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दलेर मेहंदी के गाने ऊर्जा और जोश से भरपूर होते हैं। उनके हिट गानों में "तुनक तुनक तुन," "हो जा रंगीला," "नमो नमो" और "रुत आ गई रे" जैसे गाने शामिल हैं। उनके गीतों में पंजाबी लोक संगीत के साथ पश्चिमी बीट्स का अनोखा संगम देखने को मिलता है
Bollywood | दलेर मेहंदी, जिन्हें "पंजाबी पॉप का बादशाह" कहा जाता है, भारतीय संगीत जगत का एक ऐसा नाम हैं जिन्होंने अपने अनोखे अंदाज और दमदार आवाज़ से संगीत प्रेमियों के दिलों में अपनी खास जगह बनाई है। उनका जन्म 18 अगस्त 1967 को पंजाब के पटियाला में हुआ। उन्होंने पंजाबी लोक संगीत और भांगड़ा को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाई।
दलेर मेहंदी का संगीत के प्रति प्रेम बचपन से ही प्रबल था। उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत और गायन की शिक्षा ली और शुरुआती समय में कव्वालियों और सूफी गीतों में रुचि दिखाई। 1995 में उनका पहला एल्बम "बोलो ता रा रा" रिलीज़ हुआ, जिसने उन्हें रातोंरात सुपरस्टार बना दिया। इस एल्बम ने न केवल भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया बल्कि 20 मिलियन से अधिक प्रतियों की बिक्री के साथ रिकॉर्ड भी तोड़ा।
दलेर मेहंदी के गाने ऊर्जा और जोश से भरपूर होते हैं। उनके हिट गानों में "तुनक तुनक तुन," "हो जा रंगीला," "नमो नमो" और "रुत आ गई रे" जैसे गाने शामिल हैं। उनके गीतों में पंजाबी लोक संगीत के साथ पश्चिमी बीट्स का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
दलेर मेहंदी की गायकी के साथ-साथ उनका स्टाइल भी बेहद खास है। उनकी रंग-बिरंगी पगड़ी और पारंपरिक पंजाबी पोशाक उनकी पहचान बन गई है। उनकी ऊर्जा और मंच पर परफॉर्म करने का अंदाज दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
संगीत के अलावा, दलेर मेहंदी सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय हैं। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण, वृक्षारोपण और गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए कई योजनाओं में भाग लिया। वह "ग्रीन इंडिया" और "रियल हीरोज" जैसे अभियानों से जुड़े हुए हैं।
दलेर मेहंदी ने पंजाबी संगीत को नई पहचान दिलाने के साथ-साथ सूफी और भक्ति संगीत में भी अमूल्य योगदान दिया है। उनका एल्बम "नमो नमः" और "दलेर अमृतवाणी" भक्ति संगीत की श्रेणी में बेहद लोकप्रिय हुए।
दलेर मेहंदी का नाम केवल भारत तक सीमित नहीं है। उनके गानों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खूब सराहा गया है। "तुनक तुनक तुन" आज भी दुनिया भर के संगीत प्रेमियों के बीच लोकप्रिय है और यूट्यूब पर इसके मिलियन्स व्यूज हैं।