Highlights
- इस हफ्ते चांदी ₹4,887 महंगी होकर ₹2 लाख प्रति किलो के पार।
- चांदी ने ₹2,01,250 का अब तक का सबसे ऊंचा स्तर छुआ।
- सोना ₹931 सस्ता होकर ₹1,31,779 प्रति 10 ग्राम पर आया।
- इस साल चांदी 133% और सोना 73% महंगा हुआ है।
JAIPUR | इस हफ्ते चांदी (Silver) ₹4,887 महंगी होकर पहली बार ₹2 लाख प्रति किलो का आंकड़ा पार कर गई। वहीं, सोना (Gold) ₹931 सस्ता हुआ। इस साल चांदी 133% और सोना 73% महंगा हुआ है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के अनुसार, चांदी की कीमत में लगातार चौथे हफ्ते तेजी रही।
चांदी की कीमतों में लगातार चौथे हफ्ते तेजी दर्ज की गई है। इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के आंकड़ों के मुताबिक, 12 दिसंबर को एक किलो चांदी की कीमत 1,95,180 रुपए थी।
यह एक हफ्ते में 4,887 रुपए बढ़कर 2,00,067 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है, जो एक महत्वपूर्ण उछाल है।
चांदी ने छुआ रिकॉर्ड स्तर
इसी हफ्ते चांदी ने अपनी अब तक की सबसे ऊंची कीमत का आंकड़ा भी छुआ। 18 दिसंबर को कारोबार के दौरान चांदी ₹2,01,250 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई थी।
हालांकि, बाद में थोड़ी गिरावट के बाद यह ₹2,01,120 पर बंद हुई, लेकिन यह अभी भी एक ऐतिहासिक स्तर है।
सोने के भाव में गिरावट
लगातार तीन हफ्तों की तेजी के बाद इस हफ्ते सोने की कीमत में गिरावट दर्ज की गई। IBJA के अनुसार, पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी 12 दिसंबर को सोना 1,32,710 रुपए प्रति 10 ग्राम पर था।
शुक्रवार (19 दिसंबर) तक यह 931 रुपए गिरकर 1,31,779 रुपए पर आ गया। इस हफ्ते 15 दिसंबर को सोने ने 1,33,249 रुपए का ऑल टाइम हाई बनाया था।
इस साल सोने-चांदी की चाल
इस साल अब तक सोने की कीमत में 55,617 रुपए (73.02%) की बढ़ोतरी हुई है। 31 दिसंबर 2024 को 10 ग्राम 24 कैरेट सोना 76,162 रुपए का था, जो अब 1,31,779 रुपए हो गया है।
चांदी का भाव भी इस दौरान 1,14,050 रुपए (132.59%) बढ़ गया है। 31 दिसंबर 2024 को एक किलो चांदी की कीमत 86,017 रुपए थी, जो अब 2,00,067 रुपए प्रति किलो हो गई है।
शहरों में अलग-अलग क्यों होते हैं रेट्स?
IBJA की सोने की कीमतों में 3% GST, मेकिंग चार्ज और ज्वेलर्स का मार्जिन शामिल नहीं होता है। यही कारण है कि अलग-अलग शहरों में सोने-चांदी के रेट्स IBJA द्वारा जारी किए गए रेट्स से भिन्न होते हैं।
इन IBJA रेट्स का उपयोग भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के रेट तय करने के लिए करता है। कई बैंक गोल्ड लोन के रेट तय करने के लिए भी इन्हीं रेट्स का इस्तेमाल करते हैं।
सोने में तेजी के प्रमुख कारण
डॉलर कमजोर होना
अमेरिका द्वारा ब्याज दरें घटाने से डॉलर कमजोर हुआ है। इससे सोने की होल्डिंग कॉस्ट कम हो गई है, जिसके चलते निवेशक सोने की खरीद में रुचि दिखा रहे हैं।
भू-राजनीतिक तनाव
रूस-यूक्रेन युद्ध और दुनिया भर में बढ़ते तनाव के कारण निवेशक सोने को सबसे सुरक्षित निवेश विकल्प मान रहे हैं। इस वजह से भी सोने की मांग बढ़ी है।
रिजर्व बैंकों की खरीदारी
चीन जैसे देश अपने केंद्रीय बैंकों में बड़ी मात्रा में सोना जमा कर रहे हैं। वे सालभर में 900 टन से ज्यादा की खरीदारी कर रहे हैं, जिससे सोने के दाम ऊपर जा रहे हैं।
चांदी में उछाल के प्रमुख कारण
औद्योगिक मांग में वृद्धि
सोलर पैनल, इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) में चांदी का भारी इस्तेमाल हो रहा है। चांदी अब सिर्फ ज्वेलरी ही नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण कच्चा माल बन गई है।
टैरिफ का डर
अमेरिकी कंपनियां संभावित टैरिफ के डर से चांदी का भारी स्टॉक जमा कर रही हैं। वैश्विक आपूर्ति में कमी के कारण भी कीमतें ऊपर चढ़ी हैं।
निर्माताओं में होड़
उत्पादन रुकने के डर से सभी निर्माता पहले से ही चांदी खरीद रहे हैं। इसी वजह से आने वाले महीनों में भी चांदी की कीमतों में तेजी बनी रहने की संभावना है।
सोना खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
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सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें: हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड गोल्ड ही खरीदें। यह नंबर अल्फान्यूमेरिक हो सकता है, जैसे AZ4524। हॉलमार्किंग से सोने की शुद्धता (कितने कैरेट का है) का पता चलता है।
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कीमत क्रॉस चेक करें: सोने का सही वजन और खरीदने के दिन उसकी कीमत विभिन्न स्रोतों (जैसे इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वेबसाइट) से क्रॉस चेक करें। सोने का भाव 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट के हिसाब से अलग-अलग होता है।
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