सिरोही में मासूम को श्वान नोंचकर खा गया: यह गहलोत सरकार में सरकारी सिस्टम की एक बानगी है, जिस पर ​घिन आती है

यह गहलोत सरकार में सरकारी सिस्टम की एक बानगी है, जिस पर ​घिन आती है
सिरोही में बीजेपी नेताओं का विरोध
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इस प्रकरण को संयम लोढ़ा ने प्रभावी तरीके से उठाया। उन्होंने जब इस मुद्दे को रखा तो मंत्री शांति धारीवाल बोले कि विधानसभा में होम पर डिमांड चल रही है। चिकित्सा पर डिमांड कल है यदि आप चिकित्सा पर यह मामला उठाते तो ज्यादा अच्छा होता।

भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य कांग्रेस सरकार और स्थानीय निर्दलीय विधायक सस्ती लोकप्रियता के सोशल प्लेटफॉर्म पर भले बड़े बड़े दावे करे लेकिन वास्तविकता में धरातल पर स्थिति कुछ और है। आरोपों में कहा कि सिस्टम निरंकुश व लाचार होकर आंखों पर पट्टी बांध कर बैठा है आम जनता कि कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

सिरोही | एक मां के पास सो रहे बच्चे को एक श्वान उठाकर ले गया। वह भी सरकारी अस्पताल से! इसी सरकारी अस्पताल की बदहाली का मामला यहां के विधायक तब हाईकोर्ट में ले गए थे, जब वह निर्वाचित नहीं थे। परन्तु विधायक अब राजस्थान के मुख्यमंत्री के सलाहकार है और यह शर्मसार करने वाली घटना जिले के सरकारी अस्पताल में हो गई। यह सिरोही में सरकारी सिस्टम के हालातों की बानगी है, जिस पर घिन आती है।

हालांकि अब भी अपने कर्तव्य का निवर्हन करते हुए विधायक संयम लोढ़ा ने इस प्रकरण को विधानसभा में उठाकर मांग की है कि परिजनों को यथोचित् मुआवजा दिया जाए। गैर जिम्मेदारों पर कार्यवाही की जाए। वे चिकित्सा मंत्री से भी मिले हैं।

क्या इन सबसे हालात सुधर जाएंगे। तिस पर शांति धारीवाल का संयम लोढ़ा को टोकना जले पर नमक छिड़कने जैसा है। शांति धारीवाल अपने सम्बोधन में जख्मों पर नमक—मिर्च डाल ही देते हैं। वह भी विधायी सदन में। चाहे दुष्कर्म के मामले में मर्दों का प्रदेश का डायलॉग ही क्यों न हो।

हैरत है कि प्रदेश में अस्पताल से बच्चा चोरी हो जाता है! राजधानी जयपुर में भी और उदयपुर में भी। बच्चों को श्वान ले जाते हैं। यह बेहद शर्मनाक है। सुरक्षा के हालात कैसे हैं अस्पतालों में? इस श्वान ने केवल एक बच्चे को नहीं मारा है। इसने आम जनता के विश्वास को भी नोच लिया है कि जिंदगी देने वाली जगह अस्पताल में भी हम और हमारे मासूम सुरक्षित नहीं हैं। इस श्वान ने चादर खींची है गहलोत सरकार के 

संयम यह लोढ़ा बोले विधानसभा में
इस प्रकरण को संयम लोढ़ा ने प्रभावी तरीके से उठाया। उन्होंने जब इस मुद्दे को रखा तो मंत्री शांति धारीवाल बोले कि विधानसभा में होम पर डिमांड चल रही है। चिकित्सा पर डिमांड कल है यदि आप चिकित्सा पर यह मामला उठाते तो ज्यादा अच्छा होता।

इस पर विधायक संयम लोढ़ा ने संसदीय मंत्री धारीवाल से कहा कि आप मुख्यमंत्री का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चिकित्सा से कोई लेना देना नहीं है, आपकी पुलिस की चौकी भी चिकित्सालय में लगी हुई है।

लोढ़ा ने दो टूक धारीवाल से कहा कि आपको खुद को आगे बढकर कहना चाहिए कि मुख्यमंत्री से बात करके घोषणा करते हैं। आप कल के लिए कह रहे है। खुद का बच्चा जाये तो पता चलता है, दूसरो का बच्चा जाये तो पता नहीं चलता।

बीजेपी बोली मानवता हुई शर्मसार
सिरोही में मंगलवार सुबह भाजपा कार्यकर्ताओं ने विरोध—प्रदर्शन किया। मुख्यालय स्थित राजकीय चिकित्सालय में एडमिट पेशेंट महेन्द्र के नवजात बच्चे को रात्रि में वार्ड के अंदर सोते समय कुत्तों द्वारा उठाकर ले जाकर उसके टुकड़े-टुकड़े कर जान से मारने का समाचार मिला तो सभी स्तब्ध रह गए।

एकत्रित भाजपा नेताओं एवं कार्यकर्ताओं ने हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठकर कड़ा आक्रोश प्रकट करते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने तथा पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग रखी।

मौके पर पहुंचे भाजपा जिलाध्यक्ष, पूर्व जिलाध्यक्ष लुंबाराम चौधरी, उपाध्यक्ष नारायण देवासी, दिलीपसिंह मांडानी,जयसिंह राव,पूर्व जिला प्रमुख पायल परसरामपुरिया, नगर मंडल अध्यक्ष लोकेश खंडेलवाल सहित पार्टी पदाधिकारियों ने पीड़ित परिवार से वार्ड में जाकर उनके हालचाल जाने और घटना की जानकारी प्राप्त की।

इस हृदय विदारक घटना पर दुख व्यक्त करते हुए भाजपा नेताओं ने कहा कि राज्य कांग्रेस सरकार और स्थानीय निर्दलीय विधायक सस्ती लोकप्रियता के सोशल प्लेटफॉर्म पर भले बड़े बड़े दावे करे लेकिन वास्तविकता में धरातल पर स्थिति कुछ और है। आरोपों में कहा कि सिस्टम निरंकुश व लाचार होकर आंखों पर पट्टी बांध कर बैठा है आम जनता कि कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही।

नगर अध्यक्ष लोकेश खण्डेलवाल ने इस घटना में नगर परिषद के कांग्रेसी बोर्ड को भी बराबर का दोषी व जिम्मेदार बताते हुए आरोपों में कहा कि निकाय प्रशासन ने शहर के नागरिकों को भगवान भरोसे छोड़ा है और घुमंतू सांड व आवारा कुत्ते बेखौफ इंसानों पर हमला करके लहूलुहान कर रहे हैं, बिना लाइसेंस जगह-जगह मांस, गोश्त चिकन की खुलती दुकानें और नॉनवेज की लारियों से फेंका जा रहा अपशिष्ट वेस्ट जिसे कचरे में मुंह मारते कुत्ते अब हिंसक होकर इस प्रकार की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं।

अस्पताल परिसर के बाहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस घटना पर आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। सभी ने एक स्वर में सवाल उठाया कि एक मासूम की दर्दनाक मौत का जिम्मेदार कौन ? इसका प्रशासन जवाब दें।

एडीएम को ज्ञापन देकर यह रखी मांगे
भाजपा जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर जिला कलेक्ट्रेट में एडीएम कालूराम खोड को ज्ञापन देकर मासूम को मौत के घाट उतारने की घटना की जांच, दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई एवं पीड़ित परिवार को अविलंब मुआवजा व सरकारी नौकरी देने की मांग रखी।

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