Highlights
- RRP सेमीकंडक्टर का शेयर 20 महीने में 793 गुना चढ़ा।
- ₹15 का शेयर ₹11,095 तक पहुंचा, SEBI ने जांच शुरू की।
- सट्टेबाजी, सोशल मीडिया और AI थीम मुख्य कारण।
- कंपनी का टर्नओवर सिर्फ ₹2 लाख, घाटा ₹7 करोड़ से ज्यादा।
JAIPUR | भारतीय शेयर बाजार (Indian Stock Market) में RRP सेमीकंडक्टर (RRP Semiconductor) के शेयर ने 20 महीने में 793 गुना उछाल दर्ज की है। ₹15 का शेयर ₹11,095 का होने के बाद, SEBI ने जांच शुरू कर ट्रेडिंग पर पाबंदी लगाई है।
यह घटना भारतीय शेयर बाजार में एक अनोखी मिसाल बन गई है, जिसने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। RRP सेमीकंडक्टर के शेयर सिर्फ 20 महीने में 79,000% से भी ज़्यादा चढ़ गए हैं, जो इसे दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ने वाली कंपनियों में से एक बनाता है।
2 अप्रैल 2024 को RRP का 15 रुपए का शेयर इस साल नवंबर में 11,902 रुपए तक पहुंच गया था, जो इसका 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर भी था। इस असाधारण उछाल के बाद, मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने शेयरों में इस वृद्धि की जांच शुरू कर दी है।
ट्रेडिंग पर पाबंदी और निगरानी
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) ने भी इस कंपनी को अपनी सख्त निगरानी के दायरे में रखा है। अब इस शेयर को 1% प्राइस बैंड के साथ हफ्ते में सिर्फ एक दिन ट्रेडिंग की अनुमति दी गई है।
अपने उच्चतम स्तर से यह शेयर करीब 6% गिर चुका है। BSE के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कंपनी के शेयरों में हर हफ्ते औसतन केवल 19 शेयरों में ही ट्रेडिंग हो रही थी।
तेजी के तीन प्रमुख कारण
इस स्टॉक की असाधारण वृद्धि के पीछे कोई मजबूत व्यावसायिक विकास नहीं है। यह तेजी मुख्य रूप से तीन कारणों से हुई है:
- सट्टेबाजी और सोशल मीडिया हाइप: निवेशकों के बीच सट्टेबाजी और सोशल मीडिया पर फैली अफवाहों ने शेयर की मांग को बढ़ाया।
- AI और सेमीकंडक्टर थीम: कंपनी ने अपना फोकस रियल एस्टेट से बदलकर सेमीकंडक्टर और डिजिटल चिप्स पर किया। भारत में AI और सेमीकंडक्टर बूम के चलते निवेशकों ने इसे 'इंडियन Nvidia' मानकर खरीदना शुरू कर दिया।
- बहुत कम फ्री फ्लोट: प्रमोटर और उनके सहयोगियों के पास 98% से ज़्यादा शेयर हैं, जबकि सार्वजनिक निवेशकों के पास केवल 2% के करीब शेयर हैं। इससे शेयर की तरलता (लिक्विडिटी) बहुत कम हो गई, जिससे थोड़े से खरीदार भी लगातार अपर सर्किट लगा देते थे। ट्रेडिंग सेशन में 149 बार लगातार अपर सर्किट हिट हुए।
सेमीकंडक्टर बिजनेस में बदलाव का दावा
2024 में, कंपनी ने अपना नाम GD ट्रेडिंग एंड एजेंसीज से बदलकर RRP सेमीकंडक्टर रखा। हालांकि कंपनी का सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग से कोई सीधा संबंध नहीं है, फिर भी निवेशक इसे भविष्य की बड़ी कंपनी मान रहे थे।
सोशल मीडिया की अफवाहें
ऑनलाइन हाइप और अफवाहों ने भी इस शेयर को वायरल बनाया। इनमें सचिन तेंदुलकर से कंपनी के लिंक होने या सरकार से जमीन आवंटन जैसी बातें शामिल थीं। कंपनी ने इन अफवाहों का खंडन किया और पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई।
कंपनी की वित्तीय स्थिति और SEBI की चिंताएं
SEBI की जांच और ट्रेडिंग पर सख्ती की कई वजहें हैं। कंपनी का टर्नओवर (कुल कारोबार) महज 2 लाख 11 हजार रुपए है। जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में कंपनी को 7 करोड़ रुपए से ज़्यादा का घाटा हुआ था।
वहीं, 15 दिसंबर के बाद ट्रेडिंग रोके जाने तक इसका मार्केट कैप (बाजार पूंजीकरण) 15,116 करोड़ रुपए था। उस दिन यह शेयर 11,095 रुपए पर बंद हुआ था।
सचिन तेंदुलकर से जुड़ी अफवाह
सितंबर 2024 में RRP की नई यूनिट इलेक्ट्रॉनिक्स के उद्घाटन समारोह में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और सचिन तेंदुलकर मौजूद थे। सोशल मीडिया पर यह माहौल बना कि तेंदुलकर ने कंपनी में बड़ा निवेश किया है और इसे महाराष्ट्र सरकार से प्लांट लगाने के लिए जमीन मिली है।
हालांकि, कंपनी ने कई एक्सचेंज फाइलिंग में स्पष्ट किया है कि उसने अब तक सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग शुरू नहीं की है, सरकारी स्कीम के तहत कोई आवेदन नहीं किया है और किसी भी सेलिब्रिटी के साथ उसका संबंध नहीं है।
कंपनी की संरचना और शेयरहोल्डिंग
महज 2 कर्मचारियों वाली RRP की कहानी अप्रैल 2024 में शुरू हुई, जब राजेंद्र चोडणकर ने GD ट्रेडिंग एंड एजेंसीज का अधिग्रहण किया। उन्होंने संस्थापकों के 8 करोड़ रुपए के कर्ज को इक्विटी में बदल दिया।
कंपनी में चोडणकर की 74.5% शेयर होल्डिंग है। बोर्ड ने उन्हें और कुछ लोगों को बाजार भाव से 40% कम, 12 रुपए के रेट से शेयर बेचने को मंजूरी दी। करीब 98% शेयर चोडणकर और उनके करीबी लोगों के पास हैं।
शेयर का प्रदर्शन
RRP सेमीकंडक्टर के शेयर ने बीते एक महीने में 2.97% की गिरावट दर्ज की है। हालांकि, 6 महीने में इसने 529.75% और एक साल में 6,897.76% का शानदार रिटर्न दिया है। इस साल अब तक यह 5,881.11% चढ़ा है। कंपनी के शेयर 15 दिसंबर तक नियमित ट्रेडिंग कर रहे थे, लेकिन अब इन पर जांच चल रही है और ट्रेडिंग प्रतिबंधित है।
राजनीति