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मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ पहले से चला आ रहा अतिरिक्त आयुक्त से झगड़े का मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है। अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से झड़प के मामले में मुनेश गुर्जर ने शासन विभाग के नोटिस का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
जयपुर | जयपुर हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर (Munesh Gurjar) को भले ही कोर्ट और राज्य सरकार से राहत मिल गई हो और उनका निलंबन रद्द कर दिया गया हो, लेकिन उनकी मुसीबतें अभी भी बरकरार बनी हुई हैं।
बता दें कि मेयर मुनेश गुर्जर का स्वायत्त शासन विभाग ने निलंबन का आदेश वापस ले लिया है। सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश की पालना में निलंबन वापस लिया है।
वहीं दूसरी ओर, मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ पहले से चला आ रहा अतिरिक्त आयुक्त से झगड़े का मामला अभी तक शांत नहीं हुआ है।
अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से झड़प के मामले में मुनेश गुर्जर ने शासन विभाग के नोटिस का अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि इस मामले को लेकर मेयर मुनेश गुर्जर पर कार्रवाई हो सकती है।
बता दें कि अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से झड़प के बाद मुनेश गुर्जर लगभग एक सप्ताह तक दिन-रात अनशन पर बैठी रही थीं।
क्या है अतिरिक्त आयुक्त से झगड़े का मामला ?
गौरतलब है कि जुलाई में हेरिटेज मेयर मुनेश गुर्जर की निगम के अतिरिक्त आयुक्त राजेंद्र वर्मा से झड़प हो गई थी।
उन पर वर्मा को कार्यालय में बुलाकर आयुक्त से मारपीट और बंधक बनाने का आरोप था।
इसके बाद अपर आयुक्त ने मुनेश गुर्जर की इच्छा के अनुरूप कार्य नहीं किया तो मुनेश गुर्जर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए अनशन पर बैठ गई।
खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने भी खोल रखा है मोर्चा
बता दें कि खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने भी मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है।
भले ही खाचरियावास ने ही मुनेश गुर्जर को मेयर बनवाया था लेकिन पिछले दिनों में दोनों के संबंधों में खटास आ गई।
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इसी के साथ मुनेश के पति के घूसकांड में पकड़े जाने के बाद खाचरियावास ने उन पर आरोप लगाते हुए कहा था कि लंबे समय से शिकायतें मिल रही थी कि पट्टे जारी करने के बदले पैसे मांगे जा रहे हैं और मेरे पास भी कई बार शिकायत आई थी।
तब मंत्री ने कहा था कि रिश्वतखोर किसी भी पार्टी का हो भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा।