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उदयपुरवाटी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गोद लेने की घोषणा कर दी। ये वही उदयपुरवाटी है जहां से गहलोत सरकार से निलंबित किए गए नेता राजेंद्र गुढ़ा भी निवास करते हैं।
उदयपुरवाटी | राजस्थान की सुर्खियों में काफी समय से छाई झुंझुनूं के उदयपुरवाटी (Udaipurwati) एक बार फिर से जबदस्त चर्चा में है।
अब हो भी क्यों न हो, उदयपुरवाटी को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने गोद लेने की घोषणा कर दी।
ये वही उदयपुरवाटी है जहां से गहलोत सरकार से निलंबित किए गए नेता राजेंद्र गुढ़ा भी निवास करते हैं।
ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि सीएम गहलोत का ये दांव राजेंद्र गुढ़ा (Rajendra Gudha) को खुली चुनौती है। करीब 14 महीने बाद सीएम अशोक गहलोत उदयपुरवाटी पहुंचे। इससे पहले सीएम गहलोत राजेंद्र गुढ़ा के बेटे शिवम गुढ़ा के जन्मदिन पर पहुंचे थे।
तब सीएम गहलोत ने कहा था कि राजेंद्र गुढ़ा के कारण ही वे मुख्यमंत्री है। इसके बाद दोनों के रिश्तों में एक नया राजनीतिक मोड और लाल डायरी आ गई।
इस पूरे घटनाक्रम के बाद आज अशोक गहलोत उदयपुरवाटी पहुंचे और गुढ़ा के गढ़ में सियासी दांव खेला।
उन्होंने कहा कि इस बार फिर से कांग्रेस ने भगवानाराम सैनी को चुनाव मैदान में उतारा है।
इसी के साथ उन्होंने सैनी का बचाव करते हुए ये भी कहा कि पिछली बार सरकार की स्थिति ऐसी हो गई थी कि जो लोग कांग्रेस के नहीं थे, उन्हें भी साथ लेना पड़ा, जिसके चलते उदयपुरवाटी में कोई काम नहीं कर पाए।
सीएम गहलोत ने सियासी दांव खेलते हुए उदयपुरवाटी को गोद लेने का ऐलान कर दिया और वादा किया कि जो काम नहीं हो पाए वो कांग्रेस सरकार आते ही पूरे होंगे और मैं फिर से उदयपुरवाटी आऊंगा।
बोले- माली होने पर गर्व
सीएम गहलोत ने कहा कि उन्हें माली होने पर गर्व है। वे एक माली की तरह ही राजस्थान को सजाने-संवारने और उन्नत बनाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने ये भी कहा कि उदयपुरवाटी में माली समाज के लोग ज्यादा रहते हैं। ऐसे में उन सभी को गर्व होना चाहिए कि उनके माली समाज का एक कार्यकर्ता प्रदेश में शासन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि सभी चाहते है वे फिर से मुख्यमंत्री बनें। फिर से कांग्रेस की सरकार बनें।
ऐसे में सभी को भगवानाराम सैनी जैसे प्रत्याशियों को विधायक बनाकर भेजना होगा।