Rajasthan: रामझरोखा मंदिर पट्टा विवाद: भाजपा नेता ने कहा 'बाप-बेटा पट्टा चोर'

रामझरोखा मंदिर पट्टा विवाद: भाजपा नेता ने कहा 'बाप-बेटा पट्टा चोर'
रामझरोखा मंदिर विवाद: भाजपा नेता का आरोप
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Highlights

  • भाजपा नेता तेजराज सोलंकी ने रामझरोखा मंदिर पट्टा प्रकरण में 'बाप-बेटा पट्टा चोर' का आरोप लगाया।
  • सोलंकी ने मुख्यमंत्री से पट्टा रद्द करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
  • कांग्रेस ने इस मुद्दे पर धरना प्रदर्शन किया, पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने भी आरोप लगाए।
  • भाजपा संगठन की चुप्पी पर सवाल उठे, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हुई।

सिरोही: सिरोही (Sirohi) में रामझरोखा मंदिर (Ramjhrokha Temple) की जमीन पर पट्टे जारी करने के मामले में भाजपा नेता तेजराज सोलंकी (Tejraj Solanki) ने मुख्यमंत्री (Chief Minister) को वीडियो पोस्ट कर 'बाप-बेटा पट्टा चोर' कहा। उन्होंने पट्टा रद्द करने और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।

प्रवासी राजस्थानी दिवस के अवसर पर यह गंभीर आरोप सामने आया है। भाजपा राजस्थान के प्रवासी प्रकोष्ठ के सह संयोजक तेजराज सोलंकी ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को संबोधित करते हुए यह वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया। उन्होंने रामझरोखा मंदिर की 150 साल पुरानी जमीन पर अवैध रूप से पट्टे जारी करने का आरोप लगाया है।

रामझरोखा मंदिर पट्टा प्रकरण: भाजपा नेता का सीधा आरोप

तेजराज सोलंकी ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि अयोध्या में 500 साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बना। इस ऐतिहासिक घटना ने देश की जनता को भाजपा पर विश्वास दिलाया और राजस्थान में भी भाजपा की सरकार बनी। सिरोही में भी कमल खिला, लेकिन अब यहां मंदिर की जमीन पर ही सवाल उठ रहे हैं।

उन्होंने आरोप लगाया कि सिरोही नगर परिषद के अधिकारियों ने कुछ प्रभावशाली व्यक्तियों के साथ मिलकर मंदिर के कुछ जमीनी हिस्से को डील कर लिया। यह सौदा लगभग 10 करोड़ रुपये में हुआ और अवैध रूप से पट्टा जारी कर जमीन बेच दी गई। सोलंकी ने इस पूरे प्रकरण को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से निवेदन किया कि सबसे पहले इस अवैध पट्टे को तुरंत खारिज किया जाए। इसके साथ ही, इस मामले में शामिल सभी दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वे अधिकारी हों, कोई मंत्री हों या उनके बेटे हों।

उन्होंने राजस्थान सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का भी जिक्र किया। सोलंकी ने कहा कि सिरोही की जनता में इस घटना को लेकर भारी आक्रोश है। एक तरफ हम अयोध्या में मंदिर बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हमारे बने-बनाए मंदिर की संपत्ति को बेचा जा रहा है।

तेजराज सोलंकी ने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री इस मामले में न्याय करेंगे। उन्होंने सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग दोहराई, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

'बाप बेटा पट्टा चोर' और 'विक्रम टैक्स' का मुद्दा

तेजराज सोलंकी ने अपनी फेसबुक पोस्ट में 'बाप बेटा पट्टा चोर' और 'विक्रम टैक्स' जैसे हैशटैग का इस्तेमाल किया। उन्होंने इस पूरी घटना को 'दुर्भाग्यपूर्ण' भी बताया, जिससे यह मामला और भी गरमा गया है।

यह पहला मौका नहीं है जब रामझरोखा मंदिर की जमीन पर पट्टे काटने के मामले में ऐसे आरोप लगे हैं। इससे पहले कांग्रेस के धरना प्रदर्शन के दौरान पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने भी इस मुद्दे को उठाया था।

संयम लोढ़ा ने राज्यमंत्री ओटाराम देवासी और उनके बेटे पर लेनदेन का गंभीर आरोप लगाया था। धरने को संबोधित करते हुए लोढ़ा ने 'विक्रम टैक्स' का भी जिक्र किया था, जो अब फिर से चर्चा में आ गया है।

उल्लेखनीय है कि भजनलाल सरकार ने हाल ही में राजस्थान में प्रवासी विभाग का गठन किया है। इसी के तहत 10 दिसंबर को पहला प्रवासी राजस्थानी दिवस मनाया गया था।

