Highlights
- भारत का धुन प्रोजेक्ट वैश्विक स्तर पर केवल चार चयनित परियोजनाओं में से एक है।
- यह साझेदारी पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक नवाचारों के समन्वय पर केंद्रित है।
- महाराज चार्ल्स तृतीय और शेखा हिंद बिंत हमद अल थानी की उपस्थिति में घोषणा हुई।
- धुन जयपुर एक 8500 लोगों के लिए पुनर्जननशील समुदाय का प्रोटोटाइप है।
जयपुर: यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन (United Global Peace Foundation) की सहयोगी संस्था प्रोजेक्ट धुन (Project Dhun) ने कतर फाउंडेशन (Qatar Foundation) के अर्थना सेंटर (Earthna Center) और द किंग्स फाउंडेशन (The King's Foundation) (यूके) के साथ दो-वर्षीय वैश्विक साझेदारी की है।
ऐतिहासिक वैश्विक साझेदारी: भारत का धुन प्रोजेक्ट
यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउण्डेशन की सहयोगी संस्था प्रोजेक्ट धुन ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
धुन प्रोजेक्ट अब कतर फाउंडेशन के अर्थना सेंटर और द किंग्स फाउंडेशन (यूके) के साथ दो-वर्षीय वैश्विक साझेदारी का हिस्सा बन गया है।
यह पहल पारंपरिक ज्ञान और स्थानीय नवाचार के माध्यम से सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत की धुन विश्व के केवल चार चयनित प्रोजेक्ट्स में शामिल हुई है, जिनमें गयाना, सिएरा लियोन और तंजानिया भी सम्मिलित हैं।
यह चयन दर्शाता है कि परंपरा और स्थानीय बुद्धिमत्ता आज की दुनिया में टिकाऊ और संतुलित जीवनशैली की दिशा दिखा सकती है।
???? यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन को गर्व है कि हमारे सहयोगी संस्थान धुन प्रोजेक्ट (भारत) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है।
— UnitedGlobal Peace Foundation (@ugpf_india) October 25, 2025
धुन प्रोजेक्ट अब कतर फाउंडेशन के अर्थना सेंटर और द किंग्स फाउंडेशन (यूके) के साथ दो-वर्षीय वैश्विक साझेदारी का हिस्सा बना है। यह पहल पारंपरिक ज्ञान और… pic.twitter.com/gGM7otGE2x
इस साझेदारी की औपचारिक घोषणा स्कॉटलैंड के डमफ्रीज़ हाउस में हुई थी।
इस अवसर पर महाराज चार्ल्स तृतीय और महामहिम शेखा हिंद बिंत हमद अल थानी उपस्थित थे।

मानवेन्द्र सिंह शेखावत, जो धुन प्रोजेक्ट, भारत के संस्थापक हैं, ने इस समारोह में देश का प्रतिनिधित्व किया।
यूनाइटेड ग्लोबल पीस फाउंडेशन ऐसे प्रयासों का हिस्सा बनकर गर्व महसूस करता है, जो परंपरा, नवाचार और वैश्विक सहयोग को एक साथ ला रहे हैं।
यह साझेदारी एक शांतिपूर्ण, संतुलित और सतत भविष्य के निर्माण की दिशा में कार्य कर रही है।
यह सहयोग पर्यावरणीय स्थिरता को बढ़ावा देने, स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने और लचीले समुदायों के निर्माण में पारंपरिक ज्ञान की शक्ति में साझा विश्वास को दर्शाता है।
अन्य गणमान्य व्यक्तियों में सिएरा लियोन गणराज्य के राष्ट्रपति जूलियस माडा और फर्स्ट लेडी फातिमा माडा भी उपस्थित थे।
