प्रशासन की अकर्मण्यता जिम्मेदार: नरेगा में श्रमिकों की कमी पर संयम लोढा का आरोप

नरेगा में श्रमिकों की कमी पर संयम लोढा का आरोप
पूर्व विधायक संयम लोढा
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आंकडों पर गौर करें तो रेवदर ब्लॉक के हरनी अमरपुरा में 82, अनादरा में 76, जीरावल में 79, जैतावाडा में 24, जोलपुर में 29, डबानी में 11, डाक में 25, दोलपुर में 75, नागानी मेें 57,पामेरा में 91,पीथापुरा में 0, पोसीतरा में 84, बांट में 68, मारोल में 70,वासन में 98, सिरोडी में 51, सोनेला में 94 श्रमिक कार्य कर रहे है

शिवगंज। तत्कालीन सरकार में मुख्यमंत्री के सलाहकार रहे पूर्व विधायक संयम लोढा ने मंगलवार को भाजपा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय जिले में एक लाख से भी ज्यादा नरेगा श्रमिकों को रोजगार मिल रहा था।

पूर्व विधायक संयम लोढा

आज हालात यह हो गए है कि मॉनिटरिंग के अभाव में दर्जनों पंचायतों में एक सौ से भी कम श्रमिक कार्य कर रहे है। भाजपा सरकार के दस माह के कार्यकाल के सरकार की अकर्मण्यता के कारण आज जनता को हो रही परेशानियों को लेकर ब्लॉक व नगर कांग्रेस की ओर से राष्ट्रपति के नाम कार्यवाहक उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपने के बाद लोढा पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

लोढा ने कहा कि भाजपा सरकार ने अपने दस माह के शासन में नरेगा की हालत खराब कर दी है। तत्कालीन सरकार के समय जिले में एक लाख से अधिक नरेगा के माध्यम से लोगों को रोजगार मिला हुआ था।

आज हालात यह हो गए है कि दर्जनों पंचायतों की हालत यह है कि वहां एक सौ से भी कम श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। लोढा ने आरोप लगाया कि ऐसा नहीं कि गांवों में श्रमिक नहीं मिल रहे है, बल्कि हकीकत यह है कि जिले मेें नरेगा मॉनिटरिंग का पूर्णतया अभाव है। उन्होंने सवाल किया कि यदि इस तरह के हालात बने हुए है

तो फिर प्रशासन किस बात की सोमवार को मिटींग करता है। मंत्री, प्रभारी मंत्री जब भी यहां आते है तो अधिकारियों के साथ क्या मिटींग करते है, क्या रिव्यु लेते है। लोढा ने कहा कि दरअसल यहां का पूरा प्रशासनिक एवं सरकारी सिस्टम फेल हो चुका है। कोई भी प्रशासन को निर्देश और मार्गदर्शन देने वाला नहीं है।

जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड रहा है। सरकार ने लोगों को राम भरोसे छोड दिया है। यह स्थिति ज्यादा दिन चलने वाली नहीं है। लोढ़ा ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार की अकर्मण्यता के खिलाफ जनता के हक के लिए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सडक़ पर उतरना पड़ा तो उससे भी गुरेज नहीं करेंगे।

 इन पंचायतों में है सौ से भी कम श्रमिक 
जिले के शिवगंज ब्लॉक में चूली पंचायत में 37, जैतपुरा में 78, पालडी एम में 90 श्रमिकों को ही रोजगार मिला हुआ है। इसी तरह सिरोही ब्लॉक के तंवरी में 90, नवारा में 13, बालदा में 56 तथा मोहब्बतनगर में 68 श्रमिक ही कार्य कर रहे है।
आंकडों पर गौर करें तो रेवदर ब्लॉक के हरनी अमरपुरा में 82, अनादरा में 76, जीरावल में 79, जैतावाडा में 24, जोलपुर में 29, डबानी में 11, डाक में 25, दोलपुर में 75, नागानी मेें 57,पामेरा में 91,पीथापुरा में 0, पोसीतरा में 84, बांट में 68, मारोल में 70,वासन में 98, सिरोडी में 51, सोनेला में 94 श्रमिक कार्य कर रहे है।

 पिंडवाडा में 22 और आबूरोड में 9 पंचायतों में सौ से भी कम श्रमिक 
जिले के पिंडवाडा ब्लॉक की काला महादेव खेडा में 22, खेर में 25, मालप में 80, नागपुरा में 54, पुनिया में 39, आमली में 9, ईसरा में 27, जनापुर में 26, झाडोली में 93, नया सानवाडा में 36, नितोडा में 29, पेशुआ में 12, बसंतगढ में 54, भारजा में 90, भावरी में 84, मांडवाडा खालसा में 91, मांडवाडा देवस्थान में 57, मोरस में 54, रोहिडा में 34, लोटाना में 38, वाटेरा में 59 तथा वासा में 83 श्रमिक कार्य कर रहे है। इसी तरह आबूरोड ब्लॉक के आमथला में 31, उपला खेजडा में 50, गिरवर में 41, चनार में 14, जाम्बुडी में 45, निचलागढ में 74, मुंगथला में 90,्र वसाडा में 91 तथा सियावा में 50 श्रमिक ही कार्य कर रहे है।

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