Jaipur | बॉलीवुड के युवा और प्रतिभाशाली अभिनेता प्रतीक बब्बर ने अपनी अलग पहचान बनाई है। फिल्मी पृष्ठभूमि से होने के बावजूद, उन्होंने अपने करियर में संघर्ष और मेहनत से अपनी जगह बनाई। प्रतीक मशहूर अभिनेता और राजनेता राज बब्बर और दिवंगत अभिनेत्री स्मिता पाटिल के बेटे हैं। उनकी विरासत और पारिवारिक पृष्ठभूमि ने उन्हें प्रेरणा तो दी, लेकिन अपने अभिनय से उन्होंने अपनी खास पहचान बनाई है।
प्रतीक बब्बर का जन्म 28 नवंबर 1986 को हुआ। अपनी मां स्मिता पाटिल के असामयिक निधन के बाद उनका पालन-पोषण उनकी नानी ने किया। बचपन से ही फिल्मों के प्रति उनका झुकाव था, लेकिन उनका शुरुआती जीवन संघर्षपूर्ण रहा।
2008 में प्रतीक ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत आमिर खान प्रोडक्शंस की फिल्म "जाने तू... या जाने ना" से की। इस फिल्म में उन्होंने सपोर्टिंग रोल निभाया, लेकिन अपनी सादगी और नेचुरल एक्टिंग से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट डेब्यू के लिए कई अवॉर्ड्स मिले।
प्रतीक ने अपने करियर में कई विविध भूमिकाएँ निभाई हैं। उनकी प्रमुख फिल्मों में "धोबी घाट," "एक दीवाना था," "इसक," और "छिछोरे" शामिल हैं। हर फिल्म में उन्होंने अपनी भूमिका को बखूबी निभाया और अपने अभिनय कौशल का लोहा मनवाया।
फिल्म "धोबी घाट" में उनकी गहरी और संवेदनशील भूमिका ने आलोचकों से खूब तारीफें बटोरी। इसके बाद उन्होंने रोमांटिक ड्रामा और इंटेंस कैरेक्टर्स में भी अपनी जगह बनाई।
प्रतीक का करियर जितना चमकदार रहा है, उनकी निजी जिंदगी में उतार-चढ़ाव भी उतने ही रहे। उन्होंने खुलकर यह स्वीकार किया कि एक समय वे नशे की लत से जूझ रहे थे। लेकिन अपनी मेहनत और दृढ़ संकल्प से उन्होंने खुद को संभाला और स्वस्थ जीवन की ओर कदम बढ़ाया।
प्रतीक ने अपनी इस यात्रा के दौरान आत्म-साक्षात्कार किया और अपने अनुभवों को दूसरों के साथ साझा किया। उन्होंने साबित किया कि कठिनाइयों को पार करके नई शुरुआत की जा सकती है।
प्रतीक बब्बर आज भी नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तत्पर हैं। वे फिल्मों के साथ-साथ ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी अपनी छाप छोड़ रहे हैं। उनकी हालिया और आगामी परियोजनाएँ दर्शकों को एक बार फिर उनके अभिनय का दीवाना बनाने के लिए तैयार हैं।
प्रतीक अपने निजी जीवन में बेहद सरल और संवेदनशील इंसान हैं। वे फिटनेस को लेकर सजग हैं और युवाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा देते हैं।