Highlights
- राजस्थान में बिजली 13 पैसे प्रति यूनिट महंगी हुई।
- 24 लाख उपभोक्ताओं के बिलों में 60 से 350 रुपए तक की बढ़ोतरी।
- यह वसूली 2022 से 2024 के पुराने बकाया फ्यूल सरचार्ज की है।
- भविष्य में फ्यूल सरचार्ज रेगुलेटरी सरचार्ज में समायोजित होगा।
जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) में बिजली महंगी हो गई है। तीनों बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं के बिलों में 13 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से फ्यूल सरचार्ज (Fuel Surcharge) जोड़ दिया है, जिससे 24 लाख उपभोक्ताओं के बिल 60 से 350 रुपए तक बढ़ गए हैं। यह वसूली साल 2022 से 2024 की अंतिम तिमाही के पुराने बकाया फ्यूल सरचार्ज की है।
राज्य की तीनों बिजली कंपनियों ने उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त वित्तीय भार डाला है। हाल ही में जारी हुए बिजली के बिलों में यह बढ़ोतरी साफ देखी जा सकती है।
यह फ्यूल सरचार्ज 13 पैसे प्रति यूनिट की दर से जोड़ा गया है। इसका सीधा असर लाखों उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ा है।
24 लाख उपभोक्ताओं पर असर
डिस्कॉम अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, लगभग 24 लाख उपभोक्ताओं के बिलों में यह सरचार्ज शामिल किया गया है। इनमें वे उपभोक्ता शामिल हैं जिनसे पहले यह बकाया राशि नहीं ली गई थी।
अधिकारियों ने बताया कि कुछ श्रेणियों के उपभोक्ताओं का भार सरकार सब्सिडी के रूप में वहन कर रही है। हालांकि, अधिकांश उपभोक्ताओं को यह अतिरिक्त राशि चुकानी पड़ रही है।
पुराना बकाया और नया नियम
खास बात यह है कि रेगुलेटरी सरचार्ज पहले से ही लागू है। इसके बावजूद फ्यूल सरचार्ज की वसूली बंद नहीं हुई है।
कंपनियों ने अब साल 2022 से 2024 की अंतिम तिमाही के पुराने बकाया फ्यूल सरचार्ज की वसूली शुरू कर दी है। यह वही राशि है जो पहले बकाया थी।
इसके अलावा, 7 पैसे प्रति यूनिट वाला स्पेशल फ्यूल सरचार्ज पहले से ही अलग से लगाया जा रहा है, जो अभी भी जारी है।
भविष्य में क्या होगा?
नए टैरिफ आदेश के तहत, सभी उपभोक्ताओं पर एक रुपए प्रति यूनिट का रेगुलेटरी सरचार्ज लगाया गया है। इसका उद्देश्य डिस्कॉम्स पर मौजूद लगभग 50 हजार करोड़ रुपए के रेगुलेटरी एसेट्स का बोझ कम करना है।
अधिकारियों के अनुसार, इसी रेगुलेटरी सरचार्ज में बेस फ्यूल सरचार्ज की राशि शामिल की जाएगी। इसके बाद जो बकाया बचेगा, वही अलग से वसूला जाएगा।
इससे यह स्पष्ट हो गया है कि आगे चलकर फ्यूल सरचार्ज अलग से बिलों में नहीं आएगा। लेकिन टैरिफ आदेश लागू होने से पहले की बकाया राशि निकालकर कंपनियों ने अब वसूली शुरू कर दी है, जिससे उपभोक्ताओं में नाराजगी है।
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