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राष्ट्रमंडल सचिवालय की महासचिव बैरोनेस पेट्रीसिया स्कॉटलैंड भी इस अवसर पर मौजूद थीं।
तंजानिया के ब्रिटेन में उच्चायुक्त महामहिम मबेलवा ब्राइटन कैरूकी भी समारोह में शामिल हुए।
गुयाना की स्थानीय सरकार और क्षेत्रीय विकास मंत्री सोनिया सावित्री पराग ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
यह साझेदारी धुन के उस सफर को आगे बढ़ाती है, जिसमें स्थानीय विरासत का सम्मान करने और वैश्विक सहयोग से विकसित होने वाले मानव बस्तियों का निर्माण किया जा रहा है।
धुन जयपुर में अगली पीढ़ी के रहने वाले वातावरण को आकार देने और उसमें निवास करने के लिए रचनाकारों को आमंत्रित किया जाता है।
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धुन प्रोजेक्ट का उद्देश्य और दृष्टिकोण
मानवेन्द्रसिंह शेखावत बताते हैं कि धुन का उद्देश्य जीवन के भविष्य के लिए एक ऐसा ब्लूप्रिंट तैयार करना है जो गैर-शोषणकारी हो।
यह ब्लूप्रिंट हमारे पर्यावरणीय, सामाजिक और शारीरिक कल्याण को बढ़ाएगा।
हमारा मॉडल पीढ़ीगत सोच और न्यू अर्बनिज़्म के सिद्धांतों पर आधारित है।
इसके अंतर्गत हम शहरों के बाहरी/ग्रामीण क्षेत्रों की कम-मूल्य, बंजर या अनुपजाऊ भूमि को पुनर्जननशील मानव आवासों में परिवर्तित कर रहे हैं।
पुनर्जननशील आवास: मानव क्षमता को अधिकतम करना
धुन का मॉडल बंजर या परित्यक्त परिदृश्यों को आत्मनिर्भर पारिस्थितिक तंत्रों में बदलने पर केंद्रित है।
यह जल संरक्षण, मिट्टी पुनर्जीवन, वृक्षारोपण और जैव विविध आवास निर्माण के माध्यम से किया जाता है।
हमारा लक्ष्य पारंपरिक बुद्धि, सामूहिक मानवीय चेतना और तेज़ी से विकसित हो रही प्रौद्योगिकियों के समन्वय से जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाना है।
इसमें क्लोज़्ड-लूप सिस्टम्स का डिज़ाइन शामिल है, जो पारिस्थितिक सीमाओं के भीतर संचालित होते हैं।

मानवेन्द्रसिंह शेखावत बताते हैं कि ये सिस्टम जल, भोजन और ऊर्जा की दृष्टि से स्वयं-निर्भर होते हैं।
संदर्भानुकूल, सहानुभूतिपूर्ण और समावेशी डिज़ाइन दिशानिर्देशों का विकास किया जाता है, जो समग्र कल्याण पर केंद्रित हों।
सांस्कृतिक पुनर्जागरण और सामुदायिक एकीकरण को प्रोत्साहित करने वाले प्लेस-मेकिंग कार्यक्रमों की शुरुआत की जाती है।
ये कार्यक्रम जीवनपर्यंत शिक्षा, मनोरंजन और सार्थक जीवन के अवसर प्रदान करते हैं।
संस्कृति, विविधता और प्रौद्योगिकी का उपयोग करके आर्थिक स्तंभ स्थापित किए जाते हैं, जिससे भविष्य के रोजगार अवसर उत्पन्न हों।
धुन मॉडल का संस्थानीकरण एक विकेन्द्रित स्वायत्त संगठन (DAO) के माध्यम से किया जाता है।
यह DAO भागीदारीपूर्ण शासन को सक्षम बनाता है और व्यक्तिगत पक्षपात को समाप्त करता है।
यह दीर्घकालिक पर्यावरणीय, सामाजिक और वित्तीय स्थिरता भी सुनिश्चित करता है।

धुन जयपुर: एक प्रोटोटाइप समुदाय की सफलता
शेखावत बताते हैं कि हमारा प्रोटोटाइप, धुन जयपुर, एक पुनर्जननशील मास्टर-प्लान्ड समुदाय है जो 8500 लोगों के लिए बनाया जा रहा है।
यह राजस्थान की राजधानी जयपुर के बाहरी क्षेत्र में स्थित है, जो एक गर्म और शुष्क मरुस्थलीय राज्य के अंतर्गत आता है।
