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आसपास काम करने वाली महिलाओं को जब मासूम के गर्भवती होने की जानकारी मिली तो उन्होंने पीड़िता के ननिहाल पक्ष को जानकारी दी। बताया जाता है कि ननिहाल वालों ने गुजरात के किसी अस्पताल में उसका गर्भपात भी करवा दिया।
जयपुर | राजस्थान में मासूमों से दुष्कर्म के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे। रिकॉर्ड पर संख्या अधिक नहीं आए इसके लिए अफसर प्रकरण दर्ज करने से ही बच रहे हैं।
सिरोही जिले में एक एनजीओ अनुतोष फाउण्डेशन ने एक गंभीर आरोप लगाते हुए जिला कलक्टर को ज्ञपन सौंपा है। इस मामले में संबंधित अफसरों का कहना है कि मामले में जांच चल रही है।
अनुतोष फाउण्डेशन की ओर से इस मामले में जिला कलक्टर सिरोही को रिपोर्ट दी गई, जिसमें बताया कि बालिका के पिता नहीं है।
सिरोही जिले में दलित परिवार की एक मासूम बालिका जिसकी उम्र मात्र 13 साल है। उसके साथ नामजद आरोपी झाड़ोली वीर निवासी सकाराम द्वारा दुष्कर्म किया। उसने कई बार मासूम को अपनी हवस का शिकार बनाया। ऐसे में वह गर्भवती हो गई।
ऐसे में आसपास काम करने वाली महिलाओं को जब मासूम के गर्भवती होने की जानकारी मिली तो उन्होंने पीड़िता के ननिहाल पक्ष को जानकारी दी। बताया जाता है कि ननिहाल वालों ने गुजरात के किसी अस्पताल में उसका गर्भपात भी करवा दिया।
इस एनजीओ संचालकों का कहना है कि इस घटना की जानकारी पीड़िता ने स्वयं मौखिक दी है। ऐसा बताया जा रहा है कि पीड़िता जो कि नाबालिग है उसका विवाह भी कर दिया गया है। ऐसे में इस संगठन ने मामले की जांच की मांग करते हुए अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की मांग की है।
अधिकारी के विरुद्ध हो सकता है मामला
पोक्सो कानून के तहत यदि पुलिस प्रकरण की रिपोर्ट होने के बावजूद दर्ज नहीं करती है तो सीधे तौर पर संबंधित अधिकारी के विरुद्ध भी प्रकरण दर्ज करने का प्रावधान है।
हालांकि सिरोही पुलिस के अधिकारी का कहना है कि इस संबंध में जांच जारी है और मामला दर्ज कर लिया जाएगा।
वैसे अभी यह समझ नहीं आ रहा कि इस मामले में पुलिस को कानूनी प्रावधान होने के बावजूद अब तक प्रकरण दर्ज करने से कौन रोक रहा है।