Highlights
राजस्थान विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के प्रोफेसर रहने के बाद श्यामलाल ने जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर के पद को सुशोभित किया। इसके साथ ही प्रोफेसर श्यामलाल पटना विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पद को सुशोभित कर चुके हैं।
राजस्थान के सपूत प्रोफेसर श्यामलाल का समाजशास्त्र में उनके अतुलनीय कार्यों के लिए रामानंदाचार्य श्रीपीठ काशी में सम्मान से नवाजा गया है जो कि पूरे राजस्थान के लिए गौरव की बात है।
भारत के सबसे बड़े धार्मिक पीठ जगतगुरु रामानंदाचार्य श्रीपीठ काशी के द्वारा एक विशाल आयोजन में प्रोफेसर श्यामलाल को पुरुस्कृत किया गया। इस समारोह में अपने उद्बोधन में प्रोफेसर श्यामलाल ने कहा कि वे इस सम्मान को पाकर अभिभूत हैं।
कौन हैं प्रोफेसर श्यामलाल
प्रोफेसर श्यामलाल देशभर में अकादमिक क्षेत्र में एक जाना पहचाना नाम हैं। समाजशास्त्र और सामाजिक इतिहास लेखन के लिए उन्हें सम्मान के साथ याद किया जाता है।
राजस्थान में जन्मे प्रोफेसर श्यामलाल समाज के सबसे दबे कुचले वर्ग की देशभर में पहली ऐसी शख्सियत है जिन्होंने जोधपुर और पटना विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पद को सुशोभित किया है।
राजस्थान विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र के प्रोफेसर रहने के बाद श्यामलाल ने जोधपुर के जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर के पद को सुशोभित किया। इसके साथ ही प्रोफेसर श्यामलाल पटना विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर पद को सुशोभित कर चुके हैं।
ये है प्रोफेसर श्यामलाल के उल्लेखनीय काम
प्रोफेसर श्यामलाल ने अपने अकादमिक जीवन में अनेक उपलब्धियां हासिल की है। जब प्रोफेसर श्यामलाल राजस्थान विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में थे तब उन्ही के प्रयासों से जयपुर में अंबेडकर पीठ का निर्माण हुआ।
प्रोफेसर श्यामलाल की देखरेख में शुरू हुआ अंबेडकर पीठ राजस्थान में अंबेडकरवादी विचारों के प्रचार प्रसार का प्रमुख केन्द्र है। प्रोफेसर श्यामलाल अभी तक दलितों पिछड़ों पर अभी तक 22 से ज्यादा किताबें और दर्जनों शोधपत्र लिख चुके है।
ये पुरस्कार मिल चुके है प्रोफेसर श्यामलाल को
प्रोफेसर श्यामलाल को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए अनेक पुरस्कारों से नवाजा गया हैं। जिसमे सबसे महत्वपूर्ण वर्ष 2003 - 04 में उन्हे इंडियन सोशियोलॉजिकल सोसायटी द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया।