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रकबर मॉब लिंचिंग मामले में आज अलवर एडीजे कोर्ट ने चार आरोपियों को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने इन चारों आरोपियों को 7-7 की सजा सुनाई है और 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
अलवर | Alwar Mob Lynching: राजस्थान में 5 साल पहले हुई मॉब लिंचिंग की दिल दहलाने वाली घटना को लेकर आज बड़ा फैसला सामने आया है।
रकबर मॉब लिंचिंग मामले में आज अलवर एडीजे कोर्ट ने चार आरोपियों को दोषी करार दिया है।
कोर्ट ने इन चारों आरोपियों को 7-7 की सजा सुनाई है और 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
सुनवाई के दौरान आरोपी कोर्ट में गिड़गिड़ाते नजर आए। सुनवाई के दौरान पूरा कोर्ट परिसर छावनी में तब्दिल रहा। क्यूआरटी के जवान भी सादा वर्दी में लगाए गए।
इसके अलावा कोर्ट ने एक आरोपी को सभी धाराओं में निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया है।
कोर्ट द्वारा आरोपियों को दोषी करार देते ही पुलिस ने चारों को कस्टडी में ले लिया।
बता दें कि, 20 जुलाई 2018 को अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में रकबर उर्फ अकबर की हत्या के मामले में आज अलवर की एडीजे कोर्ट में सुनवाई हुई।
जिसमें न्यायधीश सुनील गोयल ने मामले में आरोपी धर्मेंद्र, परमजीत सिंह, नरेश और विजय को दोषी करार देते हुए 341 और 304 के तहत 7-7 साल की सजा सुनाई।
जबकि, साक्ष्यों के अभाव में आरोपी नवल किशोर को बरी कर दिया गया। इसकी अन्य आरोपियों के साथ फोन पर बातचीत हुई थी उसके आधार पर ही नवल को आरोपी बनाया गया था।
ऐसे में कोर्ट ने इन दस्तावेजों को सही नहीं मानते हुए नवल किशोर को बरी कर दिया।
क्या कहा कोर्ट ने ?
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने ये मामला मॉब लिंचिंग का मानते हुए कहा कि आरोपियों ने अपराध किया है।
अपराधी को सजा देने का काम कानून का है, अगर अपराध करने वाले शख्स को ये लोग पकड़कर पुलिस को सौंप देते तो ये अपराध की श्रेणी में नहीं आता, लेकिन इन्होंने कानून की धज्जियां उड़ाई हैं जो एक बड़ा अपराध है।
आखिर क्या है पूरा मामला ?
20 जुलाई 2018 को अलवर के रामगढ़ थाना क्षेत्र में रकबर ऊर्फ अकबर और उसके दोस्त असलम की गौ तस्करी के शक में भीड़ ने जमकर पिटाई कर दी थी।
इसमें अलसम तो किसी तरह बचकर निकल गया, लेकिन भीड़ की पिटाई से गंभीर घायल रकबर की अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
इस मामले में पुलिस ने धर्मेंद्र, परमजीत सिंह, नरेश, विजय और नवल को आरोपी मानते हुए गिरफ्तार किया था।