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एक जमाना था जब कहा जाता था कि दक्षिण भारत का दबदबा रहता है। परन्तु इस लिस्ट यह साबित किया है कि सर्वाधिक आईपीएस भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों से निकले हैं।
देश में इस साल कुल 200 आईपीएस यूपीएससी द्वारा चयनित हुए हैं। इनमें से 13.5 प्रतिशत हिस्सा अकेले राजस्थान का है। कुल चौबीस आईपीएस अधिकारी राजस्थान ने दिए हैं।
नई दिल्ली | गृह मंत्रालय की ओर जारी सूची के अनुसार राजस्थान को भारतीय पुलिस सेवा के छह अधिकारी मिले हैं। इनमें से दो जने मूलत: राजस्थान के ही रहने वाले हैं। हालांकि राजस्थान ने इस साल देश को चौबीस आईपीएस अधिकारी दिए हैं। उसके बदले 6 आईपीएस अधिकारियों को राजस्थान में तैनाती के आदेश हुए हैं।
राजस्थान के आईपीएस जिन्हें राजस्थान काडर मिला है। AIIMS-जोधपुर से एमबीबीएस डॉ. अजय सिंह भी हैं।
एक जमाना था जब कहा जाता था कि दक्षिण भारत का दबदबा रहता है। परन्तु इस लिस्ट यह साबित किया है कि सर्वाधिक आईपीएस भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों से निकले हैं।
देश में इस साल कुल 200 आईपीएस यूपीएससी द्वारा चयनित हुए हैं। इनमें से 13.5 प्रतिशत हिस्सा अकेले राजस्थान का है। कुल चौबीस आईपीएस अधिकारी राजस्थान ने दिए हैं।
वहीं सर्वाधिक आबादी वाले यूपी से 29 आईपीएस बने हैं। यदि आबादी % के लिहाज से देखें तो 2021 में आईपीएस देने में राजस्थान का सबसे बड़ा योगदान है।
ये आए राजस्थान
- ओबीसी से 107वीं रैंक हरियाणा के पंकज यादव
- सामान्य कोटे से 114वीं रैंक राजस्थान के अजय सिंह राठौड़
- मध्यप्रदेश के 129वीं रैंक के सामान्य आदित्य काकड़े
- राजस्थान के 173वीं रैंक के सामान्य कोटे से विशाल जांगिड़
- ओबीसी कोटे से 352वीं रैंक कर्नाटका के विनय कुमार डीएच
- ओबीसी कोटे से 345वीं रैंक की उषा यादव हरियाणा से
राजस्थान के 27 आईपीएस बने
राजस्थान से कुल 27 युवा 2021 के बैच में आईपीएस बने हैं। इनमें से दो को राजस्थान शेष को दूसरे काडर मिले हैं। 25 में से तीन—तीन जनों को अमस—मेघालय, गुजरात, उत्तर प्रदेश तथा यूटी काडर मिला है। दो—दो को महाराष्ट्र, हरियाणा, 1—1 को उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, झारखंड, पंजाब, तेलंगाना, केरल, त्रिपुरा भेजा गया है।
- 174वीं रैंक पर ओबीसी कोटे से आयुष जाखड़ को मध्यप्रदेश
- 178वीं रैंक पर सामान्य कोटे से आयुष जैन को गुजरात
- 208वीं रैंक पर दिनेश प्रताप सिंह राठौड़ को असम मेघालय
- 347वीं रैंक पर ओबीसी कोटे से जीवन देवाशीष बेनिवाल को महाराष्ट्र
- 355वीं रैंक पर ओबीसी कोटे से प्रतिभा को गुजरात
- 377वीं रैंक पर सामान्य कोटे से राहुल बंसल को छत्तीसगढ़
- 386वीं रैंक पर ओबीसी कोटे से माविस टांक को उत्तर प्रदेश
- 387वीं रैंक पर सामान्य कोटे से रोहित केशान को त्रिपुरा
- 399वीं रैंक पर ओबीसी कोटे से इशान सोनी को उत्तर प्रदेश
- 404वीं रैंक पर ओबीसी कोटे से रामकृष्ण सारण को अरुणाचल, गोवा, मिजोरम और केन्द्रशासित प्रदेश कैडर
- 430वीं रैंक पर ओबीसी कोटे से आयुष यादव को हरियाणा
- 486वीं रैंक पर ओबीसी कोटे से जितेन्द्र चौधरी को उत्तराखंड
- 537वीं रैंक पर एससी कोटे से अंशुल नागर को तमिलनाडु
- 554वीं रैंक पर एसटी कोटे से राजकुमार मीणा को उत्तर प्रदेश
- 565वीं रैंक पर सिद्धार्थ बरवाल को महाराष्ट्र
- 590वीं रैंक पर राजेश मीणा को तेलंगाना
- 591वीं रैंक पर अन्नू टाटू को असम मेघालय
- 592वीं रैंक पर गगन सिंह मीणा को असम
- 610वीं रैंक पर अजय कुमार मीणा को गुजरात
- 611वीं रैंक पर विकास मीणा को अरुणाचल, गोवा, मिजोरम और केन्द्रशासित प्रदेश कैडर
- 640वीं रैंक पर महेन्द्र कुमार मीणा को असम मेघालय
- 642वीं रैंक पर सुलेखा जागरवार को अरुणाचल, गोवा, मिजोरम और केन्द्रशासित प्रदेश कैडर
- 646वीं रैंक पर शुभम मीणा को झारखंड
- 647वीं रैंक पर अशोक मीणा को पंजाब
- 657वीं रैंक पर एसटी कोटे से आए हार्दिक मीणा को केरल
जोन काडर अनुसार कितने चयनित और कितने मिले
आईपीएस काडर को पांच जोन में बांटा गया है।
- इनमें पहले जोन में सबसे बड़ा काडर यूटी काडर है। इनमें अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम राज्य तथा केन्द्र शासित प्रदेश शामिल हैं। पहले जोन में हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड, पंजाब, राजस्थान और हरियाणा शामिल हैं। इस जोन में जम्मू और कश्मीर को भी यूटी होने के कारण शामिल किया गया है। यहां से कुल 75 लोग आईपीएस के नाते चुने गए हैं। जिनमें से 27 अकेले राजस्थान से हैं। जबकि इन राज्यों में में मात्र 37 आईपीएस अधिकारियों की तैनाती होगी।
- दूसरे जोन में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उड़ीसा हैं। यहां के 48 जने आईपीएस बने हैं और इन राज्यों को 46 आईपीएस मिले हैं।
- तीसरे जोन में गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। यहां से कुल 41 आईपीएस बने हैं और इन राज्यों को 36 आईपीएस भेजे गए हैं।
- चौथे जोन में पश्चिम बंगाल, सिक्किम, असम मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा और नागालैण्ड शामिल हैं। इस पूर्वी जोन ने सबसे अधिक चौंकाया है। यहां इन सात राज्यों से मात्र एक आईपीएस बना है। जबकि यहां पर 41 आईपीएस को भेजा गया है। सिर्फ नागालैण्ड के लिपि नगायाच ही यहां से आईपीएस बन सके हैं।
- पांचवें जोन में आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना शामिल हैं। इस जोन वाले काडरों से 35 अधिकारी देश को मिले हैं, जबकि कुल 34 अधिकारी इस जोन में भेजे गए हैं।
राजस्थान को चाहिए आईएएस—आईपीएस
2019 में हुए काडर रिव्यू के बाद राजस्थान में आईपीएस के 215 व आईएएस के 313 पद स्वीकृत हैं। 2021 में राजस्थान सरकार ने प्रदेश में आईएएस के चालीस पद बढ़ाकर 363 करने की मांग भी की थी।
सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने भी कई प्रदेशों का हवाला देते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय में डीओपी विभाग का जिम्मा संभाल रहे जितेन्द्रसिंह से राजस्थान में काडर बढ़ाने की मांग की थी। क्योंकि आईएएस के मामले में राजस्थान की स्थिति बेहद खराब है। यहां पर 313 के मुकाबले कार्यरत ही 243 हैं। जबकि जरूरत बहुत ज्यादा है।
