राजनीति : नवजोत सिंह सिद्धू की क्रिकेट, कॉमेडी और राजनीति की कहानी

नवजोत सिंह सिद्धू की क्रिकेट, कॉमेडी और राजनीति की  कहानी
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नवजोत सिंह सिद्धू | एक ऐसा नाम है जो भारतीय क्रिकेट, कॉमेडी और राजनीति तीनों क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बना चुका है। पंजाब के पटियाला में जन्मे सिद्धू ने अपने करियर की शुरुआत क्रिकेट से की और फिर एक कॉमेडियन और टीवी पर्सनैलिटी के रूप में लोकप्रियता हासिल की। आज वे एक प्रमुख भारतीय राजनेता के रूप में भी स्थापित हो चुके हैं। आइए जानते हैं उनके सफर के बारे में विस्तार से

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सिद्धू का जन्म 20 अक्टूबर 1963 को पटियाला, पंजाब में हुआ था। क्रिकेट के प्रति उनका प्रेम उन्हें भारतीय क्रिकेट टीम में लेकर आया। उन्होंने 1983 में अपना पहला टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला। क्रिकेट में उनकी छवि एक धाकड़ ओपनर के रूप में बनी, जो अपने अटैकिंग स्टाइल के लिए मशहूर थे। वनडे और टेस्ट दोनों में उन्होंने कई यादगार पारियां खेलीं। सिद्धू ने अपने करियर में 51 टेस्ट मैच और 136 वनडे मैच खेले, जिसमें उन्होंने 3202 रन और 4413 रन बनाए।

क्रिकेट से रिटायरमेंट के बाद सिद्धू ने टीवी की दुनिया में कदम रखा। वे कॉमेडी शो "द ग्रेट इंडियन लाफ्टर चैलेंज" के जज बने और इसके बाद कई अन्य कॉमेडी शोज में नजर आए। उनकी शायरी और हंसी-मजाक के अंदाज ने उन्हें दर्शकों के बीच लोकप्रिय बना दिया। सिद्धू का "ठोको ताली" और "बोलता बंद" जैसे डायलॉग्स लोगों के बीच खूब चर्चित रहे। कॉमेडी के साथ-साथ वे कई रियलिटी शोज में भी जज की भूमिका में नजर आए।

सिद्धू का राजनीति में प्रवेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जरिए हुआ। 2004 में वे अमृतसर से भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव में खड़े हुए और जीते। अपनी स्पष्टवादिता और निर्भीकता के लिए पहचाने जाने वाले सिद्धू ने अपने राजनीतिक करियर में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद की। हालांकि, समय के साथ उनका भाजपा से मतभेद बढ़ा और 2017 में उन्होंने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया।

कांग्रेस में शामिल होने के बाद वे पंजाब के कैबिनेट मंत्री बने और राज्य के विकास से जुड़े कई मुद्दों पर कार्य किया। हालांकि, कैप्टन अमरिंदर सिंह से मतभेदों के चलते वे अपने पद से इस्तीफा भी दे चुके हैं। सिद्धू ने कांग्रेस पार्टी के भीतर और बाहर अपने विवादास्पद बयानों के कारण काफी सुर्खियाँ बटोरीं। उनका स्पष्टवादी व्यक्तित्व और बेलाग बोलने का अंदाज उन्हें एक अलग पहचान देता है।


नवजोत सिंह सिद्धू का राजनीतिक सफर विवादों से भी अछूता नहीं रहा है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने और पाकिस्तानी सेना प्रमुख को गले लगाने पर उन्हें भारत में कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा। इसके अलावा, कई मौकों पर उनके बयानों ने उन्हें विवादों में ला खड़ा किया।

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