यह समुदाय पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों और आधुनिक तकनीकी नवाचारों के समन्वय से निर्मित किया जा रहा है।
थार मरुस्थल के पारंपरिक जल प्रबंधन तंत्र और ओरन (पवित्र वनों) से प्रेरित होकर कार्य किया गया है।

अब तक हमने 500 एकड़ बंजर भूमि को एक समृद्ध जैव-संरक्षित क्षेत्र में परिवर्तित किया है।
यहाँ अब समृद्ध जैव विविधता, उपजाऊ मिट्टी, प्रचुर जल संसाधन और स्वच्छ वायु विद्यमान हैं।
2013 में जिस भूमि पर 30 से भी कम पेड़ और कोई जल स्रोत नहीं था, वहाँ आज 3 लाख से अधिक पेड़ हैं।
इनमें 4 पुनर्जननशील खाद्य वन शामिल हैं, जहाँ 60 प्रकार की सब्जियाँ, फल और वर्षा-आधारित फसलें उगाई जाती हैं।
यह क्षेत्र अब 180 प्रजातियों के देशी और प्रवासी पक्षियों का निवास स्थल बन चुका है।
आज धुन अपने पुनर्जीवित जल तंत्र के साथ फल-फूल रहा है, जो प्रति वर्ष 550 मिलियन लीटर वर्षा जल संग्रहित करने में सक्षम है।

जीवन को सहारा देने वाले महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्रों के पुनर्निर्माण के बाद, हम अब सृजनशील इंजन, आर्थिक गतिविधियाँ और प्लेस-मेकिंग पहलें विकसित कर रहे हैं।
साथ ही हम सामाजिक आधार संरचनाएँ स्थापित कर रहे हैं और प्रकृति-आधारित ट्रंक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रहे हैं।
जलवायु सहनशीलता, खाद्य सुरक्षा और क्षेत्रीय आर्थिक समृद्धि के लिए पारिस्थितिक पुनर्स्थापन को इस स्थल से बाहर तक विस्तार दिया जा रहा है।
इस प्रक्रिया में, हम पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों का लाभ उठा रहे हैं।
हम सांस्कृतिक, पर्यावरणीय, राजनीतिक, एल्गोरिद्मिक और भौतिक प्रौद्योगिकियों में सबसे संदर्भानुकूल प्रगति को समाहित कर रहे हैं।
भविष्य की दिशा: "द धुन प्लेबुक"
हमारा प्रस्ताव है कि हम एक मॉड्यूलर सिस्टम और तालमेल (Systems-and-Cadence Stack) विकसित करें।
यह सिस्टम जब किसी बंजर भूमि में लगाया जाए तो कम-लागत, लचीले, पुनर्जननशील मानव आवासों के रूप में विकसित हो सके।
इन आवासों का उद्देश्य मानव क्षमता को अधिकतम बढ़ाना है।
अंतिम लक्ष्य "द धुन प्लेबुक" तैयार करना है, जो एक दोहराने योग्य शहरी विकास ढांचा है।
इस ढांचे के मूल में पुनर्जनन, जीवनीयता और समावेशिता है।
संस्थापक मानवेन्द्र सिंह शेखावत: एक दूरदर्शी व्यक्तित्व
मानवेन्द्र सिंह शेखावत धुन के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं।
वे मूलतः एक अन्वेषक और रचनाकार हैं, जिनके कार्यक्षेत्र में अनुभवात्मक पर्यटन, संस्कृति संरक्षण, सामाजिक उद्यमिता और पर्यावरणीय पुनर्स्थापन शामिल हैं।
उनकी पीढ़ीगत सोच, सिस्टम आधारित दृष्टिकोण, रचनात्मक मानसिकता और अडिग धैर्य ने उन्हें कई महत्वाकांक्षी विचारों को वास्तविकता में बदलने में सक्षम बनाया है।
होटल उपक्रम और सांस्कृतिक संरक्षण
मानवेन्द्र द्वारा स्थापित होटल उद्यमों में सूर्यगढ़, जैसलमेर, नरेंद्र भवन, बीकानेर, और मेरी बडन एस्टेट, बिनसर शामिल हैं।
ये सभी होटल अद्वितीय हैं और इन्होंने इन स्थानों को भारत के लक्ज़री टूरिज़्म मानचित्र पर विशेष पहचान दिलाई है।
वर्तमान में वे राजस्थान और भारत के विभिन्न किलों और महलों के पुनर्स्थापन पर कार्य कर रहे हैं।
इनका उद्देश्य इन्हें सांस्कृतिक केंद्रों के एक नेटवर्क में परिवर्तित करना है, जहाँ विभिन्न सांस्कृतिक उद्यम संचालित होंगे।
मानवेन्द्र का परिवार साधारण पृष्ठभूमि से आया है, और उनके उद्यमशील जीवन-यात्रा ने उन्हें ऐसे विविध अनुभव दिए हैं।
ये अनुभव उन्हें वैश्विक दृष्टिकोण रखने और स्थानीय स्तर पर क्रियान्वयन करने में सक्षम बनाते हैं।
सामुदायिक नेतृत्व: द आई लव फाउंडेशन (TILF)
एक सामुदायिक नेता के रूप में, उन्होंने द आई लव फाउंडेशन (TILF) की स्थापना की और उसका नेतृत्व किया।
यह संगठन स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर सामाजिक और प्रणालीगत समस्याओं को हल करने हेतु गठबंधन बनाता है।
TILF ने अब तक 60 से अधिक सामुदायिक परियोजनाएँ संचालित की हैं।
इनमें जैसलमेर का सबसे बड़ा स्वच्छता और संरक्षण अभियान तथा भारत की पहली नागरिक–एयरलाइन साझेदारी शामिल है।
इस साझेदारी ने क्षेत्रीय पर्यटन पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाया है।
वर्तमान दृष्टिकोण और वैश्विक जुड़ाव
आज मानवेन्द्र का सबसे बड़ा उद्देश्य जीवनीयता के भविष्य को नवाचारपूर्ण तरीकों से पुनर्परिभाषित करना है।
इसका अर्थ है ऐसे पुनर्जननशील आवासों का डिज़ाइन जो मानव क्षमता को अधिकतम करें।
वे अपना अधिकांश समय अपने प्रयोगात्मक स्थल परियोजना धुन जयपुर पर व्यतीत करते हैं।
यहाँ वे 8500 लोगों के लिए एक पुनर्जननशील समुदाय का निर्माण कर रहे हैं।
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में 2024 के उद्घाटन वी द प्लेनेट – यूएनजीए 100 डिसरप्टर्स समिट में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया।
वे 16वें सत्र की कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज़ (COP16) – संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन टू कॉम्बैट डेजर्टिफिकेशन (UNCCD) में भी वक्ता होंगे।
उन्होंने अर्बन लैंड इंस्टीट्यूट (ULI) एशिया पैसिफिक समिट 2024, टोक्यो में एक पैनलिस्ट के रूप में भी भाग लिया।
उनकी सामाजिक और विकासात्मक दृष्टि एक रचनात्मक उद्यम पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर रही है।
यह पारिस्थितिकी तंत्र संस्कृति, प्रकृति, सृजनात्मकता और प्रौद्योगिकी के समन्वय से नए विकासात्मक आख्यान तैयार करता है।
इनका उद्देश्य आत्मनिर्भरता और समान अवसरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना है, विशेषकर विकासशील देशों की समुदायों के लिए।
प्रमुख फेलोशिप और सदस्यताएँ
अर्थ वन फेलो
अर्थ वन एक वैश्विक गठबंधन है जिसमें प्रभावशाली, उदार और साहसी नेताओं का समुदाय शामिल है।
यह समुदाय सामाजिक और पर्यावरणीय संरक्षण के लिए एक नई दृष्टि उत्पन्न करने हेतु मिलकर कार्य करता है।
यह विश्वास रखता है कि एक पुनर्जननशील भविष्य हमारे जीवनकाल में संभव है।
