बॉलीवुड | श्वेता तिवारी का जन्म 4 अक्टूबर 1980 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे एक हिंदू ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनके पिता अशोक कुमार तिवारी और मां निर्मला तिवारी हैं। श्वेता का एक भाई भी है, जिनका नाम निदान है। सेनेटी की पगार से शुरुआत करते हुए, श्वेता ने अपने जीवन की शुरुआत बहुत कम उम्र में काम करना शुरू कर दिया था।
करियर की शुरुआत
श्वेता तिवारी का टेलीविजन उद्योग में पदार्पण "कसौटी जिंदगी की" से हुआ, जहां उन्होंने प्रेरणा शर्मा की भूमिका निभाई। यह भूमिका उन्हें घर-घर में पहचान दिलाने के साथ-साथ कई पुरस्कार भी लाई। उन्होंने इस सीरियल में आठ वर्षों तक काम किया, जो उनके करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव था।
विवाह और परिवार
श्वेता ने 1998 में राजा चौधरी से विवाह किया और उनकी एक बेटी भी है जिसका नाम पलक तिवारी है। पलक हाल ही में बॉलीवुड में अपने कदम रख चुकी हैं और सोशल मीडिया पर अपनी पहचान बना रही हैं। श्वेता का वैवाहिक जीवन कुछ उतार-चढ़ावों से भरा रहा है, जो उनकी जीवन यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
रियलिटी शो और अन्य कार्य
श्वेता ने "बिग बॉस 4" जीतकर इतिहास रचा, जहाँ वे पहली महिला विजेता बनीं। उन्होंने 'नच बलिए', 'झलक दिखला जा', और 'कहतरों के खिलाड़ी' जैसे रियलिटी शो में भी भाग लिया, जो उनके व्यक्तित्व के विविध पहलुओं को दिखाते हैं।
पुरस्कार और सम्मान
उनके अभिनय के लिए उन्हें कई पुरस्कार मिले हैं, जिसमें आईटीए अवार्ड और बेस्ट एक्ट्रेस ड्रामा का खिताब भी शामिल है। ये पुरस्कार उनकी प्रतिभा और कड़ी मेहनत की गवाही देते हैं।
व्यक्तिगत जीवन और रुचियाँ
श्वेता जानवरों से बहुत प्यार करती हैं और एक पालतू कुत्ते की मालकिन भी हैं। उन्हें घूमने और अपने परिवार के साथ समय बिताने का शौक है। श्वेता न तो धूम्रपान करती हैं और न ही शराब पीती हैं, जो उनके स्वस्थ जीवन शैली का संकेत देता है।
सामाजिक कार्य
कोविड-19 के दौरान, श्वेता ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोगों से घर पर रहने और सुरक्षित रहने की अपील की, जो उनके सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को दर्शाता है।
निष्कर्ष
श्वेता तिवारी की यात्रा एक ऐसी कहानी है जो संघर्ष, सफलता और सम्मान की बात करती है। उन्होंने अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के बल पर एक साधारण जीवन से उठकर टेलीविजन की दुनिया में एक प्रतिष्ठित स्थान बनाया। आज भी, श्वेता अपने प्रशंसकों के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं, जो उनके समर्पण और प्रतिभा की सराहना करते हैं।