Highlights
स्वच्छ भारत अभियान 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की। इसका उद्देश्य पूरे देश में स्वच्छता बढ़ाना और खुले में शौच की समस्या को समाप्त करना था। इस अभियान ने सामाजिक स्तर पर एक बड़ा बदलाव लाने का प्रयास किया है।
Jaipur | नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ। उनका बचपन गुजरात में ही बीता, जहाँ उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। मोदी ने गुजरात यूनिवर्सिटी से राजनीति विज्ञान में मास्टर डिग्री हासिल की। युवा अवस्था में ही उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की।
RSS और बीजेपी के साथ मोदी ने 1971 में आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता के रूप में कार्य शुरू किया। 1980 के दशक में, वह भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े और पार्टी के संगठन में उच्च पदों पर पहुँचे।
गुजरात के मुख्यमंत्री 2001 में, मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बने। उनका कार्यकाल गुजरात के आर्थिक विकास के लिए जाना जाता है, हालांकि 2002 के गुजरात दंगों को लेकर उनकी आलोचना भी हुई है।
भारत के प्रधानमंत्री 2014 में, नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने, जिसके बाद 2019 और 2024 में उन्होंने फिर से पद संभाला। उनके नेतृत्व में BJP ने लगातार तीन बार सत्ता प्राप्त की।
स्वच्छ भारत अभियान स्वच्छता और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, यह मोदी सरकार की एक प्रमुख पहल है।
मेक इन इंडिया भारत में उद्योग और विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई यह योजना वैश्विक निवेश आकर्षित करने का प्रयास है।
आयुष्मान भारत यह दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना है जो गरीब और जरूरतमंदों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करती है।
नरेंद्र मोदी ने वैश्विक स्तर पर भी भारत की पहचान मजबूत की। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर योग को प्रचारित किया, जो अब विश्व योग दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनकी विदेश नीति ने भारत को विश्व के मंच पर एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है।
मोदी के कार्यकाल में कई विवाद भी हुए, जिनमें मुख्य रूप से धारा 370 को हटाना, तीन कृषि कानून (जिन्हें बाद में वापस लिया गया), और कभी-कभी उनके हिंदू राष्ट्रवादी विचारों को लेकर विपक्ष की आलोचनाएं शामिल हैं।
नरेंद्र मोदी को उनके समर्थकों ने एक विकासवादी नेता के रूप में स्वीकार किया है जो भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की क्षमता रखता है, जबकि उनके आलोचकों का मानना है कि उनकी नीतियों ने देश में सामाजिक समरसता और धर्मनिरपेक्षता को प्रभावित किया है। उनका नेतृत्व, चाहे जो भी मतभेद हों, भारत और विश्व राजनीति पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव डालता रहा है।