महात्मा गांधी हॉस्पिटल में बढ़ी सुरक्षा: MG हॉस्पिटल में 232 कैमरे, सुरक्षा बढ़ी, चोरों पर भी नजर

MG हॉस्पिटल में 232 कैमरे, सुरक्षा बढ़ी, चोरों पर भी नजर
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Highlights

  • 232 कैमरे लगाए गए, 24 घंटे मॉनिटरिंग।
  • तीन अलग-अलग कमांड सेंटर बनाए गए।
  • स्टाफ की गतिविधियों और चोरों पर भी नजर।
  • संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत कार्रवाई।

JAIPUR |  जोधपुर (Jodhpur) के महात्मा गांधी हॉस्पिटल (Mahatma Gandhi Hospital) में मरीजों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए 232 कैमरे लगाए गए हैं और एक कैमरा कंट्रोल सेंटर (Camera Control Center) स्थापित किया गया है, जिससे स्टाफ और चोरों पर नजर रखी जा सकेगी।

जोधपुर का 93 साल पुराना महात्मा गांधी हॉस्पिटल अब हाईटेक सुविधाओं से लैस होकर आधुनिक चिकित्सा आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। कुछ साल पहले तक अस्पताल में मरीज के परिजनों की जेब काटने और मोबाइल चोरी जैसी घटनाएं अक्सर सामने आती थीं, जिससे सुरक्षा को लेकर चिंता बनी रहती थी।

लेकिन अब अस्पताल में ऐसी आपराधिक घटनाओं को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए "तीसरी आंख" यानी सीसीटीवी कैमरों का जाल बिछाया गया है, जो हर गतिविधि पर पैनी नजर रख रहा है।

अस्पताल प्रशासन ने अभय कमांड सेंटर की तर्ज पर एक अत्याधुनिक कैमरा कंट्रोल रूम बनाया है। इस केंद्रीयकृत सिस्टम से पूरे अस्पताल परिसर की गतिविधियों को चौबीसों घंटे मॉनिटर किया जाता है, जिससे सुरक्षा का स्तर काफी बढ़ गया है।

232 कैमरे और 24 घंटे मॉनिटरिंग

अस्पताल के नर्सिंग सुपरिटेंडेंट और कैमरा सेंटर के इंचार्ज महिपाल सिंह ने दैनिक भास्कर को बताया कि वर्तमान में 232 कैमरे लगाए गए हैं। इन कैमरों के माध्यम से 24 घंटे अस्पताल की निगरानी की जाती है।

अस्पताल में तीन अलग-अलग कमांड सेंटर स्थापित किए गए हैं। यहां नर्सिंग अधिकारी चौबीसों घंटे ड्यूटी पर रहते हैं, जिससे कोई भी संदिग्ध गतिविधि तुरंत पकड़ी जा सके।

इन कैमरों में 15 से 30 दिन तक का डेटा स्टोरेज रहता है। इससे भीड़भाड़, डॉक्टरों की उपस्थिति और नर्सिंग स्टाफ सहित सभी व्यवस्थाओं की प्रभावी निगरानी संभव हो पाती है।

अधीक्षक भी करते हैं निगरानी

हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉक्टर फतेह सिंह भाटी भी अपने कक्ष से ही पूरे अस्पताल की गतिविधियों की मॉनिटरिंग करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि सुरक्षा व्यवस्था में कोई ढील न हो।

रात की सुरक्षा पर विशेष ध्यान

रात के समय मरीज के परिजन अक्सर अस्पताल परिसर में सोते हैं। ऐसे में उनके मोबाइल और पैसे चोरी होने की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है।

असामाजिक तत्वों को अस्पताल परिसर से दूर रखने के लिए भी यह सिस्टम 24 घंटे सक्रिय रहता है। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर टीम तुरंत मौके पर पहुंच कर पूछताछ करती है।

यदि टीम संदिग्ध व्यक्ति से संतुष्ट नहीं होती है, तो पुलिस को तत्काल सूचना दी जाती है। इससे मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा व्यवस्था काफी मजबूत हुई है।

मरीजों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता

अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर फतेह सिंह भाटी ने बताया कि प्रिंसिपल डॉक्टर बीएस जोधा के मार्गदर्शन में कई नवाचार किए जा रहे हैं। मरीजों और उनके परिजनों की सुरक्षा उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है।

इसी उद्देश्य से यह कैमरा कंट्रोल सेंटर स्थापित किया गया है, जिसके माध्यम से पूरे अस्पताल की निगरानी की जा रही है। इसका लक्ष्य अवांछनीय घटनाओं को रोकना और एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है।

बता दें कि महात्मा गांधी हॉस्पिटल की स्थापना वर्ष 1932 में हुई थी। यह तब जोधपुर का एक प्रमुख चिकित्सा केंद्र था और आज भी फिजिशियन, बर्न यूनिट सहित कई महत्वपूर्ण इकाइयां यहां संचालित हो रही हैं।

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