Jalore Rajasthan: जालोर में भू-माफियाओं का कब्जा: ग्रामीणों ने कलेक्टर से की मुलाकात, आंदोलन की चेतावनी

जालोर में भू-माफियाओं का कब्जा: ग्रामीणों ने कलेक्टर से की मुलाकात, आंदोलन की चेतावनी
जालोर में भू-माफिया का कब्जा: ग्रामीणों की शिकायत
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Highlights

  • जालोर के भीनमाल में SC/ST वर्ग की 9 बीघा जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा।
  • ग्रामीणों ने कलेक्टर प्रदीप गवांडे से मुलाकात कर जमीन वापस दिलाने की मांग की।
  • भू-माफियाओं पर कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी।
  • पहले भी चार बार प्रशासन को ज्ञापन सौंपने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई।

जालोर: जालोर (Jalore) के भीनमाल (Bhinmal) में SC/ST 9 बीघा जमीन पर भू-माफियाओं का कब्जा। ग्रामीणों ने कलेक्टर प्रदीप गवांडे (Gawande) से मिलकर जमीन वापसी और आंदोलन की चेतावनी दी।

भीनमाल थाना क्षेत्र के भागाल भीम में अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के पात्र परिवारों को आवंटित जमीन पर जबरन कब्जा करने का गंभीर मामला सामने आया है। इस संबंध में शुक्रवार को बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जालोर कलेक्टर प्रदीप गवांडे से मुलाकात की और उन्हें एक विस्तृत ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बताई। ग्रामीणों ने प्रशासन से जल्द से जल्द उनकी पैतृक और आवंटित जमीन वापस दिलाने की मांग की है, ताकि वे अपने आवास का निर्माण कर सकें।

9 बीघा जमीन पर भू-माफियाओं का अवैध कब्जा

ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपे ज्ञापन में स्पष्ट रूप से बताया कि भीनमाल के भागल भीम में उन्हें कुल 9 बीघा जमीन राज्य सरकार द्वारा दी गई थी। यह जमीन विशेष रूप से अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के उन पात्र परिवारों के लिए निर्धारित की गई थी, जिनके पास अपना कोई आवासीय भूखंड नहीं था।

पंचायत ने इस जमीन पर आवासीय भूखंड आवंटन की प्रक्रिया भी विधिवत रूप से शुरू कर दी थी और पात्र SC/ST परिवारों की सूची जारी कर उन्हें नियमानुसार भूखंड आवंटित भी किए थे। यह आवंटन प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी थी और इसका उद्देश्य समाज के कमजोर वर्ग को आवास उपलब्ध कराना था।

हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ प्रभावशाली भू-माफियाओं ने इस पूरी आवंटित जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है।

ये माफिया अब इस जमीन को आगे अन्य लोगों को बेचने की फिराक में हैं, जिससे पात्र परिवारों को उनके कानूनी हक से वंचित किया जा रहा है। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि स्थानीय समुदाय के अधिकारों को सीधे तौर पर प्रभावित करता है और उनमें असुरक्षा की भावना पैदा करता है।

प्रशासन की अनदेखी से बढ़ा ग्रामीणों का रोष

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि भू-माफियाओं द्वारा जमीन पर किए गए इस अवैध कब्जे को हटाने के लिए उन्होंने पहले भी कई बार प्रशासन का दरवाजा खटखटाया है।

उनके अनुसार, वे पिछले कुछ समय में करीब चार बार भीनमाल और जालोर जिला प्रशासन के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर इस गंभीर अवैध कब्जे के बारे में अवगत करा चुके हैं।

इन ज्ञापनों में स्थिति की गंभीरता और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता पर जोर दिया गया था। बावजूद इसके, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है, जिससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति गहरा रोष और निराशा व्याप्त है। उनकी शिकायतें अनसुनी की जा रही हैं, जिससे माफियाओं के हौसले बुलंद हो रहे हैं।

कलेक्टर से तत्काल कार्रवाई की मांग और आंदोलन की चेतावनी

ग्रामीणों ने कलेक्टर प्रदीप गवांडे से स्पष्ट शब्दों में मांग की है कि भू-माफियाओं के खिलाफ तत्काल और सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन को इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए और जल्द से जल्द उनकी आवंटित जमीन को भू-माफियाओं के कब्जे से मुक्त कराकर पात्र परिवारों को सौंपना चाहिए।

ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी जमीन वापस नहीं दिलवाई गई और भू-माफियाओं पर कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े पैमाने पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

उन्होंने कहा कि वे अपने संवैधानिक और कानूनी हक की लड़ाई लड़ने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे, जिसमें धरना-प्रदर्शन और अन्य लोकतांत्रिक तरीके शामिल होंगे।

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