Highlights
- पाली में तेज रफ्तार बस पलटने से दो बच्चों की मौत।
- एक मासूम का सिर धड़ से अलग हुआ, दूसरे के सीने में कांच घुसा।
- हादसे में 28 यात्री घायल, बांगड़ हॉस्पिटल में भर्ती।
- ड्राइवर लापरवाही का आरोप लगने के बाद मौके से फरार।
पाली | पाली (Pali) जिले में शुक्रवार देर रात हुए एक भीषण बस हादसे में दो बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि 28 यात्री घायल हो गए। यह हादसा रोहट (Rohat) थाना क्षेत्र के गाजनगढ़ टोल (Gajangarh Toll) के पास हुआ।
पाली में भीषण बस हादसा
शुक्रवार देर रात करीब 2 बजे प्रतापगढ़ से जैसलमेर जा रही एक प्राइवेट बस रोहट थाना क्षेत्र के गाजनगढ़ टोल के पास पलट गई।
जानकारी के अनुसार बस में लगभग 40 यात्री सवार थे और हादसे के वक्त सभी नींद में थे, जिससे उन्हें संभलने का मौका नहीं मिला।
इस दर्दनाक हादसे में दो मासूम बच्चों की जान चली गई और 28 अन्य यात्री घायल हो गए।
दो मासूमों की दर्दनाक मौत
हादसे में मध्य प्रदेश के खेतपालिया की रहने वाली 7 साल की बच्ची सोना के सीने में कांच घुस गया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई।
वहीं, रतलाम, मध्य प्रदेश की एक साल की बच्ची दिव्या का सिर धड़ से अलग हो गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
दिव्या के माता-पिता अपनी बच्ची के शव से लिपटकर काफी देर तक रोते रहे, यह दृश्य हृदय विदारक था।
घायलों का अस्पताल में इलाज
हादसे की सूचना मिलते ही पाली के बांगड़ हॉस्पिटल में डॉक्टर्स की टीम को अलर्ट कर दिया गया था।
सभी 28 घायल यात्रियों को तुरंत बांगड़ हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया और उनका इलाज शुरू किया गया।
एडीएम सहित कई अधिकारियों ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हालचाल जाना।
ड्राइवर पर लापरवाही का आरोप और फरार
घायल यात्रियों ने बस ड्राइवर पर तेज रफ्तार से बस चलाने और लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
यात्रियों ने बताया कि उन्होंने ड्राइवर को कई बार धीरे बस चलाने के लिए कहा था, लेकिन उसने बात नहीं मानी।
हादसे के बाद बस का ड्राइवर मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है।
रोहट थाना के पुलिसकर्मियों ने सभी घायलों को बस से बाहर निकाला और अस्पताल पहुंचाया।
राजस्थान में सड़क हादसों का बढ़ता आंकड़ा
राजस्थान में इस वर्ष अगस्त तक सड़क हादसों में 8060 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।
यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 325 अधिक है, जो 4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
साल 2020 से 2024 तक राज्य में 58 हजार से ज्यादा लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गंवाई है।
इनमें से 28675 मृतक 35 वर्ष से कम उम्र के थे, जो चिंता का विषय है।