़े में सच उजागर किया है।
उनकी व्यथा से स्पष्ट है कि कांग्रेस में दलित बहनों-भाइयों की सुनवाई नहीं है और उनसे जमकर भेदभाव किया जाता है।
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एक्स पर लिखा कि कांग्रेस ने उन्हें वोट के लिए सगा बताकर ठगा है।
चुनावी भाषणों में ख़ुद को हीरो दिखाने वाले राहुल गांधी और अशोक गहलोत असल में बाबा साहब अंबेडकर के विचारों के कट्टर विरोधी हैं।
आपको बता दें कि, कांग्रेस ने बाड़ी विधानसभा सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं करके इसे हॉट बना दिया है। वर्तमान में बाड़ी से कांग्रेस के गिर्राज सिंह मलिंगा विधायक हैं, लेकिन चौथी सूची में भी पार्टी ने अभी तक इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है। हालांकि, भाजपा की तरफ से भी यह सीट खाली बनी हुई है।
वहीं दूसरी ओर, भाजपा राजाखेड़ा और बसेड़ी सीट पर प्रत्याशियों के नाम घोषित करने को लेकर खासा समय ले रही है।
राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ सीट पर भी बगावत
ऐसा ही हाल अलवर जिले की राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ सीट का भी हो रहा है।
यहां से कांग्रेस विधायक जौहरी लाल मीणा बागी हो गए हैं। उन्होंने कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के कारण पार्टी के खिलाफ बगावत का बिगुल बजा दिया है और निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल करने जा रहे हैं।
जौहरी लाल मीणा ने कहा है कि, मैं कांग्रेस पार्टी का सच्चा सिपाही रहा हूं और बार-बार कांग्रेस पार्टी ने मुझे धोखा देकर मेरा टिकट काटा है।
बता दें कि टिकट के दावेदार जयपुर से लेकर दिल्ली तक जमे हुए हैं। टिकट घोषणा नहीं होने से फिलहाल दावेदार असमंजस की स्थिति में हैं।
इसको देखते हुए कुछ दावेदारों ने पहले से ही नामांकन फार्म ले रखे हैं। इन सीटों पर प्रत्याशी घोषित होने के बाद कितने विरोधी सुर उठेंगे या पार्टी उन्हें सादने में कामयाब होगी। ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा।