Jaipur/ Rajasthan
राजस्थान विधानसभा चुनावों की तारीख फिक्स हो चुकी है 25 नवंबर इसी बीच सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने 41 नामों वाली अपनी पहली सूची जारी कर दी है। लेकिन इसी के साथ पार्टी ने कई बड़ें नामों का टिकट काट दिया है तो वहीं कईयों की सीट में अदला बदली की है।
इसी के साथ पार्टी में घमासान मच गया है। इस पूरे वाकये में बीजेपी ने वसुंधरा राजे को कहीं साइड लाइन कर दिया है। लेकिन अब एक तरफ इस पूरे घटनाक्रम पर वसुंधरा राजे की चुप्पी किसी बड़ी अनहोनी का संकेत कर रही है तो अपने ही विधायकों को संभालना पार्टी के लिए मुश्किल होता जा रहा है।
एक तरह जहां सांचौर से सांसद देवजी पटेल को विधायिकी का टिकट देने का पार्टी के ही दानाराम और जीवाराम चौधरी विरोध कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर जयपुर के विधाधरनगर और झोटवाड़ा सीट से प्रत्याशी बदले जाने का विरोध हो रहा है.
झोटवाड़ा से पूर्व मंत्री राजपाल शेखावत और पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व उपराष्ट्रपति भैरों सिंह शेखावत के दामाद नरपत सिंह राजवी जैसे अपने वफादारों के निर्वाचन क्षेत्रों में भारी विरोध के बावजूद राजे ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है।
राजवी ने दीया कुमारी को टिकट दिए जाने विरोध करते हुए बयान दिया कि दिया कुमारी मुगलों के सामने घुटने टेकने वाले परिवार से आती हैं। राजवी ने कहा कि, 'पता नहीं पार्टी उस परिवार के प्रति इतनी दयालु क्यों है, जिसने मुगलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और महाराणा प्रताप के खिलाफ लड़ाई लड़ी।'
हालांकि राजवी के इस बयान पर प्रतिक्रिया में दिया कुमारी ने कहा कि 'भैरों सिंह शेखावत मेरे पिता समान थे। मैं उनसे (राजवी) बस यही कहूंगी कि आप आएं और मेरे साथ यह चुनाव लड़ें. मुझे आशीर्वाद दें, मुझे अपना समर्थन दें।'
इस पूरे घटनाक्रम पर केंद्रीय नेता ने जयपुर पहुँचकर नरपत सिंह राजवी से मुलाकात की और खबर है कि बीजेपी ने राजवी को चित्तौड़गढ़ या बीकानेर से टिकट दिए जाने का आश्वासन दिया है।
इस सारी उथल-पुथल के बीच, राजे चुप हैं और एक्स पर अपनी प्रोफ़ाइल तस्वीर बदलने के लिए चर्चा में हैं। नीले रंग की पृष्ठभूमि और उनके पीछे राजस्थान लिखे हुए, तस्वीर कई लोगों का ध्यान आकर्षित कर रही है।
हालांकि, उनकी कार्यालय टीम ने कहा कि उन्होंने इस प्रोफ़ाइल तस्वीर को 9 सितंबर को बदल दिया था, हालांकि, पहली सूची जारी होने के बाद ही अब इस तस्वीर ने ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया है।
चूंकि वह चुप हैं, इसलिए सभी की निगाहें दिल्ली में बीजेपी आलाकमान पर टिकी हैं कि वे इन बागियों की बढ़ती संख्या को कैसे देखते हैं और आने वाले दिनों में राजे की भूमिका क्या होगी। ये तो आने वाले समय में पता चलेगा।
वैसे इस पूरी भूमिका पर आप क्या सोचते हैं कमेंट करके जरूर बताएं।राजस्थान की पॉलिटिक्स से लगातार अपडेट रहने के लिए बने रहें थिंक 360 के साथ।