Highlights
- इंफोसिस 2026 तक 21,000 फ्रेशर्स की भर्ती करेगी, जिसमें एआई और डिजिटल रोल्स पर फोकस होगा।
- स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर के लिए कंपनी ₹21 लाख तक का उच्चतम सालाना पैकेज ऑफर कर रही है।
- सैलरी स्ट्रक्चर को चार अलग-अलग स्लैब (₹7 लाख से ₹21 लाख) में विभाजित किया गया है।
- बीई, बीटेक और एमसीए जैसे तकनीकी डिग्री धारक इन पदों के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नई दिल्ली | भारत की दिग्गज आईटी सेवा प्रदाता कंपनी इंफोसिस ने आगामी वर्ष 2026 के लिए अपने भर्ती लक्ष्यों की घोषणा कर दी है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि वह 21,000 नए स्नातकों यानी फ्रेशर्स को अपनी टीम में शामिल करने जा रही है। इस भर्ती अभियान की सबसे उल्लेखनीय विशेषता फ्रेशर्स के लिए पेश किया गया भारी-भरकम सैलरी पैकेज है। इंफोसिस अब विशिष्ट तकनीकी भूमिकाओं के लिए सालाना 21 लाख रुपए तक का पैकेज ऑफर कर रही है। यह कदम भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में फ्रेशर्स की शुरुआती आय के मानकों को बदलने की एक बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।
सैलरी स्ट्रक्चर और विभिन्न श्रेणियों का विवरण
कंपनी ने अपनी भर्ती प्रक्रिया को और अधिक व्यवस्थित और पारदर्शी बनाने के लिए वेतन ढांचे को चार मुख्य श्रेणियों या स्लैब में विभाजित किया है। यह वर्गीकरण मुख्य रूप से 'स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर' और 'डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर' जैसे महत्वपूर्ण पदों के लिए किया गया है। सबसे उच्च श्रेणी 'स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर L3 (ट्रेनी)' की है, जिसमें चयनित होने वाले फ्रेशर्स को ₹21 लाख का वार्षिक पैकेज दिया जाएगा। इसके बाद 'स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर L2' के लिए ₹16 लाख और 'स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर L1' के लिए ₹11 लाख का सालाना वेतन निर्धारित किया गया है। वहीं, 'डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर (ट्रेनी)' के पद पर नियुक्त होने वाले उम्मीदवारों को ₹7 लाख का शुरुआती वार्षिक पैकेज ऑफर किया जा रहा है।
अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता और आवेदन प्रक्रिया
इन उच्च वेतन वाले पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों के पास ठोस तकनीकी पृष्ठभूमि होनी चाहिए। इंफोसिस मुख्य रूप से बीई (BE), बीटेक (BTech), एमई (ME), एमटेक (MTech), एमसीए (MCA) और इंटीग्रेटेड एमएससी (MSc) की डिग्री रखने वाले छात्रों को प्राथमिकता दे रही है। शाखाओं के संदर्भ में, कंप्यूटर साइंस, इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (IT) और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग (ECE, EEE) के छात्रों के पास आवेदन करने का सुनहरा अवसर है। कंपनी का लक्ष्य ऐसे युवाओं को जोड़ना है जो न केवल कोडिंग में कुशल हों बल्कि जटिल समस्याओं को सुलझाने की क्षमता भी रखते हों। ऑफ-कैंपस और ऑन-कैंपस दोनों माध्यमों से इन पदों के लिए योग्य उम्मीदवारों का चयन किया जाएगा।
एआई-फर्स्ट स्ट्रैटेजी और भविष्य की योजनाएं
इंफोसिस ग्रुप के मुख्य मानव संसाधन अधिकारी (CHRO) शाजी मैथ्यू ने इस वेतन वृद्धि और भर्ती अभियान के पीछे की रणनीति पर प्रकाश डाला है। उन्होंने बताया कि कंपनी वर्तमान में 'एआई-फर्स्ट स्ट्रैटेजी' पर काम कर रही है। इसका अर्थ है कि कंपनी को ऐसे प्रतिभाशाली लोगों की जरूरत है जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और अगली पीढ़ी की डिजिटल तकनीकों में माहिर हों। मैथ्यू के अनुसार, स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर ट्रैक में अवसरों को बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य बाजार में उपलब्ध सर्वोत्तम तकनीकी प्रतिभा को अपने साथ जोड़ना है। कंपनी का मानना है कि उच्च वेतन देने से उन्हें उन स्किल्ड प्रोफेशनल्स को आकर्षित करने में मदद मिलेगी जो भविष्य के डिजिटल समाधान तैयार कर सकें।
आईटी सेक्टर में सैलरी का बदलता परिदृश्य
पिछले एक दशक में आईटी सेक्टर में फ्रेशर्स की सैलरी में मामूली वृद्धि देखी गई थी, जबकि शीर्ष अधिकारियों के वेतन में भारी उछाल आया था। एक विश्लेषण के अनुसार, 2012 से 2022 के बीच सीईओ के वेतन में 835% की बढ़ोतरी हुई, जबकि फ्रेशर्स का औसत वेतन केवल 45% ही बढ़ पाया था। ऐसे में इंफोसिस द्वारा ₹21 लाख तक का पैकेज देना इंजीनियरिंग स्नातकों के लिए एक बड़ी राहत और उत्साहजनक खबर है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2026 की पहली छमाही में ही 12,000 फ्रेशर्स को नौकरी दे दी है और अब वह अपने कुल लक्ष्य को पूरा करने के लिए तेजी से कदम बढ़ा रही है। इंफोसिस की कुल कर्मचारी संख्या अब 3,31,991 के पार पहुंच चुकी है।
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