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मेघवाल परिवार की इस खुशी में भामाशाह मेघराज सिंह रॉयल अब जन स्वाभिमान मंच के संयोजक समताराम महाराज, समाजसेवी दयाल सिंह राठौड़, युवा नेता शक्ति सिंह बांदीकुई के साथ जोरशोर से मायरा भरने पहुंचे तो परिजनों की आंखें छलक उठीं।
जयपुर | मेघवाल समाज की बेटी का मायरा भरने नसीराबाद के कालेसरा पहुंचे भामाशाह मेघराज सिंह रॉयल। राजस्थान में मायरे की परंपरा लोक में इतनी गहरी हैं कि पूरे देश में राजस्थान के मायरे की एक अलग पहचान है। ऐसा ही एक मायरा भरने के लिए भामाशाह मेघराज सिंह रॉयल 27 नवंबर को कालेसरा गांव पहुंचे।
कालेसरा गांव में मेघवाल समाज की दो बेटियों रेखा और रिंकू की शादी 28 नवंबर को है जिसका मायरा 27 नवंबर को भरा गया। दुल्हन बनी रेखा और रिंकू के पिता स्वर्गीय भैरूलाल मेघवाल का स्वर्गवास बहुत पहले हो चुका हैं ऐसे में शादी की जिम्मेदारी उनकी विधवा मां कमला देवी एवम भाई मुकेश मेघवाल के ऊपर है।
मेघवाल परिवार की इस खुशी में भामाशाह मेघराज सिंह रॉयल अब जन स्वाभिमान मंच के संयोजक समताराम महाराज, समाजसेवी दयाल सिंह राठौड़, युवा नेता शक्ति सिंह बांदीकुई के साथ जोरशोर से मायरा भरने पहुंचे तो परिजनों की आंखें छलक उठीं।
पिता के दिवंगत होने पर बहनों के विवाह की जिम्मेदारी निभा रहे मुकेश मेघवाल ने बताया कि भामाशाह मेघराज सिंह रॉयल से उनके परिवार के भावुक संबंध है।
राजपूत समाज और मेघवाल समाज सदियों से एक दूसरे का सहयोगी समाज रहा हैं।
अब जबकि मेघवाल समाज के इस परिवार में बिना पिता की दो पुत्रियों की शादी है तो अपना फर्ज समझकर सहभागी दलित समाज की खुशियों में भागीदार बनने की राजपूत समाज की सदियों पुरानी परंपरा को जीवंत करने और आपसी भाईचारे को प्रगाढ़ बनाने हेतु राजपूत समाज के भामाशाह मेघराज सिंह रॉयल के मायरा भरने को लेकर मेघवाल समाज आत्मीय रूप से अभिभूत है।
इस दौरान शक्ति सिंह बांदीकुई, दयाल सिंह कात्यासनी, ओमेन्द्रसिंह नरुका, भंवर सिंह रेटा, दिलीप सिंह राठौड़, वीरम परिहार, पन्नालाल इनानिया, सांवरलाल मेघवाल, जगदीश मेघवाल, ओमप्रकाश मेघवाल, कानाराम मेघवाल, ओमप्रकाश कतीरिया, पवन मेघवाल, तेजपाल मेघवाल आदि मौजूद रहे।