गरबा महोत्सव में राजनीतिक तकरार: जालोर: गरबा महोत्सव में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और कांग्रेस नेता रामाराम चौधरी के बीच मंच पर विवाद, गर्ग को लौटना पड़ा

जालोर: गरबा महोत्सव में मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और कांग्रेस नेता रामाराम चौधरी के बीच मंच पर विवाद, गर्ग को लौटना पड़ा
Jogeshwar Garg Jivana Vivad News
Ad

Highlights

  • जालोर के जीवाणा में गरबा महोत्सव के अंतिम दिन राजनीतिक विवाद।
  • मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग और कांग्रेस नेता रामाराम चौधरी के बीच मंच पर तकरार।
  • चौधरी ने गर्ग पर अपमानित करने का आरोप लगाया, समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन।
  • तनाव बढ़ने पर गर्ग को कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर लौटना पड़ा।
  • चौधरी समाज ने गर्ग के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया।

जालोर | जिले के जीवाणा में चल रहे गरबा महोत्सव का समापन समारोह बुधवार रात राजनीतिक तकरार का गवाह बन गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विधानसभा के मुख्य सचेतक (चीफ व्हीप) जोगेश्वर गर्ग मौजूद थे, वहीं क्षेत्र के जिला परिषद सदस्य और कांग्रेस नेता रामाराम चौधरी भी आमंत्रित थे। मंच पर दोनों नेताओं के बीच तीखी बहस हुई, जिसके बाद माहौल इतना तनावपूर्ण हो गया कि गर्ग को कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर लौटना पड़ा।

विवाद की शुरुआत

रामाराम चौधरी के अनुसार, जब वे कार्यक्रम में पहुंचे तो उन्होंने सम्मानवश जोगेश्वर गर्ग के चरण स्पर्श किए। लेकिन गर्ग ने उन्हें कथित तौर पर कहा, "तू यहां क्या लेने आया। तेरा यहां क्या काम है। निकल जा।" इस बात से चौधरी भड़क गए और इसे अपनी सार्वजनिक बेइज्जती मानते हुए मंच छोड़कर बाहर आ गए। बाहर आकर उन्होंने अपने समर्थकों के साथ गर्ग के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।

सोशल मीडिया पर भी विरोध

इस घटना के बाद रामाराम चौधरी ने गुरुवार को अपने सोशल मीडिया स्टेटस पर भी जोगेश्वर गर्ग के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा, "मिस्टर मंत्री जोगेश्वर गर्ग। मैं आपको कहना चाहता हूं कि तुमने जो मेरी बेइज्जती रात को की है आपको सार्वजनिक मंच से माफी मांगनी पड़ेगी। आप एक किसान पुत्र को दबा नहीं सकते। मैंने ईमानदारी से काम किया है और हर वर्ग का दिल जीता है। यह आप पचा नहीं पा रहे हो। रात के सब वीडियो और फुटेज मेरे पास हैं। आपने तो पुलिस को बोला था कि इसको गिरफ्तार कर लो, बट आप और पुलिस प्रशासन में हिम्मत नहीं है। गलती की इसलिए आपको चुपके से इस प्रोग्राम में से बाहर निकलना पड़ा।"

समझाने की कोशिशें और गर्ग का लौटना

हंगामे को बढ़ता देख पूर्व प्रधान रामप्रकाश चौधरी और खेतलावास ग्राम पंचायत प्रशासक हजाराम सहित अन्य लोग बीच-बचाव के लिए आगे आए। उन्होंने लगभग एक घंटे तक रामाराम चौधरी को समझाने की कोशिश की और गर्ग के शब्दों के लिए माफी भी मांगी, लेकिन चौधरी अपनी बात पर अड़े रहे कि गर्ग को सार्वजनिक मंच से माफी मांगनी होगी। इस बीच पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और भीड़ को शांत करने का प्रयास किया, लेकिन विरोध कम नहीं हुआ। अंततः, बढ़ते दबाव और लोगों की नाराजगी के चलते मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग को कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर वापस लौटना पड़ा।

चौधरी समाज में आक्रोश

इस घटना के बाद चौधरी समाज में भी गहरा आक्रोश फैल गया। बड़ी संख्या में युवा और समाजजन कार्यक्रम स्थल के बाहर एकत्रित हो गए और "गर्ग हाय-हाय" के नारे लगाने लगे। रामाराम चौधरी ने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि यह केवल उनका नहीं, बल्कि पूरे समाज का अपमान है। उन्होंने चेतावनी दी कि अब गर्ग को उनके समाज के किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होने दिया जाएगा। चौधरी ने यह भी आरोप लगाया कि गर्ग पहले भी मानहानि के मुकदमों और पारिवारिक विवादों में घिरे रहे हैं। इस घटना ने जालोर की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है।

Must Read: मुंबई-तेलंगाना कूच से पहले सीएम अशोक गहलोत का दावा, कह गए ये बड़ी बात

पढें राजनीति खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :