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मंत्री मेघवाल ने कहा कि मुझे भी खरीदने की कोशिश की गई थी। मेरे पास इसकी रिकार्डिंग भी पड़ी हुई है, लेकिन मैंने कहा कि पशु बेचे-खरीदे जा सकते है इंसान नहीं।
जयपुर | राजस्थान में पहले से ही विधानसभा चुनावा 2023 को लेकर पार्टियों के बीच घमासान जारी है।
इसी बीच राजस्थान के मंत्री गोविंद मेघवाल ने भी कांग्रेस में चली आ रही नेतृत्व की लड़ाई के मामले को एक बार फिर से हवा दे दी है।
गोविंद राम मेघवाल के एक बयान के बाद अब फिर से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है।
मंत्री मेघवाल ने कहा कि मुझे भी खरीदने की कोशिश की गई थी। मेरे पास इसकी रिकार्डिंग भी पड़ी हुई है।
लेकिन मैंने कहा कि पशु बेचे-खरीदे जा सकते है इंसान नहीं।
ऐसे में कहा जा रहा है कि मेघवाल द्वारा एक रणनीति के तहत माहौल को खराब करने के लिए अब ये सब बयान बाजी हो रही है। अब गलियारों में चर्चा है कि आखिर कांग्रेस में सुधरते हालातों के बीच मंत्री जी को ये बात कहने की क्या मंशा थी।
पिछले दिनों दिल्ली में हुई आलाकमानों के साथ गहलोत-पायलट की सुलह के बाद इस तरह की बयानबाजी कर आखिर गोविंद मेघवाल ने कांग्रेस के भीतर एक बार फिर से हलचल पैदा कर दी है।
इसी के साथ मंत्री मेघवाल ने यह भी कहा कि पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी बीकानेर से तीन सीटें जीती। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीनों विधायकों समेत जिले को बोर्ड चेयरमैन सहित सात मंत्री दिए। थोड़ी बहुत नाराज़गी हो सकती, लेकिन यह समय एकजुट होने का है।
उन्होंने ये बयान उस वक्त दिया जब बैठक में राजस्थान कांग्रेस के सह प्रभारी काजी निजामुद्दीन भी मौजूद थे।
गौरतलब है कि राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच विवाद खत्म कराने के लिए दिल्ली में हुई बैठक के बाद कांग्रेस पार्टी में माहौल थोड़ा पटरी पर आया था।
दोनों नेताओं की मौजूदगी में संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि सब मिलकर चुनाव लडेंगे और पायलट की भूमिका का फैसला कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ दिया गया है।
लेकिन अब मंत्री मेघवाल का ये बयान सामने आने के बाद दोनों गुटों में फिर से खींचतान होने का डर सताने लगा है।