ऐस्पेन फेलो
कमलनयन बजाज फेलोशिप, ऐस्पेन ग्लोबल लीडरशिप नेटवर्क (AGLN) का हिस्सा है।
यह 50 देशों के 2300 से अधिक उद्यमशील नेताओं का एक बढ़ता हुआ वैश्विक समुदाय है।
यह फेलोशिप नेताओं को "सफलता से सार्थकता" और "विचार से कर्म" की यात्रा तय करने के लिए प्रेरित करती है।
AGLN अपने फेलोज़ के लिए नेटवर्किंग, ज्ञान-साझा करने और सकारात्मक सामाजिक प्रभाव लाने वाले नेतृत्व समुदाय के निर्माण का एक सशक्त मंच है।
अनरीज़नेबल फेलो
अनरीज़नेबल फेलोशिप एक निमंत्रण-आधारित वैश्विक समुदाय है।
इसमें ग्रोथ-स्टेज उद्यमी शामिल हैं जो अपने लाभ मॉडल में ही सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव को एकीकृत करते हैं।
यह समुदाय दुनिया की सबसे गंभीर सामाजिक और पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान को बड़े पैमाने पर कार्यान्वित कर रहा है।
अर्थना सेंटर
अर्थना सेंटर फॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर (अर्थना) एक गैर-लाभकारी नीति अनुसंधान और वकालत केंद्र है।
इसकी स्थापना कतर फाउंडेशन ने की है, जिसका उद्देश्य पर्यावरणीय, सामाजिक और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देना है।
यह भविष्य की समृद्धि के लिए समन्वित दृष्टिकोण अपनाता है।
अर्थना, स्थिरता के प्रयासों और जलवायु परिवर्तन पर विचार-विमर्श के लिए एक अग्रणी संगठन है, विशेष रूप से कतर और अन्य गर्म एवं शुष्क देशों में।
INK फेलो
INK फेलोज़ प्रोग्राम ऐसे दूरदर्शी और असाधारण युवा विचारकों की खोज करता है जो सीमाओं को पार करने और भविष्य का निर्माण करने के लिए तत्पर हैं।
यह कार्यक्रम उन्हें परिवर्तनकारी भूमिका निभाने और भविष्य के परिवर्तनकर्ताओं के रूप में विकसित होने का अवसर प्रदान करता है।
अन्य सदस्यताएँ
माणवेन्द्र सिंह शेखावत ने 2014–2015 में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) की हेरिटेज और टूरिज़्म समिति के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया।
यह समिति पर्यटन को मुख्यधारा उद्योग के रूप में स्थापित करने और आर्थिक विकास एवं रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने में प्रेरक भूमिका निभाती है।
वे एंटरप्रेन्योर्स ऑर्गेनाइज़ेशन (EO) के सदस्य भी हैं, जो एक वैश्विक उद्यमी समुदाय है।
यह समुदाय अपने सदस्यों को सीखने के अवसर, वैश्विक संपर्क और सहकर्मी-से-सहकर्मी ज्ञान-विनिमय के माध्यम से सशक्त बनाता है।
पुरस्कार और सम्मान
ग्लोबल रिवाइल्डिंग एलायंस सदस्यता (अगस्त 2025)
धुन को ग्लोबल रिवाइल्डिंग एलायंस का सदस्य चुना गया है।
यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो प्रत्येक महाद्वीप पर रिवाइल्डर्स के साथ मिलकर प्रकृति को स्वयं पुनर्जीवित होने पर कार्य करता है।
यह मानव, प्रकृति और ग्रह के समृद्ध भविष्य को सुनिश्चित करता है।
कतर फाउंडेशन और किंग्स फाउंडेशन साझेदारी में चयनित (जनवरी 2025)
धुन को दुनिया भर की चार प्रमुख शहरी विकास परियोजनाओं में से एक के रूप में चुना गया है।
