Highlights
- दलजीत सिहाग को बेड़ियां पहनाकर बाजार में परेड कराने का मामला गरमाया।
- राजस्थान के सांसद हनुमान बेनीवाल ने दलजीत सिहाग को समर्थन दिया।
- दलजीत की पत्नी अनिता सिहाग ने सांसद बेनीवाल से मिलकर मदद मांगी।
- पुलिस ने दलजीत को 'गैंगस्टर' बताया, पत्नी ने उत्पीड़न का आरोप लगाया।
हिसार: जाट आरक्षण हिंसा (Jat Reservation Violence) मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दलजीत सिहाग (Daljeet Sihag) को बेड़ियां पहनाकर परेड कराने का मामला तूल पकड़ रहा है। राजस्थान (Rajasthan) के नागौर (Nagaur) से सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने दलजीत सिहाग का समर्थन किया है। दलजीत की पत्नी अनिता सिहाग (Anita Sihag) ने बेनीवाल से मुलाकात कर मदद मांगी थी।
जाट आरक्षण आंदोलन हिंसा मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे दलजीत सिहाग को बेड़ियां पहनाकर बाजार में परेड कराने का मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है। खाप पंचायतों के समर्थन के बाद अब राजस्थान के नागौर से राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सांसद हनुमान बेनीवाल भी दलजीत सिहाग के समर्थन में उतर आए हैं।
सांसद बेनीवाल का दलजीत सिहाग को समर्थन
जाट नेता हनुमान बेनीवाल ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट डाली, जिसमें उन्होंने लिखा कि दलजीत सिहाग के परिवार को प्रशासनिक और सरकारी स्तर पर प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्होंने हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
दलजीत सिहाग की पत्नी अनिता सिहाग ने दिल्ली में सांसद बेनीवाल से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि हांसी पुलिस ने 20 नवंबर को उनके पति सिहाग को हाथ-पांव में बेड़ियां पहनाकर बाजारों में परेड कराई थी।
अनिता सिहाग ने आरोप लगाया कि हरियाणा में ओपी सिंह को डीजीपी का पदभार मिलने के बाद नवंबर में दलजीत पर दो नए केस दर्ज किए गए, जिनमें गैंगस्टर एक्ट तक लगाया गया। उनका कहना है कि पुलिस जानबूझकर दलजीत को अपमानित कर रही है और उसे गैंगस्टर दिखाने की कोशिश कर रही है।
हांसी पुलिस का दलजीत सिहाग पर स्टैंड
हांसी पुलिस ने 2 नवंबर और 15 नवंबर को दलजीत सिहाग पर कई धाराओं में केस दर्ज किए थे, जिनमें डकैती, लूट और अपहरण जैसी गंभीर धाराएं शामिल हैं। पुलिस ने दलजीत पर दर्ज 61 केसों का ब्योरा भी पेश किया।
पुलिस का कहना है कि दलजीत सिहाग बदमाश प्रदीप जमावड़ी गैंग का सदस्य रह चुका है, जिसकी 8 साल पहले हत्या हो चुकी है।
डीएसपी देवेंद्र नैन ने क्या कहा?
प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हांसी डीएसपी देवेंद्र नैन ने बताया कि दलजीत सिहाग एक सामान्य व्यक्ति नहीं है, बल्कि प्रदीप जमावड़ी गैंग का पूर्व सदस्य रहा है। डीएसपी ने जोर देकर कहा कि दलजीत आपराधिक प्रवृत्ति का हिस्ट्रीशीटर रहा है, जिसके खिलाफ पहला मामला 2004 में दर्ज हुआ था।
उन्होंने बताया कि उस पर अभी तक आखिरी मामला इसी महीने में दर्ज हुआ है। देवेंद्र नैन ने यह भी कहा कि समाज में अपराध करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
बेड़ियां डालकर घुमाने के आरोपों पर देवेंद्र नैन ने बताया कि पुलिस दलजीत को प्रोडक्शन वारंट पर हांसी लाई थी। डीएसपी ने अपील की कि दलजीत को किसी भी रूप में हीरो की तरह पेश न किया जाए, क्योंकि इससे युवा भ्रमित होकर गलत दिशा में जा सकते हैं।
बेड़ियां पहनाकर परेड का मामला
हांसी पुलिस ने 20 नवंबर को दलजीत सिहाग के हाथों में बेड़ियां डालकर बाजारों में घुमाया था। पुलिस ने गांव सिसाय निवासी गैंगस्टर दलजीत को झज्जर से एक दिन के पुलिस रिमांड पर लिया था।
दरअसल, हरियाणा दिवस यानी 1 नवंबर को दलजीत के फेसबुक पेज से हरियाणा दिवस की शुभकामना संदेश को लेकर एक पोस्ट डाली गई थी। इस पोस्ट में गैंगस्टर सफेद कपड़ों में हाथ जोड़कर हरियाणा दिवस की बधाई देते दिख रहा था।
इस पोस्ट के बाद डीजीपी ओपी सिंह का गुस्सा भड़क गया था, जिसके बाद पुलिस ने दलजीत के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी थी।
दलजीत की पत्नी ने मांगी समाज से मदद
7 दिसंबर को दलजीत सिहाग के सिसाय गांव में खाप प्रतिनिधियों और किसान संगठनों की एक पंचायत हुई थी, जो दलजीत की पत्नी अनिता की अपील पर बुलाई गई थी। बैठक के दौरान अनिता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके पति पर "सोशल मीडिया के माध्यम से युवाओं को भड़काने" का झूठा मुकदमा दर्ज किया है।
उन्होंने पुलिस द्वारा करवाई गई परेड पर भी कड़ी आपत्ति जताई और मांग की कि पुलिस को इस अपमानजनक कार्रवाई के लिए माफी मांगनी चाहिए। खाप और किसान संगठनों ने भी पुलिस कार्रवाई पर सवाल उठाए और जल्द ही एक महापंचायत करने की बात कही।
यह मामला हरियाणा और राजस्थान दोनों राज्यों में राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर हलचल पैदा कर चुका है, क्योंकि दलजीत सिहाग के समर्थन में लगातार आवाजें उठ रही हैं।
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