Highlights
- जैसलमेर बस अग्निकांड में 26 लोगों की मौत का कारण एसी की खराब वायरिंग में शॉर्ट सर्किट था।
- पटाखे हादसे की वजह नहीं थे, वे पानी से भीगे हुए मिले।
- यात्रियों द्वारा खिड़कियां तोड़ने से बाहर की हवा के संपर्क में आकर आग और भड़की।
- बस मालिक, ड्राइवर और बॉडी मेकर को लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
जैसलमेर: जैसलमेर बस अग्निकांड (Jaisalmer Bus Fire) की FSL रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 26 लोगों की मौत एसी की खराब वायरिंग में शॉर्ट सर्किट से हुई, न कि पटाखों से। यात्रियों के शीशे तोड़ने से आग भड़की।
FSL रिपोर्ट में बड़ा खुलासा
जैसलमेर बस अग्निकांड की FSL रिपोर्ट में कई अहम खुलासे हुए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 14 अक्टूबर को बस में आग एसी की खराब वायरिंग में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी थी।
आग बस की छत से शुरू हुई और धीरे-धीरे पूरे केबिन में फैल गई जिससे कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस और धुआं भर गया।
इससे लोगों का दम घुटने लगा और वे बेहोश होने लगे।
लोगों ने बचने के लिए खिड़की के कांच तोड़े, जिससे बाहर की हवा के संपर्क में आने से आग और भड़क गई और पूरी बस को चपेट में ले लिया।
इस भीषण हादसे में कुल 26 लोगों की जान चली गई।
जैसलमेर एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि बस में किसी भी तरह के ज्वलनशील पदार्थ की वजह से आग लगने का खुलासा नहीं हुआ है।
एफएसएल रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बाहर की हवा से बस में आग भड़की थी।
एसी कनेक्शन और आग का फैलाव
हादसे के बाद जयपुर और जोधपुर की एफएसएल टीमों ने संयुक्त जांच की।
एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि बस की छत पर लगाया गया एसी इंजन से जुड़ा हुआ था।
इसी कनेक्शन से निकली चिंगारी ने पहले वायरिंग को जलाया और कुछ ही मिनटों में धुआं पूरे केबिन में भर गया।
बस में बैठे यात्रियों को बचने का मौका तक नहीं मिला क्योंकि कार्बन मोनो ऑक्साइड गैस के फैलने से उनका दम घुट गया।
कई यात्री खिड़कियां तोड़कर बाहर निकलने की कोशिश कर रहे थे और जैसे ही खिड़की तोड़ी गई, बाहर की ऑक्सीजन बस में आई और कुछ ही सेकंड में आग तेजी से भड़क गई।
पटाखों का कोई रोल नहीं
एफएसएल टीम ने बस के नीचे के हिस्से, टायर और डीजल टैंक की भी जांच की, जो पूरी तरह सुरक्षित पाए गए।
इससे यह स्पष्ट हुआ कि आग नीचे से नहीं, बल्कि ऊपर से एसी यूनिट से शुरू हुई थी।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बस की डिक्की में मिले पटाखे हादसे की वजह नहीं थे क्योंकि वे पूरी तरह पानी से भीगे हुए मिले और उनमें विस्फोटक तत्वों का कोई सबूत नहीं मिला।
यह बात अब स्पष्ट हो गई है कि हादसा किसी बाहरी धमाके या साजिश से नहीं, बल्कि तकनीकी खराबी और लापरवाही के कारण हुआ।
सुरक्षा मानकों की अनदेखी और गिरफ्तारी
जांच में यह भी सामने आया कि बस में कई सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी।
एसी वायरिंग को इंजन के साथ असुरक्षित तरीके से जोड़ा गया था और बस की बॉडी में इस्तेमाल की गई सामग्री भी फायर-रेजिस्टेंस नहीं थी।
एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि प्रारंभिक जांच के आधार पर बस मालिक, ड्राइवर और बॉडी मेकर मनीष जैन को गिरफ्तार किया जा चुका है।
उन्होंने बताया कि एफएसएल रिपोर्ट में साफ है कि बस में भारी लापरवाही बरती गई और सुरक्षा नियमों का पालन नहीं किया गया था।
यह हादसा टाला जा सकता था, अगर समय पर निरीक्षण और सही तकनीकी फिटिंग होती।
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