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कोटपूतली में अल्ट्रा टेक सीमेंट कंपनी और ग्रामीणों के बीच उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान पुलिस ने अल्ट्रा टेक सीमेंट कंपनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों को जबरदस्ती धरना स्थल से हटा दिया है।
जयपुर | राजस्थान के कोटपूतली में अल्ट्रा टेक सीमेंट कंपनी और ग्रामीणों के बीच उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है।
राजस्थान पुलिस ने अल्ट्रा टेक सीमेंट कंपनी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाले ग्रामीणों को जबरदस्ती धरना स्थल से हटा दिया है।
जिसके चलते ग्रामीणों में भारी रोष व्याप्त है। वहीं शांतिपूर्वक विरोध जता रहे ग्रामीणों पर पुलिस द्वारा की गई इस कार्रवाई के कारण राजस्थान पुलिस को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।
क्या है मामला ?
दरअसल, कोटपूतली में अल्ट्रा टेक सीमेंट कंपनी द्वारा भारी विस्फोट के बाद विरोध में उतरे ग्रामीणों को राजस्थान पुलिस ने जबरन हटा दिया।
सीमेंट कंपनी का विरोध कर रहे ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने अपने वादों को पूरा नहीं किया है। प्रदर्शनकारी कोटपूतली में जोधपुरा का पुनर्वास चाहते हैं।
प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने गांवों में जबरन भूमि अधिग्रहण किया है जिसके कारण कई ग्रामीणों को आवास की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
कई दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहा है, जिसमें ग्रामीणों ने सीमेंट प्लांट के संचालन से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की है।
विस्फोट ने क्षेत्र के कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था और ग्रामीणों ने दावा किया कि इससे उनके स्वास्थ्य और पर्यावरण पर भी प्रभाव पड़ा है।
अल्ट्रा टेक सीमेंट कंपनी ने यह वादा किया था कि वे ग्रामीणों के लिए कुछ भी करेंगे, लेकिन वे अपने वादों को पूरा नहीं कर रहे हैं।
The Rajasthan Police dislodged/ removed the villagers protesting against heavy blastings by the Ultra Tech Cement in Kotputli. The cement company has failed to abide by its earlier promises with the protesting villagers. Protesters alse want rehabilitation of Jodhpura in… pic.twitter.com/pHj36j9Xwc
— Akhil Chaudhary (@akhilchaudhary) May 2, 2023
पुलिस कार्रवाई की चारों और निंदा
पुलिस की इस कार्रवाई को कई राजनीतिक पार्टियों के कार्यकर्ताओं, समाजिक संगठनों और राजनेताओं ने गलत बताया है और व्यापक निंदा की है।
कुछ लोगों ने घटना में कंपनी की भूमिका पर भी सवाल उठाया है, यह दावा करते हुए कि अल्ट्राटेक सीमेंट प्रभावित ग्रामीणों की चिंताओं को दूर करने के अपने वादों को पूरा करने में विफल रही है।
पुलिस ने क्या कहा अपने बचाव में ?
वहीं दूसरी ओर, राजस्थान पुलिस ने अपने बचाव में कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने सार्वजनिक व्यवस्था में बाधा डालकर और अशांति पैदा करके कानून का उल्लंघन किया है।
पुलिस ने यह भी दावा किया कि प्रदर्शनकारियों ने उसके कर्मियों पर हमला किया था, जिससे उन्हें क्षेत्र में कानून व्यवस्था बहाल करने के लिए कार्रवाई करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
हालांकि, अल्ट्राटेक सीमेंट कंपनी की ओर से अभी तक इस घटना पर कोई बयान जारी नहीं किया है।
कंपनी को कोटपूतली में अपने संचालन को लेकर पर्यावरणविदों और ग्रामीणों की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, कुछ लोगों ने पर्यावरण के मानदंडों का उल्लंघन करने और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है।
इस घटना ने शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस द्वारा बल प्रयोग और पर्यावरणीय गिरावट में निगमों की भूमिका पर बहस छेड़ दी है।