Rajasthan: वनरक्षक पेपर लीक: डिस्ट्रॉय बॉक्स से पेपर बदल रचा गया षड्यंत्र

वनरक्षक पेपर लीक: डिस्ट्रॉय बॉक्स से पेपर बदल रचा गया षड्यंत्र
वनरक्षक पेपर लीक: प्री-प्लान था षड्यंत्र
Ad

Highlights

  • वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर प्री-प्लानिंग के तहत चुराया गया था।
  • डिस्ट्रॉय बॉक्स से पेपर बदलकर पूरा षड्यंत्र रचा गया।
  • मुख्य सरगना जबराराम जाट ने 1.50 करोड़ रुपए कमाए।
  • प्रिंटिंग प्रेस स्टाफ की मदद से पेपर चोरी किया गया।

जयपुर: वनरक्षक भर्ती परीक्षा (Forest Guard Recruitment Exam) का पेपर लीक प्री-प्लान था। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (Special Operation Group - SOG) की जांच में सामने आया कि डिस्ट्रॉय बॉक्स से पेपर की अदला-बदली कर पूरा षड्यंत्र रचा गया था।

एसओजी की ओर से वनरक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। यह सामने आया है कि आरोपियों ने प्रिंटिंग प्रेस से पेपर को एक सोची-समझी योजना के तहत चुराया था।

पेपर चोरी का प्री-प्लान षड्यंत्र

वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर चुराने के लिए जानबूझकर पेपर शीट को गंदा किया गया था। इसका उद्देश्य उसे नष्ट करने के लिए डिस्ट्रॉय बॉक्स में डलवाना था।

डिस्ट्रॉय बॉक्स में जाने के बाद, प्रिंटिंग प्रेस स्टाफ की मदद से गंदे पेपर को दूसरे पेपर से बदल दिया गया। इस प्रकार दोनों पारियों के पेपर चुराए गए थे।

एडीजी (एसओजी) विशाल बंसल ने बताया कि वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 का पेपर 13 नवंबर 2022 को दो पारियों में आयोजित हुआ था। एग्जाम में डमी कैंडिडेट के जरिए अनुचित साधनों का उपयोग किए जाने की शिकायतें बांसवाड़ा में दर्ज की गई थीं।

बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आने के बाद एसओजी ने वनरक्षक भर्ती परीक्षा-2020 की जांच शुरू की थी। इस जांच के दौरान ही पेपर लीक के इस बड़े षड्यंत्र का खुलासा हुआ।

मुख्य सरगना जबराराम जाट की गिरफ्तारी

जांच में यह भी सामने आया कि एक अन्य सहयोगी कंवराराम निवासी उदयपुर ने भी कई अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले लीक पेपर पढ़वाया था। एसओजी ने आरोपी कंवराराम को भी गिरफ्तार किया।

दोनों आरोपी हीरालाल और कंवराराम ने पूछताछ में बताया कि उन्हें प्रश्न-पत्र जबराराम से मिला था। इसके बाद पेपर लीक का मुख्य सरगना जबराराम जाट निवासी नहर कॉलोनी बाड़मेर होने का पता चला।

एसओजी की काफी तलाश के बाद भी आरोपी सरगना जबराराम के नहीं मिलने पर उस पर 50 हजार रुपए का इनाम रखा गया। डीआईजी परिस देशमुख के नेतृत्व में एक विशेष टीम को जबराराम की तलाश में लगाया गया।

गुजरात पुलिस की मदद से राजस्थान एसओजी की टीम ने 8 दिसंबर को 50 हजार रुपए के इनामी सरगना जबराराम को गुजरात से धर-दबोचा। उसकी गिरफ्तारी इस पूरे मामले में एक बड़ी सफलता थी।

जबराराम ने कमाए 1.50 करोड़ रुपए

पूछताछ में जबराराम से खुलासा हुआ कि उसने प्रश्न-पत्र भोपाल के एक प्रिंटिंग प्रेस से खरीदा था। उसने 25 लाख रुपए में खरीदे गए पेपर को कई ग्रुपों में बेचकर 1.50 करोड़ रुपए की अवैध कमाई की थी।

यह भी पता चला कि जबराराम साल-2019 में बाड़मेर के एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के पद पर था। पेपर लीक प्रकरणों में शामिल होने के कारण उसे पहले ही सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है।

प्रिंटिंग प्रेस कर्मचारी खिलान सिंह की भूमिका

सरगना जबराराम से पूछताछ में भोपाल की प्रिंटिंग प्रेस से पेपर चुराने वाले आरोपी खिलान सिंह उर्फ केडी डॉन निवासी सुखी सेबनिया, भोपाल का नाम सामने आया। इसके बाद एसओजी ने भोपाल में दबिश देकर आरोपी खिलान सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में आरोपी खिलान सिंह ने प्रिंटिंग प्रेस से चुराए गए पेपर को 23 लाख रुपए में जबराराम जाट को देने की बात कबूल की। एसओजी की पूछताछ में सामने आया कि आरोपी खिलान सिंह वनरक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर छापने वाली प्रिंटिंग प्रेस से जुड़ा था।

वह एक कंपनी में बाइंडिंग का काम करता था, जिसके कारण प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाला स्टाफ उसे जानता था। इसी पहचान का फायदा उठाकर उसने पेपर चोरी की योजना बनाई।

स्टाफ की मदद से चुराया गया पेपर

एसओजी पूछताछ में सामने आया है कि भोपाल की रूचि प्रिंटिंग प्रेस में आरोपी खिलान सिंह लेबर सप्लाई का काम भी करता था। प्रिंटिंग से जुड़ा पूरा काम उसकी लगाई लेबर ही संभालती थी।

ऐसे में, एक सुनियोजित योजना के तहत आरोपी खिलान सिंह ने प्रिंटिंग प्रेस स्टाफ को पेपर गायब करने के लिए अपने साथ शामिल किया। इसी योजना के तहत पेपर शीट को जानबूझकर पहले गंदा किया गया।

यह इसलिए किया गया ताकि उसे सामान्य वितरण के लिए इस्तेमाल न किया जा सके। जब पेपर डिस्ट्रीब्यूट नहीं हो सका, तो उसे नष्ट करने वाले डिस्ट्रॉय बॉक्स में डाल दिया गया।

डिस्ट्रॉय बॉक्स में पेपर के जाने पर, बड़ी चालाकी से स्टाफ की मदद से नष्ट किए गए पेपर से एक दूसरे पेपर को बदल दिया गया। उसने इस तरह पेपर चालाकी से चुराकर प्रिंटिंग प्रेस से बाहर लाकर बेच दिया।

इस प्रकरण में प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले कुछ अन्य कर्मियों के नाम भी सामने आए हैं। एसओजी की टीमें अब उनकी तलाश कर रही हैं ताकि इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।

Must Read: बोलेरो का टायर फटा, कार से जा भिड़ी, कपल समेत 3 की दर्दनाक मौत, चार अस्पताल में

पढें क्राइम खबरें, ताजा हिंदी समाचार (Latest Hindi News) के लिए डाउनलोड करें thinQ360 App.

  • Follow us on :