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राठौड़ ने कहा कि 11 मई को अजमेर में आरपीएससी से निकलने वाली जन संघर्ष यात्रा का नाम अगर ’कांग्रेस संघर्ष यात्रा’ रहे तो ज्यादा उचित रहेगा।
जयपुर | राजस्थान में मंगलवार को सचिन पायलट ने एक प्रेस कॉफ्रेंस कर गहलोत सरकार के विरूद्ध बगावती तेवर दिखा दिए हैं। 
पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने सीएम गहलोत द्वारा राजाखेड़ा में दिए गए बयान पर जमकर हमला बोला।
पायलट के अपनी ही सरकार के खिलाफ हमला बोलने को लेकर भाजपा नेता कांग्रेस को बधाई देते दिख रहे हैं।
पायलट ने अपने मन की बात कहते हुए कहा कि सीएम गहलोत की नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे हैं, तभी तो उनके शासन में हुए घोटालों की जांच अभी तक नहीं की जा रही है।
मेरे अनशन पर बैठने, कई बार चिट्ठियां, ज्ञापन के बाद भी सीएम गहलोत इसे अनदेखा करते रहे हैं।
इसी के साथ पायलट ने 11 मई से गहलोत सरकार के खिलाफ पैदल मार्च का भी ऐलान किया है। जिसे जनसंघर्ष यात्रा का नाम दिया गया है।
आखिर सड़कों पर आ ही गया कांग्रेस का अंतर्विरोध
सचिन पायलट के इस कदम पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा है कि कांग्रेस में जारी साढ़े 4 साल का अंतर्विरोध आखिरकार एक बार फिर सड़कों पर आ ही गया।
हैरानी की बात है कि साढ़े 4 साल तक भ्रष्टाचार पर एक शब्द नहीं बोलकर भाजपा नेताओं के कंधे का इस्तेमाल करने वाले दोनों नेताओं को अपने बिकाऊ विधायक भी नजर आने लगे और भ्रष्टाचार भी नजर आने लगा। इसके लिए दोनों नेताओं को बधाई। (2/3)
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) May 9, 2023
’जन’ संघर्ष नहीं ’कांग्रेस’ संघर्ष यात्रा होना चाहिए नाम
राठौड़ ने कहा कि 11 मई को अजमेर में आरपीएससी से निकलने वाली जन संघर्ष यात्रा का नाम अगर ’कांग्रेस संघर्ष यात्रा’ रहे तो ज्यादा उचित रहेगा।
साढ़े 4 साल तक याद नहीं आया भ्रष्टाचार
राठौड़ ने दोनों नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि, हैरानी की बात तो ये है कि साढ़े 4 साल तक भ्रष्टाचार पर एक शब्द नहीं बोलने वाले अब चुनावों के नजदीक आते ही भाजपा नेताओं के कंधे का इस्तेमाल करने वाले दोनों नेताओं को अपने बिकाऊ विधायक भी नजर आने लगे हैं। इसके लिए दोनों नेताओं को बधाई।
राठौड़ ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री के राजाखेड़ा में दिए बयान व पूर्व उपमुख्यमंत्री के आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह प्रमाणित हो गया है कि कांग्रेस सरकार पूरी तरह से भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और बाड़ ही खेत को खा रही है।
अंतर्कलह की बुनियाद पर टिकी इस भ्रष्ट सरकार की विदाई अब दूर नहीं है।
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