यह भारत से एकमात्र चयनित परियोजना है जिसे कतर फाउंडेशन के अर्थना सेंटर फॉर ए सस्टेनेबल फ्यूचर और द किंग’स फाउंडेशन की नई साझेदारी द्वारा समर्थन प्राप्त होगा।
भारत की पहली रियल एस्टेट बी-कार्प (मार्च 2024)
धुन भारत की पहली रियल एस्टेट परियोजना बनी जिसे बेनिफिट कॉर्पोरेशन (B-Corp) के रूप में प्रमाणित किया गया।
बी-कार्प प्रमाणन उन व्यवसायों को दिया जाता है जो अपने व्यापार को सकारात्मक परिवर्तन के साधन के रूप में उपयोग करते हैं।
ये व्यवसाय एक समावेशी, समानता-आधारित एवं पुनर्जननशील वैश्विक अर्थव्यवस्था के निर्माण में योगदान देते हैं।
ग्लोबल कल्चरल डिस्ट्रिक्ट्स नेटवर्क (GCDN) सदस्यता (2023)
धुन को ग्लोबल कल्चरल डिस्ट्रिक्ट्स नेटवर्क (GCDN) की भारत की पहली सदस्य इकाई के रूप में मान्यता मिली।
GCDN एक अंतरराष्ट्रीय संघ है जो कला, संस्कृति और रचनात्मक उद्योगों के माध्यम से शहरी जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए समर्पित है।
आउटलुक मैगज़ीन का सस्टेनेबिलिटी चैंपियन सम्मान
धुन को आउटलुक मैगज़ीन के रिस्पॉन्सिबल टूरिज़्म इनिशिएटिव द्वारा सस्टेनेबिलिटी चैंपियन के रूप में सम्मानित किया गया।
यह पुरस्कार उन संगठनों और व्यक्तियों को दिया जाता है जो सततता के प्रति समर्पित हैं।
यह समर्पण भारत की धरोहर, कला, संगीत परंपरा, संकटग्रस्त प्रजाति या ग्रामीण संस्कृति के संरक्षण के माध्यम से हो सकता है।
साझेदारियाँ, सहयोग और प्रकाशन
प्रकाशन और मीडिया कवरेज
डाउन टू अर्थ, जो पर्यावरणीय मुद्दों और सतत विकास पर केंद्रित एक प्रतिष्ठित प्रकाशन है, ने "धुन" पर दो-भाग वाली डॉक्यूमेंट्री फिल्म जारी की है।
2021 में, भारत के प्रमुख थिंक टैंक ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF), जिसकी वैश्विक उपस्थिति है, ने धुन पर सतत विकास के एक केस स्टडी के रूप में लेख प्रकाशित किया।
प्रमुख साझेदारियाँ और गठबंधन
गेहल आर्किटेक्ट्स धुन के मास्टर प्लान के विकास हेतु साझेदार हैं।
ईडीएस ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी केपीआई (Key Performance Indicators) तैयार करने हेतु सहयोगी संस्था है।
एनयूएस सिटीज, नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर, धुन में सतत विकास रणनीतियों और पहलों के लिए सलाहकार संस्था है।
जयपुर रग्स स्थानीय कारीगरों के प्रशिक्षण, एकीकरण और सांस्कृतिक उद्यमिता को प्रोत्साहित करने हेतु साझेदार है।
स्कूल ऑफ परस्यूट्स एंड पैशंस सांस्कृतिक पुनर्जागरण के लिए प्रकृति और जलवायु कार्यशालाओं, रेजिडेंसी प्रोग्राम, वेल-बीइंग रिट्रीट्स, किसान बाज़ार, संवाद श्रृंखला, कार्यशालाएँ और नेचर ट्रेल्स आयोजित करने में सहयोगी है।
रॉयल डेनिश एकेडमी धुन में अनुसंधान रेजिडेंसी के लिए साझेदारी में है।
ग्राउंडस्वेल इंटरनेशनल डॉक्यूमेंट्री धुन में फिल्माई गई एक अंतरराष्ट्रीय डॉक्यूमेंट्री है।
यह डॉक्यूमेंट्री विश्वभर की उन आवाज़ों और परियोजनाओं को प्रदर्शित करती है जो जलवायु परिवर्तन के समाधान प्रदान कर रही हैं।
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