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राजस्थान के बाड़मेर जिले की शिव सीट से सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी अमीन खां अभी भी चुनाव मैदान में डटे है तो वहीं अलवर जिले की कठूमर सीट से सबसे यंगेस्ट प्रत्याशी संजना जाटव (Sanjana Jatav) को मैदान में उतारा गया है।
अलवर | राजस्थान विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों की उम्र को लेकर भी बड़ा सियासी खेल देखने को मिला है।
लेकिन प्रत्याशी उम्र दराज हो या यंगेस्ट इससे पार्टी को कोई फर्क नहीं पड़ता, बस जीताऊ होना चाहिए।
ऐसे में राजस्थान के बाड़मेर जिले की शिव सीट से सबसे बुजुर्ग प्रत्याशी अमीन खां अभी भी चुनाव मैदान में डटे है तो वहीं अलवर जिले की कठूमर सीट से सबसे यंगेस्ट प्रत्याशी संजना जाटव (Sanjana Jatav) को मैदान में उतारा गया है।
2023 के राजस्थान चुनाव में संजना जाटव सबसे कम उम्र की प्रत्याशी हैं।
संजना महज 25 साल की है और राजनीतिक जगत में धमाकेदार एंट्री मारकर मैदान में आ डटी हैं।
अलवर से जिला परिषद सदस्य रह चुकी संजना जाटव ने कांग्रेस के चार बार के एमएलए 69 वर्षीय बाबूलाल बैरवा तक का टिकट काट दिया है।
बाबूलाल बैरवा 43 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। उनके अनुभव के सामने संजना जाटव बिल्कुल युवा चेहरा हैं।
एससी वर्ग से आने वाली संजना ने LLB तक की पढ़ाई की है।
बता दें कि संजना जाटव कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के अभियान ’लड़की हूं लड़ सकती हूं’ से भी जुड़ी हुई हैं।
चंबल के पानी का वादा
कांग्रेस पार्टी ने संजना जाटव को युवा चेहरे के तौर पर तो चुनावी रण में उतार दिया है।
ऐसे में कठुमर से जीत के लिए संजना ने क्षेत्र की जनता से वादा किया है कि अगर उन्हें जनता का पूरा समर्थन और चुनाव में जीत मिलती है तो वे चंबल के पानी को कठूमर विधानसभा क्षेत्र तक लाने के सभी प्रयास करेंगी।
इसके लिए वे गांव-गांव और ढ़ाणी ढ़ाणी में जनसम्पर्क कर वोट की अपील कर रही हैं।
नसीराबाद से भी 26 साल के युवा नेता को मौका
इसी तरह से कांग्रेस पार्टी ने नसीराबाद विधानसभा सीट से भी युवा चेहरे पर दांव खेलते हुए जीसीए में छात्रसंघ अध्यक्ष रह चुके 26 साल के शिव प्रकाश गुर्जर को अपना प्रत्याशी बनाया है।
युवा नेता को मौका देने के लिए सीएम गहलोत के मंत्री ने छोड़ दिया टिकट
आपको ये भी बता दें कि जहां पार्टी का टिकट पाने के लिए नेताओं में संग्राम तक हुआ है और कई नेता तो बागी तक बन बैठे हैं वहीं, बाड़मेर की गुढ़ामालानी सीट से अशोक गहलोत सरकार में मंत्री हेमाराम चौधरी ने तो युवा नेताओं को मौका देने के लिए टिकट लेने से ही इनकार कर दिया।