Highlights
- आबूरोड सदर थाने के मंदिर में तीसरी बार घुसा भालू।
- भालू ने मंदिर में नारियल, घी और प्रसाद खाया।
- वन विभाग ने लोगों को भालू से सतर्क रहने की सलाह दी।
- थाने के सामने घने झाड़ और पहाड़ी क्षेत्र होने से भालू अक्सर भटककर आते हैं।
आबूरोड: माउंट आबू (Mount Abu) के आबूरोड (Aburoad) स्थित सदर थाने (Sadar Police Station) परिसर में बुधवार रात एक भालू (Bear) फिर मंदिर में घुस आया। यह तीसरी बार है जब भालू ने यहां प्रसाद खाया और कुछ देर बाद जंगल लौट गया। वन विभाग (Forest Department) ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।

बुधवार रात की घटना
बुधवार रात करीब 12 बजे एक भालू सदर थाने परिसर में दाखिल हुआ।
यह घटना सीसीटीवी कैमरों में भी कैद हो गई है, जिससे भालू की गतिविधियों का स्पष्ट प्रमाण मिला है।
वह सीधे थाने के भीतर स्थित मंदिर की ओर चला गया।
भालू ने अपनी सूझबूझ से मंदिर का दरवाजा खोलकर अंदर प्रवेश किया।
उसने मंदिर में रखे नारियल, घी और प्रसाद का बड़े चाव से सेवन किया।
लगभग आधे घंटे तक मंदिर परिसर में मंडराने के बाद भालू शांतिपूर्वक वापस जंगल की ओर लौट गया।
इस घटना से थाने में मौजूद स्टाफ और आसपास के लोगों में हड़कंप मच गया।
पहले भी आ चुका है भालू
थाना परिसर में भालू के आने की यह कोई पहली घटना नहीं है, बल्कि यह तीसरा मौका है।
करीब दो महीने पहले भी देर रात एक भालू मंदिर में घुस आया था।
उस समय उसने मंदिर में रखी पूजा सामग्री, प्रसाद और जल पात्र को उलट-पलट दिया था।
उस दौरान ड्यूटी पर तैनात जवानों ने उसे बाहर भगाने की कोशिश की थी।
हालांकि, भालू काफी फुर्तीला था और वह दीवार फांदकर जंगल की ओर भाग गया था।
इसके बाद करीब 20 दिन पहले दूसरी घटना हुई थी, जब भालू फिर से देखा गया।
उस दौरान भालू को थाने के पीछे वाले हिस्से में देखा गया था।
उसने परिसर में रखे कुछ सरकारी सामान को भी नुकसान पहुंचाया था।
इन लगातार घटनाओं ने स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है।
भालू के बार-बार आने के कारण
आबूरोड सदर थाने के सामने घने झाड़ और पहाड़ी क्षेत्र मौजूद है, जो भालुओं का प्राकृतिक आवास है।
खाद्य पदार्थों की तलाश में भालू अक्सर अपने प्राकृतिक आवास से भटककर आबादी क्षेत्र में आ जाते हैं।
माउंट आबू के बाद अब आबूरोड के तलहटी में भी भालुओं की आवाजाही लगातार बढ़ रही है।
यह स्थिति स्थानीय लोगों में भय और दहशत का माहौल पैदा कर रही है।
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि शहरीकरण और जंगल के सिकुड़ने से ऐसे मामले बढ़ रहे हैं।
वन विभाग की अपील और सलाह
वन विभाग ने इस स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और आवश्यक कदम उठाने की बात कही है।
विभाग ने लोगों को भालुओं से सतर्क रहने और उनसे सुरक्षित दूरी बनाए रखने की सलाह दी है।
साथ ही, यह भी चेतावनी दी गई है कि भालुओं के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ न करें, क्योंकि वे हमलावर हो सकते हैं।
वन विभाग ने लोगों से रात के समय उस क्षेत्र में अनावश्यक आवाजाही न करने की अपील की है।
यदि किसी को भालू दिखाई दे, तो तुरंत स्थानीय वन विभाग या पुलिस को इसकी सूचना दें।
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