कानून: तीन नये कानून 150 साल पुरानी दण्ड आधारित न्याय प्रणाली को न्याय आधारित बनाएगा

तीन नये कानून 150 साल पुरानी दण्ड आधारित न्याय प्रणाली को न्याय आधारित बनाएगा
नये आपराधिक कानून के संबंध में आयोजित बैठक
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Highlights

शासन सचिवालय में नये आपराधिक कानून के संबंध में बैठक आयोजित हुई

नये कानून हमारे संविधान की तीन मूल भावनाओं - व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सभी के साथ समान व्यवहार के सिद्धांत के आधार पर बनाये गये हैं।

जयपुर। मुख्य सचिव सुधांश पंत की अध्यक्षता में सोमवार को शासन सचिवालय में नये आपराधिक कानून (new criminal laws) के संबंध में बैठक आयोजित हुई।

उन्होंने बताया कि 3 नये कानून भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 एक जुलाई 2024 से लागू हो जायेंगे।

पंत ने बताया कि तीन नये कानून 150 साल पुरानी दण्ड आधारित न्याय प्रणाली (penal justice system) को न्याय आधारित बनाएगा। पुराने कानूनों के स्थान पर लाये जा रहे नये कानून हमारे संविधान की तीन मूल भावनाओं - व्यक्ति की स्वतंत्रता, मानवाधिकार और सभी के साथ समान व्यवहार के सिद्धांत के आधार पर बनाये गये हैं।

उन्होंने बताया कि नए कानूनों (new laws) में महिलाओं एवं बच्चों के खिलाफ अपराध, मानव शरीर को प्रभावित करने जैसे मामलो को प्राथमिकता दी गयी है। नए कानूनों में पुलिस एवं नागरिकों के अधिकारों के बीच अच्छा संतुलन कायम किया गया है एवं IT के उपयोग से कई प्रणालियों को सरलीकृत किया गया है। 

बैठक में मुख्य सचिव ने सम्बंधित विभागों को निर्देश दिए कि तीन नए कानून (new laws) के बारे में आमजन को जागरूक करें, खासकर महिला एवं बच्चों को नये कानून के बारे में बताया जाये, स्कूल एवं कॉलेजों के माध्यम से बच्चों एवं महिलाओं से जुड़े अपराध की जानकारी दी जाये। 

पंत ने गृह विभाग को निर्देश दिए कि वकीलों से समन्वय कर प्रत्येक ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, नगर निकाय, नगर पालिका को नए कानूनों से अवगत कराया जाए।

सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग को निर्देश दिए कि मीडिया (Media) के माध्यम से नए कानूनों का प्रचार-प्रसार किया जाये एवं विभाग की वेबसाइट (Website) पर पॉपअप लगाए।

स्कूल शिक्षा विभाग एवं उच्च शिक्षा विभाग को निर्देश दिए कि कॉलेज और स्कूलों में छात्रों एवं शिक्षको को जागरूक कर महिला एवं बाल अपराधों से अवगत कराये।

महिला अधिकारिता विभाग को निर्देश दिए कि वह प्रत्येक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं साथिन को नए कानूनों (new laws) को लेकर अवगत कराये जिससे वहां आने वाली महिलाएं अपने अधिकारों के बारे में जान सके।

बैठक में मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग कुलदीप रांका, मुख्य सचिव, गृह विभाग आनंद कुमार, प्रमुख शासन सचिव, विधि एवं विधिक कार्य विभाग ब्रजेन्द्र कुमार जैन, प्रमुख शासन सचिव, उच्च शिक्षा विभाग सुबीर कुमार, शासन सचिव, गृह विभाग मती रश्मि गुप्ता, शासन सचिव, स्कूल शिक्षा विभाग कृष्ण कुणाल, शासन सचिव, महिला एवं बाल अधिकारिता विभाग मोहन लाल यादव, आयुक्त, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग सुनील शर्मा, महानिदेशक, राजस्थान पुलिस उत्कल रंजन साहू, महानिदेशक (कारागार) राजेश निरवान सहित अन्य सम्बंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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