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जोधपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष के तौर से राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले रविन्द्रसिंह भाटी की एक तगड़ी फैन फॉलोइंग है
युवाओं में उनका खासा क्रेज है। ऐसे में शिव विधानसभा क्षेत्र से उनकी हाल ही दावेदारी तथा इस बड़े इवेंट ने राजनीतिक पंडितों के कान खड़े किए हैं
यही नहीं यदि वे प्रशंसकों को वोट बैंक में कन्वर्ट करने में सफल होते हैं तो निर्दलीय अथवा आम आदमी पार्टी भी उनके लिए एक प्रभावी विकल्प साबित होगा
जोधपुर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष रविंद्र सिंह भाटी ने रन फॉर रेगिस्तान मैराथन करके एक बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है.
भाटी का लक्ष्य हैं बाड़मेर जिले के शिव विधानसभा क्षेत्र से 2023 में चुनाव लड़ना. इसके लिए भाटी ने एक इंटरव्यू में साफ संकेत भी दिए हैं.
रविन्द्र ने साफ कहा है कि अभी पार्टी कौनसी होगी यह तय नहीं है लेकिन लक्ष्य तय है.
आपको बता दें कि जोधपुर विश्वविद्यालय में छात्रसंघ अध्यक्ष के तौर से राजनीतिक जीवन की शुरूआत करने वाले रविन्द्रसिंह भाटी की एक तगड़ी फैन फॉलोइंग है।
युवाओं में उनका खासा क्रेज है। ऐसे में शिव विधानसभा क्षेत्र से उनकी हाल ही दावेदारी तथा इस बड़े इवेंट ने राजनीतिक पंडितों के कान खड़े किए हैं।
फिलहाल शिव से अमीन खान विधायक हैं और उम्र के लिहाज से यह उनका अंतिम चुनाव माना जा रहा है। वहां मुस्लिम, राजपूत और दलित मतदाताओं का बहुमत है। पिछले चुनाव में हनुमान बेनिवाल की आरएलपी से उदाराम ने करीब पचास हजार वोट लिए थे।
ऐसे में फिलहाल बीजेपी, कांग्रेस के साथ आरएलपी का भी वहां प्रभाव माना जा रहा है। ऐसे में रविन्द्र सिंह भाटी कौनसी पार्टी ज्वाइन करेंगे। यह एक सवाल जोधपुर संभाग में जोरों पर है। हालांकि भाटी ने इस रन फोर राजस्थान को एक इवेंट बताया है और कहा है कि यह सांस्कृतिक लोगों के उत्थान का कार्यक्रम था।
विधानसभा चुनाव में अभी समय है परन्तु यह साफ है कि छात्रसंघ जोधपुर विवि के पूर्व अध्यक्ष रविंद्रसिंह भाटी ने बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा से दावा जता दिया है।
स्वामी विवेकानंद जयंती एवं युवा दिवस पर रन फोर मैराथन व सांस्कृतिक प्रोग्राम कर किया गया यह शक्ति प्रदर्शन राजनीतिक पार्टियों के लिए एक संदेश है।
बीजेपी या आरएलपी
कांग्रेस के लिए शिव विधानसभा परम्परागत मुस्लिम सीट रही है। वहीं बीजेपी राजपूत को प्रत्याशी के तौर पर उतारती रही है। ऐसे में रविन्द्रसिंह के लिए यह सीट बीजेपी प्रत्याशी के तौर पर मुफीद मानी जाती है।
परन्तु वहां प्रत्याशियों के लिए लम्बी कतार है। भाटी आरएलपी से भी यदि मैदान में उतरते हैं तो प्रभाव छोड़ सकते हैं।
यही नहीं यदि वे प्रशंसकों को वोट बैंक में कन्वर्ट करने में सफल होते हैं तो निर्दलीय अथवा आम आदमी पार्टी भी उनके लिए एक प्रभावी विकल्प साबित होगा।
चूंकि रविन्द्रसिंह जोधपुर जयनारायण विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार निर्दलीय अध्यक्ष बने थे। ऐसे में उनके लिए अपने दम पर एक प्रभावी चुनाव लड़ना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा।