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माना जा रहा है कि, रिजिजू सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ लगातार बोल रहे थे, जिसके चलते उन्हें ये फरमान सुनाया गया है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्रिमंडल में बदलाव की मंजूरी दी हैं।
नई दिल्ली | Kiren Rijiju Removed from Law Ministry : कर्नाटक के बाद अब दिल्ली से बढ़ी खबर सामने आई है। मोदी कैबिनेट में बड़ा बदलाव किया गया है।
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू को उनके पद से हटा दिया है और राजस्थान से सांसद अर्जुन राम मेघवाल को उनके पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
माना जा रहा है कि, रिजिजू सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ लगातार बोल रहे थे, जिसके चलते उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है।
बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंत्रिमंडल में बदलाव की मंजूरी दी हैं।
जिसके बाद किरेन रिजिजू को उनके कानून मंत्रालय से हटा दिया गया और मेघवाल को इसकी जिम्मेदारी दी गई।
हालांकि रिजिजू से कानून मंत्रालय छीनने के बाद उन्हें बेदखल न करते हुए भू-विज्ञान मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है।
इसलिए हटाया गया!
किरेन रिजिजू ने अक्टूबर 2022 में अहमदाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान जजों और जजों की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट पर सवाल दागे थे।
तब उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के जज आधा समय तो नियुक्तियों की पेचीदगियों में निकाल देते हैं, जिसकी वजह से न्याय करने की अपनी मुख्य जिम्मेदारी नहीं भिभा पाते हैं।
किरेन रिजिजू यहीं तक सीमित नहीं रहे। उन्होंने जजों पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जज अपने करीबियों को नियुक्त करने लगे रहते हैं।
जबकि हम संविधान की भावना से चलते हैं तो जजों की नियुक्ति करना सरकार का काम है।
एक न्यायाधीश आलोचना से तभी ऊपर होगा, अगर वो दूसरे न्यायाधीश के चयन में शामिल नहीं है, लेकिन अगर वो प्रशासनिक कार्यों में शामिल है, तो वह आलोचना से ऊपर नहीं है।
केंद्रीय कानून मंत्री ने न्यायपालिका के अंदर भी राजनीति चलने की बात कहकर तहलका मचा दिया था।
उन्होंने कहा था कि न्यायपालिका के अंदर चल रही राजनीति को लोग नहीं जानते।