Highlights
- सऊदी अरब में संदिग्ध परिस्थितियों में हुई थी रमेश मेघवाल की मौत।
- सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल की पैरवी के बाद 30 दिन में पहुंचा शव।
- परिवार ने एजेंटों पर मारपीट और शोषण के गंभीर आरोप लगाए।
- न्याय के लिए परिवार ने अदालत का दरवाजा खटखटाया।
बाड़मेर: सऊदी अरब (Saudi Arabia) में संदिग्ध परिस्थितियों में जान गंवाने वाले बालोतरा (Balotra) के रमेश कुमार मेघवाल (Ramesh Kumar Meghwal) का शव 30 दिन बाद दिल्ली (Delhi) पहुंचा। सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल (Ummedaram Beniwal) ने शव को भारत लाने और न्यायिक जांच की पैरवी की थी। परिवार ने एजेंटों पर शोषण और मारपीट के गंभीर आरोप लगाए हैं।
बालोतरा जिले के गिड़ा सोहड़ा निवासी रमेश कुमार मेघवाल का पार्थिव शरीर एक माह बाद भारत पहुंचा है। दोपहर तक यह जयपुर पहुंचेगा, जिसके बाद सड़क मार्ग से उनके पैतृक गांव लाया जाएगा।
सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने बताया कि जयपुर एयरपोर्ट पर कानूनी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया जाएगा। इस दुखद घड़ी में परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
एक माह बाद पहुंचा पार्थिव शरीर
बालोतरा जिले के सोहड़ा (गिड़ा) निवासी युवक रमेश कुमार मेघवाल अपने दो साथियों हीराराम मेघवाल (सवाऊ मूलराज) एवं रोशन अली (जाजवा, गिड़ा) के साथ रोजगार हेतु अरब के दोहा (कतर) गए थे। यह घटना लगभग एक माह पहले की है।
दुर्भाग्यवश, कुछ समय पूर्व उनकी संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। इसके बाद वहां की जटिल कानूनी प्रक्रिया, स्थानीय पुलिस कार्रवाई एवं मेडिकल पोस्टमॉर्टम की लंबी औपचारिकताओं के कारण पार्थिव शरीर को भारत लाने में लंबा समय लग गया।
सांसद बेनीवाल ने की थी विदेश मंत्रालय से पैरवी
जैसे ही यह मामला सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल के संज्ञान में आया, उन्होंने 18 नवंबर को तुरंत भारतीय दूतावास एवं विदेश मंत्रालय के संबंधित अधिकारियों से दूरभाष पर संपर्क किया। उन्होंने आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया ताकि रमेश का शव जल्द भारत लाया जा सके।
सांसद बेनीवाल ने विदेश मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात कर शव भारत लाने और इस पूरे मामले की न्यायिक जांच करने की मांग की थी। उनका मानना था कि रमेश की मौत के पीछे की सच्चाई सामने आनी चाहिए।
विदेश मंत्री से व्यक्तिगत मुलाकात
ज्यादा देरी और जटिल प्रक्रियाओं को देखते हुए, सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने 05 दिसंबर को नई दिल्ली में केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर जी से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। उन्होंने इस संवेदनशील मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की।
सांसद ने भारत सरकार के खर्चे पर पार्थिव शरीर शीघ्र भारत लाने, मामले की कानूनी जांच कराने एवं पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने की पुरजोर मांग रखी। इस पर भारत सरकार एवं भारतीय दूतावास की ओर से प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करवाने का आश्वासन दिया गया।
रमेश का शव आज सुबह पहुंचा दिल्ली
सांसद ने बताया कि देर रात रमेश कुमार मेघवाल का पार्थिव शरीर दम्माम (सऊदी अरब) एयरपोर्ट से रात 12:05 बजे रवाना हुआ। यह आज सुबह 06:45 बजे दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचा।
इसके बाद दोपहर 12:35 बजे दिल्ली से रवाना होकर 1:25 बजे जयपुर एयरपोर्ट पहुंचेगा। जयपुर एयरपोर्ट पर आवश्यक कानूनी औपचारिकताओं के पश्चात पार्थिव शरीर परिजनों को सुपुर्द किया जाएगा।
जयपुर से सोहड़ा गाँव तक सड़क मार्ग से ले जाने हेतु एम्बुलेंस की समुचित व्यवस्था करवा दी गई है। यह परिवार के लिए एक लंबी और भावनात्मक यात्रा है।
संदिग्ध हालात में मौत, परिवार कर रहा इंतजार
सऊदी अरब में काम करने गए बालोतरा जिले के गिड़ा सोहड़ा निवासी रमेश मेघवाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद उनका परिवार पिछले एक महीने से पार्थिव देह का इंतजार कर रहा था। यह इंतजार उनके लिए बेहद पीड़ादायक था।
शव नहीं आने से पूरे परिवार की हालत बद से बदतर हो गई थी। घर में हर दिन मातम पसरा रहता था और परिजन रो-रोकर बेहाल थे। उनकी आँखों के आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे।
परिवार के लोगों का रो-रोकर बुरा हाल था। वे लगातार सरकार और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा रहे थे कि रमेश का शव जल्द से जल्द भारत लाया जाए और उन्हें न्याय मिले।
एजेंटों पर मारपीट और शोषण के गंभीर आरोप
मृतक के बड़े भाई गेनाराम ने बताया कि रमेश को काम दिलाने के नाम पर चार एजेंट सऊदी अरब लेकर गए थे। इन एजेंटों में सवाई खान, छोटू खान, बहादुर खान और चेनाराम के नाम शामिल हैं।
रमेश को ऊंटों की देखभाल का हल्का काम बताया गया था। उन्हें 2-3 घंटे काम, फिर आराम, एसी कमरे और कूलर जैसी सुविधाओं का भरोसा दिया गया था।
लेकिन वहां पहुंचने पर हालात बिल्कुल उलट निकले। रमेश को 20-25 ऊंटों के बजाय करीब 100 ऊंटों की देखभाल करवाई जा रही थी, जो कि अत्यधिक श्रम था।
काम अधिक और लोग कम होने से उस पर लगातार दबाव बनाया गया। भाषा न समझ पाने के कारण उसे और अधिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी, जिससे उसकी मानसिक और शारीरिक स्थिति बिगड़ती गई।
परिवार का आरोप है कि रमेश के साथ मारपीट की जाती थी। उनके साथ गए बहादुर खान नामक व्यक्ति ने भी कोई सहयोग नहीं किया, बल्कि वह भी इस शोषण में शामिल था।
परिवार की न्याय की गुहार
रमेश की मौत की खबर के बाद परिवार ने सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी सहित कई जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। इन नेताओं ने विदेश मंत्री और सऊदी दूतावास को पत्र लिखकर शव भारत लाने और निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
बावजूद इसके जब एक महीने तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो परिवार को न्याय के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा। यह उनकी हताशा और न्याय पाने की अंतिम उम्मीद थी।
सभी रिश्तेदार अपना काम धंधा छोड़कर एक माह से घर पर विलाप कर रहे हैं। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया है और वे गहरे सदमे में हैं।
परिवार की प्रमुख मांग है कि जल्द से जल्द रमेश के मामले में वहां की जांच एजेंसियां निष्पक्ष जांच करें। दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए ताकि भविष्य में किसी और के साथ ऐसा न हो।
राजनीति