दहेज की बलि चढ़ी खुशबू: पाली: दहेज और बांझपन के ताने देकर बहू को जहर से मारा, 3 साल पहले हुई थी शादी

पाली: दहेज और बांझपन के ताने देकर बहू को जहर से मारा, 3 साल पहले हुई थी शादी
Khushboo Rajpurohit Murder Case Pali Rajasthan
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Highlights

  • शादी के तीन साल बाद विवाहिता खुशबू की संदिग्ध मौत।
  • भाई ने ससुराल वालों पर दहेज और बांझपन के ताने देकर जहर देने का आरोप लगाया।
  • मृतका खुशबू ने एमए और बीएसटीसी की पढ़ाई की थी, शिक्षिका बनने का सपना था।
  • परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी तक शव उठाने से इनकार किया।

पाली: पाली (Pali): शादी के 3 साल बाद विवाहिता खुशबू (Khushboo) की संदिग्ध मौत हो गई। भाई इंद्रजीत राजपुरोहित (Indrajeet Rajpurohit) ने ससुराल वालों पर दहेज में कार नहीं लाने और बांझपन के ताने देकर जहर देने का आरोप लगाया है।

दहेज और बांझपन के ताने, फिर जहर देकर मारा!

पाली में शादी के तीन साल बाद एक विवाहिता की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है।

मृतका के भाई ने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि दहेज में कार न लाने और बच्चा न होने के ताने देकर उसकी बहन को जहर दिया गया।

यह घटना पाली जिले के धर्मधारी गांव की खुशबू से जुड़ी है, जिसकी शादी मई 2022 में पिलोवनी गांव के हर्षित सिंह से हुई थी।

खुशबू का चार दिनों से जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां शुक्रवार सुबह उसकी मौत हो गई।

परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करते हुए शव उठाने से इनकार कर दिया है।

उनका कहना है कि जब तक आरोपियों को सजा नहीं मिलेगी, तब तक खुशबू की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।

शादी के बाद बिगड़ने लगे रिश्ते, शुरू हुए ताने

मृतका के भाई इंद्रजीत राजपुरोहित ने बताया कि उनकी बहन खुशबू (32) की शादी मई 2022 में पाली जिले के पिलोवनी गांव निवासी हर्षित सिंह के साथ हुई थी।

हर्षित सिंह का परिवार जोधपुर में रहता है और उनका जयपुर में सोलर का व्यवसाय है।

इंद्रजीत के पिता अमर सिंह राजपुरोहित की पाली शहर में इलेक्ट्रिक की दुकान है और उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार बहन की शादी में दहेज दिया था।

शादी के कुछ समय तक तो सब कुछ ठीक रहा, लेकिन जल्द ही खुशबू के रिश्ते ससुराल वालों से बिगड़ने लगे।

कुछ ही महीनों बाद खुशबू की सास और जेठानी उसे कम दहेज लाने के ताने देने लगीं।

यह सिलसिला धीरे-धीरे बढ़ता गया और खुशबू के लिए असहनीय होता चला गया।

कार और बांझपन के ताने से टूट गई खुशबू

इंद्रजीत ने आगे बताया कि ससुराल वाले खुशबू को दहेज में कार न लाने के लिए लगातार ताने देते थे।

समय बीतने के साथ, उन्होंने खुशबू को बांझ होने के ताने भी देने शुरू कर दिए, जिससे वह मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत टूट गई थी।

खुशबू अपने पति हर्षित से उसे अपने साथ जयपुर ले जाने के लिए कहती थी, लेकिन हर्षित उसकी बात को अनसुना कर देता था।

हर्षित महीने या दो महीने में एक बार ही जोधपुर आता था, जिससे खुशबू और भी अकेला महसूस करती थी।

जब खुशबू उदास रहने लगी तो इंद्रजीत और उसकी छोटी बहन ने उससे इस उदासी का कारण पूछा।

तब खुशबू ने ससुराल में अपने साथ हो रहे दुर्व्यवहार और तानों के बारे में विस्तार से बताया, जिसके बाद वे उसे पीहर ले आए थे।

दीपावली से पहले ससुराल लौटी, फिर बिगड़ी तबीयत

भाई ने बताया कि खुशबू जुलाई 2025 से उनके साथ पाली में ही रह रही थी।

16 अक्टूबर 2025 को खुशबू के ससुराल पक्ष के लोग पाली आए और समाज व परिवार के लोगों के सामने वादा किया कि उसे अब किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी।

इस आश्वासन पर परिजनों ने दीपावली से पहले खुशबू को ससुराल वालों के साथ भेज दिया, यह सोचकर कि अब सब ठीक हो जाएगा।

इंद्रजीत ने बताया कि 21 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे ससुराल वालों का फोन आया कि खुशबू ने कुछ खा लिया है, जिससे उसकी तबीयत बिगड़ गई है।

ससुराल वालों ने इंद्रजीत से अकेले ही आने को कहा और किसी को साथ न लाने की हिदायत दी, जो उन्हें संदिग्ध लगा।

बेहोश होने के बाद अस्पताल ले गए, वेंटिलेटर पर मौत

इंद्रजीत ने आरोप लगाया कि जब तक खुशबू बेहोश नहीं हो गई, तब तक ससुराल वाले उसे अस्पताल नहीं लेकर आए।

उनका मानना है कि यदि समय पर अस्पताल लाया जाता तो खुशबू बयान दे पाती और सच्चाई सामने आ जाती।

खुशबू के बेसुध होने पर उसे जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल लाया गया, जहां उसकी हालत बेहद गंभीर थी।

जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो खुशबू वेंटिलेटर पर थी और बयान देने की स्थिति में नहीं थी, जिससे उन्हें गहरा सदमा लगा।

शुक्रवार सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई, जिससे परिवार में मातम छा गया।

भाई ने स्पष्ट आरोप लगाया है कि खुशबू को उसके ससुराल वालों ने ही जहर देकर मारा है और यह एक सुनियोजित हत्या है।

शिक्षिका बनने का सपना टूटा, डिप्रेशन में चली गई थी खुशबू

इंद्रजीत ने बताया कि खुशबू ने एमए तक की पढ़ाई की थी और उसका शिक्षिका बनने का सपना था।

इस सपने को पूरा करने के लिए उसने बीएसटीसी भी की थी और भविष्य के लिए कई योजनाएं बना रखी थीं।

खुशबू ने सोचा था कि शादी के बाद वह तैयारी करेगी और शिक्षिका बनकर घर खर्च चलाने में पति की मदद करेगी, साथ ही अपना सपना भी पूरा कर लेगी।

लेकिन ससुराल के लोगों के लगातार ताने और दुर्व्यवहार ने खुशबू को इतना तोड़ दिया कि वह अपने जीवन के लक्ष्य को भूलकर गहरे डिप्रेशन में चली गई थी।

परिजनों ने सरकार और प्रशासन से न्याय की मांग की है ताकि खुशबू की आत्मा को शांति मिल सके और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके।

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