जिम्मेदार भूल गए जिम्मेदारी: प्रदूषित होने के कगार पर विश्व प्रसिद्ध नक्की झील

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झील में दिनों-दिन जम रही काई और पानी में फैलती गंदगी यहां आने वाले पर्यटकों को निराश कर रही है। झील में फैल रही इस गंदगी के चलते प्रदेश की सबसे धनी नगर पालिका की कार्यशैली पर भी प्रश्न उठाने लगे हैं। 

माउंट आबू | राजस्थान के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल माउंट आबू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सूबे के मुखिया अशोक गहलोत की ’स्वच्छ प्रदेश’ की मुहिम की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है।

यहां स्थित विश्व प्रसिद्ध नक्की झील जो बाहर से आने वाले सैलानियों का प्रमुख आकर्षण है। वह अब एक गंदे तालाब में तब्दील होती जा रही है। 

झील में दिनों-दिन जम रही काई और पानी में फैलती गंदगी यहां आने वाले पर्यटकों को निराश कर रही है। झील में फैल रही इस गंदगी के चलते प्रदेश की सबसे धनी नगर पालिका की कार्यशैली पर भी प्रश्न उठाने लगे हैं। 

आखिर कौन है इसका असल जिम्मेदार  ?

झील में दिन-ब-दिन जम रही काई की मोटी-मोटी परते जहां एक और पर्यटन पर धब्बा लगा रही है, वहीं झील में रहने वाले जलीय जीवों का जीवन संकट में डाल रही है।

झील में फैल रही गंदगी के चलते हालात ऐसे हो गए हैं कि, नक्की झील के चादर बहने वाले स्थान पर बढ़ रही बदबू ने दूर तक के वातावरण को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। 

इस समस्या को लेकर जब-जब नगर पालिका के प्रशासनिक अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया जाता है तो वे फोन ही रिसीव नहीं करते। 

अब हालात ये है कि वे चुनाव ड्यूटी में व्यस्त होने का हवाला दे देते हैं।

जबकि हकीकत यह है कि इस झील की सफाई की जिम्मेदारी संभालने वाले सभी लोगों का चुनाव ड्यूटी से कोई लेना-देना नहीं है। 

नक्की झील में साफ सफाई करवाना नगर पालिका के साथ-साथ नक्की झील के ठेकेदार का भी दायित्व है। साथ ही जहां पर करोड़ों रुपए का राजस्व नगर पालिका कमा रही हो और प्रतिदिन लाखों रुपए की आए की नौकायन ठेकेदार को हो रही हो, वहां पर नक्की झील का इस तरह से प्रदूषित होता हुआ देखना वास्तव में चिंताजनक है।

आपको बता दें कि  नक्की झील एक मानव निर्मित ताजे पानी की झील है जो राजस्थान के सिरोही जिले में अरावली रेंज में माउंट आबू हिल स्टेशन में स्थित है।

रघुनाथ जी मंदिर के पास स्थित यह राजस्थान की सबसे ऊँची झील है।

नक्की झील का निर्माण किसने किया था ?

इस झील के निर्माण के पीछे भी बड़ी रोचक कहानी है जिसके अनुसार, एक राजा था जिसने आदेश दिया कि जो कोई रातोंरात अपने नाखूनों से झील खोदेगा, वह उसकी बेटी से शादी करेगा। रक्षिया बालम , जो राजा की बेटी को पसंद करती थी, ने कार्य पूरा किया और अपने नाखूनों से झील खोदी। इस प्रकार, इसका नाम नक्की झील है क्योंकि नख का अर्थ नाखून होता है।

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