फिलहाल डीओपी राजस्थान के अनुसार प्रदेश में 194 आईपीएस कार्यरत हैं। ये छह आईपीएस मिलने पर भी यहां 15 पद रिक्त रहेंगे। पूरे देश में जहां आईएएस के 6 हजार 500 और आईपीएस के 4 हजार 843 पद स्वीकृत हैं। Indian Police Service के नियम सेवानियमों के अनुसार आईपीएस में प्रमोशन से कुल स्वीकृत पदों का एक तिहाई ही भरा जा सकता है। ऐसे में राजस्थान में कुल 71 आईपीएस ही प्रमोटी हो सकते हैं।
राजस्थान के आदिवासी युवकों ने बाजी मारी
कुल दो सौ आईपीएस की सूची में राजस्थान के एसटी युवाओं ने इसमें सर्वाधिक बाजी मारी है। कुल बीस पद एसटी के लिए आरक्षित थे, जिसमें में 12 राजस्थान के युवाओं के खाते में आए हैं।
यानि साठ फीसदी पद, जबकि देश की कुल एसटी जनसंख्या का मात्र 8.4 प्रतिशत ही राजस्थान में हैं। ओबीसी के पूरे देश में 43 में से 7 पद अर्थात 16.27 फीसदी राजस्थान के हिस्से आए हैं। सामान्य के 103 में से 7 पदों पर राजस्थान के आईपीएस बने हैं।
एससी के कुल पद 26 थे, लेकिन राजस्थान से एक ही युवक इस कोटे से आईपीएस बन पाया।
इन राज्यों की शून्य भागीदारी
पश्चिम बंगाल और हिमाचल आबादी की नजर से बड़े प्रदेश है, लेकिन यहां का एक भी आईपीएस 2021 में नहीं बन पाया है। असम, मेघालय, त्रिपुरा, मणिपुर, गोवा, सिक्किम, मिजोरम से भी किसी का नम्बर नहीं लगा।
यहां से सर्वाधिक बने आईपीएस
उत्तर प्रदेश के 29 युवक सर्वाधिक आईपीएस बने हैं। इनमें से 19 युवक सामान्य कैटेगरी के हैं। ओबीसी और एससी के पांच—पांच जने इस राज्य से आईपीएस बने हैं। इसके बाद राजस्थान के 27 युवकों का नम्बर आया है।
महाराष्ट्र के 19 आईपीएस बने हैं। जबकि हरियाणा जैसे छोटे प्रदेश से 17 जने भारतीय पुलिस सेवा में चुने गए हैं।
बिहार और मध्यप्रदेश से 15—15 का इस सेवा में चयन हुआ है। दिल्ली से चयनित होने वाले युवाओं की संख्या 13 है। सिर्फ इन राज्यों से 135 जने आईपीएस बने हैं। यह इस पोस्ट की सेवाओं का 67.5 फीसदी है।
यहां दहाई से कम आंकड़ा
पंजाब के 9, आन्ध्र प्रदेश और केरल से 7—7, झारखंड के 6, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ से 5—5, तमिलनाडु से 4 जनों का चयन हुआ है। उत्तराखंड, गुजरात से 2—2 जबकि जम्मू कश्मीर से तीन जनों का आईपीएस में चयन हुआ है। नागालैण्ड, ओडीशा, चण्डीगढ़ से एक—एक आईपीएस बने हैं।
सबसे ज्यादा मिले इन राज्यों को
यूटी काडर में सर्वाधिक 18 आईपीएस भेजे गए हैं। सबसे ज्यादा आईपीएस उन राज्यों को मिले हैं, जहां से चयन नहीं हो रहा। असम मेघालय काडर में 17 आईपीएस भेजे गए हैं।
पश्चिम बंगाल को दस आईपीएस मिले हैं, जबकि यहां का कोई भी युवक आईपीएस नहीं बन पाया है। त्रिपुरा में भी शून्य चयन के बावजूद पांच आईपीएस लगाए गए हैं। नहीं बनने वालों में हिमाचल प्रदेश भी है। यहां भी चार आईपीएस भेजे गए हैं।
गुजरात पर खास मेहरबानी
गुजरात के दो युवक आईपीएस बने हैं, दोनों को ही उनका होम काडर मिल गया है। जबकि पूरे राज्य को दस आईपीएस मिले हैं।