प्रवासी राजस्थानी दिवस के दिन ही प्रवासी प्रकोष्ठ भाजपा राजस्थान के सह संयोजक तेजराज सोलंकी की यह सोशल मीडिया पोस्ट सामने आई। इस पोस्ट ने राजनीतिक गलियारों में एक नई बहस छेड़ दी है और यह चर्चा का मुख्य विषय बन गई है।

भाजपा संगठन की चुप्पी पर उठते सवाल

रामझरोखा मंदिर की जमीन पर पट्टे काटने के इस संवेदनशील मुद्दे पर कांग्रेस ने जिला मुख्यालय पर बड़ा धरना प्रदर्शन किया। कांग्रेस ने इस मामले में भाजपा पर जमकर निशाना साधा, लेकिन भाजपा की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।

चेतावनी के बावजूद भारतीय जनता पार्टी की ओर से इस मामले में मीडिया में कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया। यह स्थिति कई सवाल खड़े करती है, खासकर तब जब मामला सनातन धर्म से जुड़ा हो।

भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. रक्षा भंडारी ने हाल ही में एक लंबी जिला कार्यकारिणी बनाई है। इसमें 8 उपाध्यक्ष, 3 महामंत्री, 8 मंत्री, 2 कोषाध्यक्ष, 5 प्रवक्ता, 2 मीडिया प्रभारी, 3 सोशल मीडिया प्रभारी और 2 कार्यालय मंत्री समेत कुल 35 पदाधिकारी शामिल हैं।

हालांकि, जिलाध्यक्ष की तो बात ही छोड़िए, किसी अन्य पदाधिकारी ने भी रामझरोखा मंदिर के इस महत्वपूर्ण मामले में अपना पक्ष नहीं रखा। यह चुप्पी संगठन की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती है।

कांग्रेस ने सनातन धर्म के नाम पर सत्ता में आने वाली भाजपा पार्टी को 'सनातन धर्म विरोधी' बताने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा की इतनी किरकिरी के बावजूद संगठन का अब भी चुप बैठे रहना आश्चर्यजनक है।

इस मामले में जब जिलाध्यक्ष रक्षा भंडारी से बात की गई, तो उन्होंने केवल इतना कहा कि शीघ्र ही इस पर मीडिया से रूबरू होंगे। यह प्रतिक्रिया भी काफी देर से आई है और जनता में असंतोष बढ़ा रही है।

जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता और आस्था का प्रश्न

तेजराज सोलंकी ने जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर भी गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी के कार्यकाल में ऐसे गंभीर मुद्दे उठते हैं और सवाल खड़े होते हैं, तो जनप्रतिनिधि को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।

इतने बड़े मामले में चुप रहना समझ से परे है। सोलंकी ने स्पष्ट किया कि जब मंदिर और आस्था की बात आएगी, तो पार्टी नेता भी एक तरफ हो जाएंगे। यह धर्म और जनभावना से जुड़ा अत्यंत महत्वपूर्ण विषय है।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि ऐसे मामलों में चुप्पी साधी गई, तो हर कोई मंदिर और धर्म की जमीन को हथियाना शुरू कर देगा। धर्म की संपत्ति को बेचा जाना किसी भी कीमत पर स्वीकार्य नहीं है।

तेजराज सोलंकी ने जोर देकर कहा कि मंदिर को उसकी जमीन वापस मिलनी ही चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस मुद्दे पर चुप रहकर भाजपा ने अनावश्यक रूप से कांग्रेस को एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा दे दिया है।

'विक्रम टैक्स' का जिक्र करते हुए सोलंकी ने कहा कि इसके बारे में सभी को पता है। भाजपा संगठन को इस मामले में चुप नहीं रहना चाहिए था और अब तक प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी, यह एक बड़ा सवाल है।

तेजराज सोलंकी का आह्वान

प्रवासी प्रकोष्ठ भाजपा राजस्थान के सह संयोजक तेजराज सोलंकी ने अपने बयान में कहा कि धर्म की प्रॉपर्टी बेची जाएगी तो चुप नहीं बैठेंगे। उन्होंने संगठन से इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने और सच्चाई सामने लाने का आग्रह किया है।

यह प्रकरण न केवल सिरोही बल्कि पूरे राजस्थान में राजनीतिक और धार्मिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। जनता की निगाहें अब मुख्यमंत्री और भाजपा संगठन पर टिकी हैं कि वे इस मामले में क्या कदम उठाते हैं।

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